2019 Lok Sabha Election से ठीक पहले हुए पुलवामा हमले का असर इस बार टिकट वितरण में भी देखने को मिल रहा है। बीजेपी ने चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वालों से आवेदन फॉर्म में इस बार काफी बदलाव किया है। इस बार दावेदारों से पांच सालों में उनके कामकाज के साथ-साथ उनकी जागरुकता और सॉफ्ट स्किल्स की भी जानकारी मांगी गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक खास बात यह है कि इस बार आवेदकों से उनके इलाकों के शहीदों के नाम भी पूछे हैं। माना जा रहा ही कि पार्टी की राष्ट्रीय चुनाव समिति की तीन-चार बैठकों के बाद बड़ी संख्या में प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जाएगा।
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक सांसदों से सांसदों से उनके प्रतिद्वंद्वियों को लेकर भी सवाल पूछा गया है। इनके अलावा जातिगत समीकरण, संसदीय क्षेत्र के विधायकों, स्थानीय मुद्दों की जानकारी भी मांगी गई है। जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार हैं वहां के दावेदारों से मोदी सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों की जनकल्याणकारी योनजाओं का जिक्र करने के लिए भी कहा गया है। इसके साथ ही पार्टी के कार्यक्रमों में उनकी सहभागिता की तारीख, जगह और कार्यक्रम समेत जानकारी मांगी गई है।
सीनियर बीजेपी नेता ने कहा, ‘पार्टी के अधिकांश कार्यक्रमों में हमेशा स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान सुनिश्चित किया जाता रहा है। शहीदों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया जाता रहा है। शहीदों का सम्मान भी इसी कड़ी का हिस्सा है।’ गौरतलब है कि पुलवामा हमले और एयर स्ट्राइक के बाद सियासी गलियारों में इसके चुनावी फायदे-नुकसान पर भी बहस जारी है।