Rajasthan: राजस्थान के जयपुर निवासी मयंक प्रताप सिंह (Mayank Pratap Singh) ने 21 साल की उम्र में इतिहास रच दिया है। वह भारत की न्यायिक सेवा परीक्षा 2018 (Judicial Services 2018) को पास कर सबसे कम उम्र के जज बनने वाले हैं। बकौल मयंक राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा इस परीक्षा की न्यूनतम आयुसीमा को 23 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष करना उसके लिए काफी मददगार साबित हुआ। मयंक के माता-पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं और बड़ी बहन इंजीनियर हैं।

Rajasthan Judicial Services Exam का नतीजा घोषित: (आरजेएस)-2018 परीक्षा में जयपुर के मयंक प्रताप सिंह ने टॉप किया है। ऐसा करने के साथ ही उन्होंने 23 साल की उम्र में सबसे युवा जज होने का रिकॉर्ड तोड़ दिया और महज 21 साल की उम्र में जज बनने वाले देश के पहले शख्स बनने जा रहे हैं। मयंक ने इसी साल राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलबी (5 साल) की डिग्री हासिल की और आरजेएस परीक्षा की तैयारी में जुट गए। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को पास किया है। बता दें कि मयंक ने अपनी ग्रेजुएशन लास्ट ईयर की परीक्षा के मात्र दो महीने बाद ही आरजेएस का पेपर दिया और सफलता हासिल की।

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क्या बोले मयंक प्रताप सिंह: राजस्थान न्यायिक सेवा 2018 की परीक्षा पास कर देश के सबसे युवा जज बनने वाले मयंक कहते हैं, “मुझे शुरू से ही समाज में न्यायाधीशों के प्रति सम्मान और महत्व के चलते न्यायिक सेवा परीक्षा की ओर झुकाव था।” उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं अपनी इस सफलता पर परिवार, टीचर्स और शुभ-चिंतकों को धन्यवाद देता हूं।

राजस्थान हाईकोर्ट ने घटाई थी उम्र की सीमा: बता दें कि राजस्थान हाईकोर्ट ने साल 2019 में राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा के लिए न्यूनतम आयु को 23 से घटाकर 21 साल कर दिया था। जिसके चलते मयंक इतिहास रचने में सफल हो पाए हैं।