छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रमन सिंह की राजनांदगांव सीट से स्व.अटल बिहारी वाजपेई की भतीजी करुणा शुक्ला मैदान में है। मुख्यमंत्री रमन सिंह के सामने कांग्रेस पार्टी के द्वारा करुणा शुक्ला को मैदान में उतारने से मुकाबला रोचक होने की उम्मीद की जा रही है। गौरतलब है कि दोनों ही उम्मीदवार अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर जनता से वोट मांग रहे है। इस बार के चुनावों में नामों की अहमियत साफ नजर आ रही है। बीजेपी का कहना है कि अटल और बीजेपी दोनों एक दूसरे के पर्याय है, तो वही करुणा शुक्ला का आरोप है कि बीजेपी अब अटल जी के द्वारा दिखाये गए रास्तों से भटक गयी है।
बता दें कि बीजेपी की केंद्रीय कार्यकारिणी में करुणा शुक्ला पदाधिकारी रह चुकी है। उन्होंने कहा कि, इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि मै अटल जी की भतीजी हूं। उनकी सीख और साहस मेरे खून में है। मैं उनके सिद्धांतों से निर्दिष्ट होती हूँ। मौजूदा सीएम रमन सिंह पर तंज कसते हुए कहती है कि राजनांदगांव (रमन सिंह की विधानसभा सीट) के लोग जानते है कि यदि कांग्रेस चुनाव जीत गयी तो मै भ्रष्टाचार में डूबे इस राज्य में सुशासन का आदर्श कायम करुँगी।
गौरतलब है कि करुणा शुक्ला ने साल 2013 में बीजेपी छोड़ दी थी। तीस साल तक बीजेपी से जुडी रहने के बाद उन्होंने फरवरी 2014 में कांग्रेस ज्वाइन कर लिया था। करुणा शुक्ला ने बीजेपी में रहते हुए 2004 में जांजगीर से लोकसभा चुनाव जीता था। दोबारा 2009 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार कांग्रेस पार्टी ने उन्हें सीएम रमन सिंह के सामने राजनांदगांव से मैदान में उतारा है। करुणा शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह मुझे अपनी बहन कहते है और दावा करते है कि वो अटल जी के सिखाये रास्ते पर चल रहे है लेकिन मुझे लगता है वो अटल जी के सिखाये रास्ते से मीलों दूर है।
बीजेपी के कुछ नेताओं ने करुणा शुक्ला और रमन सिंह के बीच मुकाबले को बाहरी बनाम स्थानीय के रूप में पेश किया है। प्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि करुणा शुक्ला बाहरी है ये बात मतदाता जानते है तो वही एक और बीजेपी नेता ने कहा हम सुशासन और विकास के नाम पर वोट मांग रहे है। अटल जी और पार्टी के सभी बड़े नेता हमारे चुनावी अभियान का हिस्सा है।