Lok Sabha Election 2019 के लिए टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर महाराष्ट्र में कांग्रेस विधायक अब्दुल सत्तार ने मंगलवार (26 मार्च) को पार्टी दफ्तर से 300 कुर्सियां उठवा लीं। बताया जा रहा है कि विधायक ने यह कार्रवाई अपने समर्थकों की मदद से की। फिलहाल कांग्रेस ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है।
मोहम्मद सत्तार सिलोद से विधायक हैं। उन्होंने कहा कि वे पार्टी छोड़ चुके हैं। साथ ही, दावा किया कि कुर्सियों पर उनका मालिकाना हक है। बताया जा रहा है कि कुर्सियां न होने के कारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक एनसीपी के दफ्तर में हुई।
सूत्रों के मुताबिक, सत्तार को उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें औरंगाबाद सीट से लोकसभा का टिकट देगी। पार्टी ने इस सीट पर विधान परिषद सदस्य सुभाष झंबाद को टिकट दिया। माना जा रहा है कि शायद इससे सत्तार नाराज हो गए।
जानकारों के मुताबिक, जिले में अब्दुल सत्तार को कांग्रेस का प्रमुख नेता माना जाता है। वे औरंगाबाद लोकसभा सीट से टिकट मिलने की उम्मीद लगाए बैठे थे। मंगलवार को उन्हें जानकारी मिली कि शाहगंज स्थित गांधी भवन में कांग्रेस पार्टी अपने सहयोगी दल एनसीपी के साथ मीटिंग करने वाली है। ऐसे में उन्होंने मीटिंग होने से पहले अपने समर्थकों की मदद से 300 कुर्सियां हटवा दीं। सत्तार ने दावा किया कि ये सभी कुर्सियां उनकी थीं।
मोहम्मद सत्तार ने पीटीआई को बताया, ‘‘वे सभी कुर्सियां मेरी थीं। कांग्रेस की बैठकों के लिए उन्हें हमने ही मुहैया कराया था। जब मैंने पार्टी छोड़ दी है तो अपनी कुर्सियां भी वापस ले लीं। जिन्हें उम्मीदवारी मिली है, अब उन्हें ही कुर्सियों की व्यवस्था करनी चाहिए।’’
इस मामले में औरंगाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सुभाष झंबाद ने कहा, ‘‘शायद सत्तार को इन कुर्सियों की जरूरत थी, इस वजह से वे इन्हें ले गए। इससे हम निराश नहीं हैं। सत्तार अब भी कांग्रेस में ही हैं। पार्टी ने उनका इस्तीफा अब तक स्वीकार नहीं किया है।’’
