बीजेपी ने लोकसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों की पांचवी लिस्ट भी जारी कर दी है। पार्टी की तरफ से कुल 111 नाम का ऐलान किया गया है। अब बीजेपी की ये पांचवीं लिस्ट हर मायने में खास है, इसमें जातीय समीकरण से लेकर दूसरे तमाम फैक्टरों पर ध्यान दिया गया है। कई बड़े चेहरों को इस बार मौका नहीं मिला है तो कुछ नए चेहरे पर दांव चलने का काम भी हुआ है।

अब अगर ध्यान से देखा जाए तो बीजेपी ने अपनी पांचवीं लिस्ट के जरिए कुल पांच संदेश देने का काम किया है। एक तरफ अगर ध्रुवीकरण फैक्टर पर पूरा जोर दिखा है तो अनुशासन पर भी ध्यान दिया गया है। सहानुभूति बटोरने की कवायत भी हुई है और कई सीटों पर मुद्दों से बड़ा चेहरा दिखाने की कोशिश हुई है।

संदेश नंबर 1- ध्रुवीकरण

इसके अलावा कुछ सीटों पर भाजपा ने इस बार दलबदलुओं पर भी भरोसा जताया है। बात अगर ध्रुवीकरण फैक्टर की करें तो बीजेपी ने रामानंद सागर की रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को मेरठ सीट से अपना उम्मीदवार बना दिया है। समझने वाली बात ये है कि इसी साल अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है, अरुण गोविल भी उस कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

उनको लेकर लोगों के बीच में एक अलग ही तरह की लोकप्रियता है। अब मेरठ से उन्हें टिकट देकर कई दूसरी आसपास की सीटों पर भी जीत दर्ज करने की कोशिश होगी। ये भी नहीं भूलना चाहिए कि अरुण गोविल ने कहने को सिर्फ भगवान राम का किरदार निभाया था, लेकिन आज भी समाज का बड़ा वर्ग उन्हें राम के रूप में ही पूजता है। ऐसे में बीजेपी उस छवि का पूरा फायदा उठाना चाहती है।

संदेश नंबर 2- अनुशासन

इसी तरह अगर दूसरे संदेश की बात करें तो बीजेपी ने अपनी लिस्ट से ये साफ कर दिया है कि अनुशासन ही सब कुछ है। जिस भी नेता ने पार्टी के खिलाफ बोला है, उनका टिकट काट दिया गया। इसका सबसे बड़ा उदाहरण उत्तर प्रदेश की पीलीभीत सीट पर देखने को मिला है जहां पर वरुण गांधी का टिकट इस बार काट दिया गया है। अटकलें है तो पहले से लगाई जा रही थीं कि बीजेपी इस बार वरुण को मौका नहीं देगी। अब उसी कड़ी पर उनका टिकट काट दिया गया है, बड़ी बात ये है कि उनकी मां मेनका गांधी को सुल्तानपुर से एक बार फिर चुनाव लड़ने का मौका मिला है, यानी कि बेटे से नाराजगी है, लेकिन मां पर अभी भी भरोसा जताया गया है।

संदेश नंबर 3- मुद्दों पर हावी चेहरे

देश की जैसी राजनीति है यहां पर देखा जाता है कि कई बार असल मुद्दों से ज्यादा बड़े चेहरे बन जाते हैं। पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी राजनीति पर आगे बढ़कर चुनाव दर चुनाव प्रचंड बहुमत हासिल करने का काम किया है। अब जब बीजेपी का टारगेट 400 प्लस का चल रहा है, उसे देखते हुए एक बार फिर कई सीटों पर लोकल मुद्दों को नजरअंदाज करने के लिए चेहरों पर फोकस किया जा रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट पर देखने को मिला है जहां से बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत को भाजपा ने चुनावी मैदान में उतार दिया है। बड़ी बात ये है कि कंगना रनौत आज तक राजनीति में सक्रिय नहीं थीं, लेकिन अब उनकी तरफ से ये बड़ा और निर्णायक सियासी डेब्यू किया जा रहा है।

संदेश नंबर 4- सहानुभूति फैक्टर

बीजेपी की पांचवी लिस्ट से ये बात भी साफ हो गई है कि पार्टी कई क्षेत्रों में सहानुभूति बटोरने की कोशिश करेगी। पश्चिम बंगाल में इस समय संदेशखाली वाला विवाद चरम पर चल रहा है, किसने सोचा था कि पार्टी वहां से संदेशखाली की ही एक पीड़ित महिला को प्रत्याशी घोषित कर देगी। लेकिन ऐसा हो चुका है, बीजेपी ने बशीर घाट से रेखा पात्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है। रेखा पात्रा वही हैं जिन्होंने न सिर्फ संदेशखाली को लेकर अपनी आवाज बुलंद की बल्कि आरोपी शेख शाहजहां के खिलाफ FIR दर्ज करवाई थी। ऐसे में बीजेपी अब उनके चेहरे के जरिए इस मुद्दे को भी भुनाना चाहती है और बंगाल की जनता के बीच में इस पूरे मुद्दे को लेकर जो सहानुभूति की लहर है, उसे भी अपने पाले में लाना चाहती है।

संदेश नंबर 5- दलबदलुओं का सम्मान

अगर बीजेपी के आखिरी संदेश की बात करें तो पार्टी ने एक बार फिर दलबदलुओं को पूरा सम्मान देने का काम किया है। अगर यूपी की पीलीभीत में वरुण गांधी का टिकट कटा है तो कांग्रेस से कद्दावर नेता आए जितिन प्रसाद को वहां से प्रत्याशी बना दिया गया है। इसी तरह झारखंड के दुमका में इस बार बीजेपी ने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन को अपना उम्मीदवार बनाया है, कुछ दिन पहले ही उन्होंने झामुमो को छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था।