UPSC Success Story in Hindi: सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने के लिए अभ्यर्थी दिन रात एक कर देते हैं। वहीं, कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जिन्हें विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए मेहनत के साथ ही संयम भी बनाए रखना पड़ता है। ऐसी ही एक कहानी है दिव्यांशु निगम की जिन्होंने यूपीएससी इंटरव्यू से ठीक पहले अपने पिता को कोविड-19 की वजह से खो दिया था। दिव्यांशु इस अपूरणीय क्षति के बावजूद भी अपने लक्ष्य से नहीं डिगे और आखिर में कामयाबी हासिल की।

दिव्यांशु निगम मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं। उन्होंने बिट्स पिलानी गोवा से केमिकल इंजीनियरिंग से बी.टेक किया है। इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी।‌ दिव्यांशु ने दो बार सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा क्लियर की थी लेकिन मेन्स में विफल रहे।

UPSC CSE Topper: कोविड-19 ने छीना पिता का साया

दिव्यांशु ने यूपीएससी एग्जाम के तीसरे अटेम्प्ट में मेन्स भी क्लियर कर लिया था। इस कामयाबी से उनके पिता बेहद खुश हुए थे। हालांकि, किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। दिव्यांशु ने फाइनल इंटरव्यू से पहले कोविड-19 की वजह से अपने पिता को खो दिया था। ‌इस दुखद हादसे के बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने पिता के सपने को पूरा करने की ठान ली थी। आखिरकार, कठिन परिश्रम और लगन के बाद दिव्यांशु ने तीसरे प्रयास में न केवल परीक्षा क्लियर की बल्कि 44वीं रैंक के साथ आईएएस भी बनें।

IAS Divyanshu Nigam: अभ्यर्थियों के लिए यह सलाह

दिव्यांशु का कहना है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं अभ्यर्थियों को प्रतिदिन लगभग 8 घंटे पढ़ाई करनी चाहिए। साथ ही प्रीलिम्स से ज्यादा मेन एग्जाम पर फोकस करना चाहिए। उनका मानना है कि अगर सही गाइडेंस मिले तो अभ्यर्थी आसानी से सिविल सेवा परीक्षा में सफल हो सकते हैं।