छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों के लिए पहले चरण का मतदान शुरू हो चुका है। कहा जाता है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता का रास्ता बस्तर से होकर जाता है लेकिन पिछले बार के चुनावों में ये गलत साबित हुआ था। 2003 और 2008 के चुनाव परिणाम को देखे तो पता चलता है जिसने बस्तर फतेह कर लिया उसे सत्ता हासिल हो गयी। लेकिन 2013 के विधानसभा चुनावों में ये मिथक टूट गया था। 2008 के चुनावों के बाद बस्तर की 12 में से 11 सीटें बीजेपी के पास थी, तब बीजेपी ने सरकार बनाई थी। जबकि 2013 में यहां 8 सीटें कांग्रेस को मिली थी, इसके बावजूद कांग्रेस की सरकार नहीं बनी थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रथम चरण के मतदान के लिए 12 सीटें बस्तर की है जिन पर आज मतदान हो रहा है।

सत्ताधारी दल बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही बस्तर संभाग में चुनाव प्रचार के दौरान अपनी ताकत झोंक चुके हैं, अब मतदान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में 2018 विधानसभा चुनावों के लिए मतदान की प्रक्रिया 12 नवंबर को शुरू हो चुकी है। बस्तर में इसके पहले हुए विधानसभा चुनावों पर नजर डाले तो साल 2013 के चुनावों में बीजेपी को 4 सीटें मिली थी जबकि कांग्रेस के खाते में 8 सीटें आयी थी। इसके पूर्व हुए 2008 के चुनावों में बीजेपी को 11 और कांग्रेस को 1 सीट मिली थी तथा 2003 के चुनावों में बीजेपी को 9 और कांग्रेस को 3 सीटें आयी थी। इन आंकड़ों से मालूम पड़ता है की बस्तर में सियासी समीकरण बदलने के बाद भी राज्य में सत्ता परिवर्तन नहीं हो सका।

बस्तर का चुनावी गणित एक अबूझ पहेली है। चुनाव प्रचार के दौरान बस्तर में एन्टीइन्कम्बेंसी फैक्टर को बीजेपी और कांग्रेस द्वारा एक दूसरे के ऊपर धकेलने की पुरजोर कोशिश हुई, क्योंकि राज्य में सरकार तो बीजेपी की है लेकिन इस बार बस्तर की अधिकांश सीटों पर कांग्रेस के ही विधायक है। कांग्रेस ने अपने 7 पुराने जीते हुए विधायकों पर भरोसा जताया है कमोबेश बीजेपी ने भी लगभग पुराने प्रत्याशियों पर ही दांव खेला है।

4 सीटें ऐसी है जहां दोनों दलों इस बार अपने उम्मीदवार बदले है। बीजेपी जहां इस बार बस्तर में अपनी सीटों की संख्या बढ़ानी चाहेगी तो कांग्रेस अपनी जीती हुई सीटों को बरकार रखने के साथ प्रदर्शन में और सुधार करना चाहेगी। गौरतलब है कि पिछले चुनाव ने यह मिथक तोड़ा था कि राज्य की सत्ता की चाबी बस्तर की 12 सीटों में है, लेकिन क्या इस बार के चुनाव में भी बस्तर का ये मिथ टूटेगा इसका पता तो चुनाव परिणाम के बाद ही चलेगा।