प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कटाक्ष किया कि आजकल प्रधानमंत्री बनने के लिए इतने चेहरे हैं कि हर गली मोहल्ले में कोई न कोई नया चेहरा उभर कर आ जाता है जो प्रधानमंत्री बनना चाहता है। उन्होंने सवाल किया कि इनमें से कौन चेहरा है जो आतंकवाद को खत्म कर सकता है? यह क्या सपा वाले कर सकते हैं? बसपा वाले कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि कांग्रेस वालों ने पहले किया ही नहीं तो अब क्या करेंगे। इसी के साथ अयोध्या में जनसभा के समापन के बाद प्रधानमंत्री ने जय श्रीराम का उद्घोष किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जितने चेहरे दिखते हैं उसमें से क्या कोई चेहरा है प्रधानमंत्री बनने लायक। उन्होंने कहा कि जो आठ सीटों पर लड़ रहे हैं वह भी प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं और जो 20 सीटों पर लड़ रहे हैं वह भी प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। और तो और जो 40 सीटों पर लड़ रहे हैं वह भी प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। जबकि इन्हें मालूम है कि विपक्ष का नेता बनने के लिए भी 50 से ज्यादा सीटों की जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि अब ये प्रधानमंत्री बनने के लिए कमर कस कर खड़े हो गए हैं। मुझे बताइए कि जितने प्रधानमंत्री बनने के लिए चेहरे दिख रहे हैं क्या आप उन पर भरोसा कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि आंबेडकर के नाम पर बहन जी ने क्या-क्या काम किया वह किसी से छिपा है क्या उसी तरह समाजवादी पार्टी ने डगर डगर लोहिया का नाम लिया लेकिन कानून व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया।उन्होंने कहा कि आतंकी देश में एक कमजोर सरकार के इंतजार में हैं। ये मौके की ताक में बैठे हैं। जैसे सड़कों पर लिखा रहता है- सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। ये आतंकवाद का खेल भी ऐसा ही है। सावधानी हटी नहीं, मौत का बुलावा आया नहीं। उन्होंने कहा कि यह बात इसलिए अहम है क्योंकि सपा, बसपा या कांग्रेस हो या कोई भी महामिलावटी हो, इनका आतंक पर नरमी का पुराना रिकॉर्ड रहा है।

उन्होंने कहा कि हमारी सुरक्षा एजंसियां आतंक के मददगारों को पकड़ती थी, ये वोट के लिए उन्हें छोड़ देते थे। आज यह महामिलावटी केंद्र में एक बार फिर मजबूर सरकार बनाने की फिराक में हैं। लेकिन आपको पूरी तरह से चौकन्ना रहना है। हम एक नए हिंदुस्तान के रास्ते पर चल पड़े हैं-जो छेड़ता नहीं है लेकिन कोई छेड़ेगा तो छोड़ता भी नहीं है। उन्होंने कहा कि जो सपा वाले गांव के गुंडे को नहीं मार सकते वह आतंकवादियों को ठीक कर सकते हैं क्या? जब बसपा वाले गांव के गुंडों को समाप्त नहीं कर सकते तो वे आतंकवादियों को मार सकते हैं क्या? उन्होंने कहा कि हमारे जवानों की बहादुरी के कारण, हमने सेना को खुली छूट दे दी है। सुरक्षा बलों को खुली छूट दे दी है। इसलिए पहले किया लक्षित हमला और अभी किया वायु हमला।

महाराष्ट्र के लातूर में प्रधानमंत्री के पहली बार मतदान करने वाले लोगों से यह कहना कि क्या आपका पहला वोट हवाई हमला करने वालों के लिए हो सकता है-आयोग ने कहा कि परामर्शों, आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के अनुरूप इस मामले का विस्तार से परीक्षण किया गया। आयोग ने माना कि प्रधानमंत्री का बयान चुनाव प्रचार में सशस्र बलों का जिक्र नहीं करने के उसके निर्देशों का उल्लंघन नहीं करता है।