वडोदार के निजामपुरा की 52 सोसायटीज ने आगामी लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की धमकी दी है। पूर्व भाजपा मेयर भरत शाह की अगुवाई में नागरिक एक बिल्डर द्वारा करीब 800 मुस्लिमों के लिए कॉलोनी बनाने की योजना का विरोध कर रहे हैं। नागरिकों ने अपने दरवाजों पर इससे जुड़े बैनर लगाए हैं और जिलाधिकारी को कई ज्ञापन सौंपे हैं। बैनरों में लिखा है, “बायकॉट इलेक्शन! एक अल्पसंख्यक समुदाय के 800 से ज्यादा लोगों के लिए एक कॉलोनी बनाने की साजिश को रोकने की जरूरत है। आगामी चुनावों के लिए, किसी पार्टी का कोई नेता हमारी सोसायटी में नहीं आ सकता।”
जिलाधिकारी कार्यालय की ओर जाते समय सोसायटी में रहने वालों ने जो बैनर थाम रखे थे, उनपर लिखा था- “जागो हिंदू जागो, हिंदू-बहुल इलाकों को बचाओ। निजामपुरा की 40 से ज्यादा सोसायटीज के हिंदुओं के पलायन को रोको। एक विशेष अल्पसंख्यक समुदाय के 800 से ज्यादा लोगों के लिए घरों के निर्माण को रोको। ‘सबको साथ सबका बचाव’।”
ऐसा ही विरोध 2015 में सयाजीपुरा इलाके के लोगों ने किया था जब कल्याण नगर स्लम के मुस्लिम रहवासियों को किफायदी घरों की योजना के तहत फ्लैट अलॉट किए गए थे। तब वडोदरा के मेयर रहे भरत शाह ने नगर निगम की योजना वापस ले ली थी और करीब 450 परिवारों को बेघर कर दिया था। अब शाह के नेतृत्व में निजामपुरा की सोसायटीज के लोगों ने जिलाधिकारी को 500 से ज्यादा रहवासियों के हस्ताक्षर वाला ज्ञापन सौंपा है।
नागरिकों का आरोप है कि गांव की जमीन दो साल पहले एक बिल्डर को दी गई थी। यह जमीन अब अल्पसंख्यक समुदाय के एक व्यक्ति को ट्रांसफर करने की कोशिश हो रही है। नागरिकों की चिंता है कि चूंकि यह इलाका अशांत क्षेत्र अधिनियम के तहत आता है, बहुसंख्यक धीरे-धीरे यहां से भगा दिए जाएंगे।
शाह ने कहा, “जिस जमीन की बात हो रही है वह गौचर (गांव से जुड़ा) है। रोजगार को बढ़ावा देने के लिए यहां एक फैक्ट्री लगाने की अनुमति दी गई थी लेकिन वह प्रोजेक्ट कभी पूरा नहीं हुआ और जगह खाली पड़ी है। दो साल पहले, कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए जमीन एक बिल्डर को दे दी गई। यह इलाका अशांत क्षेत्र अधिनियम के तहत आता है जिसका मतलब है कि जमीन बेचने से पहले किसी को भी जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी।”
पूर्व वडोदरा मेयर ने आगे कहा, “इस जमीन के पास में अल्पसंख्यक समुदाय रह रहा है और अगर कॉम्प्लेक्स में वो रहने लगे तो हम धीरे-धीरे इलाके से बाहर कर दिए जाएंगे। इसीलिए हम प्रशासन ने आश्वासन चाहते हैं कि ऐसा कोई पलायन न हो।” शाह ने कहा कि वे लोग पिछले दो साल से ज्ञापन सौंप रहे हैं मगर कुछ नहीं हुआ। इस संबंध में सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट महिपालसिंह चूड़ास्मा ने अब जांच शुरू कर दी है।