निर्वाचन आयोग ने तेलंगाना सरकार को दी गई रायथु बंधु योजना (Rythu Bandhu Scheme) के तहत किसानों को वित्तीय राशि वितरित करने की मंजूरी तत्काल प्रभाव से वापस ले ली है। आयोग ने राज्य को एक पत्र के जरिए निर्देश दिया है कि ऐसा करना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। आयोग ने राज्य के वित्त मंत्री टी. हरीश राव (T. Harish Rao) द्वारा इसे लेकर सार्वजनिक घोषणा करने के बाद यह फैसला लिया। निर्वाचन आयोग ने राज्य में भारत राष्ट्र समिति की सरकार को कुछ विशेष आधारों पर आचार संहिता के दौरान किस्त का भुगतान करने की मंजूरी दी थी। वहीं, सरकार को आचार संहिता के दौरान इसे लेकर प्रचार नहीं करने के लिए कहा गया था।

आयोग ने राज्य सरकार से दोपहर तीन बजे तक अनुपालन रिपोर्ट मांगी

प्रदेश सरकार को आयोग ने सोमवार दोपहर तीन बजे तक अपने इस आदेश की अनुपालन रिपोर्ट सौंपने को कहा है। दरअसल इस मामले को लेकर कांग्रेस ने राज्य की सत्ताधारी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) के खिलाफ आयोग को शिकायत की थी। पूर्व में चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को 28 नवंबर से पहले योजना के तहत योजना के संबंध में राशि वितरित करने की मंजूरी दी थी।

राज्य के मंत्री की सार्वजनिक घोषणा से हुआ आचार संहिता का उल्लंघन

तेलंगाना सरकार के वित्त, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी हरीश राव ने किस्तों का भुगतान जारी करने के बारे में सार्वजनिक घोषणा कर थी। उन्होंने कथित तौर पर कहा था, “किस्त सोमवार को दी जाएगी। किसानों का चाय-नाश्ता खत्म होने से पहले उनके खाते में राशि जमा हो जाएगी।”

तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए 30 नवंबर को मतदान होगा। निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को अपनी अनुमति वापस लेने के फैसले के बारे में सूचित किया।

आयोग ने कहा, “तेलंगाना सरकार के वित्त और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री टी हरीश राव ने मतदान की तारीख से पहले एक विशेष समय तक रायथु बंधु योजना के तहत वितरण के संबंध में बयान दिया है, जो 26 नवंबर, 2023 को समाचार पत्रों और स्थानीय मीडिया में रिपोर्ट की गई थी। आयोग ने पाया है कि राव, जो तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2023 में सिद्दीपेट निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार, स्टार प्रचारक और तेलंगाना के मंत्री भी हैं, ने न केवल आदर्श आचार संहिता के पैरा VII में निहित आदर्श आचार संहिता (MCC) के प्रावधानों का उल्लंघन किया है, बल्कि योजना के तहत रिलीज को प्रचारित करके शर्तों का भी उल्लंघन किया है। इस तरह चल रही चुनाव प्रक्रिया में समान अवसर को बाधित किया है।”