UPSC: यूपीएससी एक ऐसा सपना है जिसके लिए लोग सालों साल मेहनत करते हैं, तरह-तरह की कोचिंग का सहारा लेते हैं लेकिन कुछ ही लोग इस परीक्षा को पास कर पाते हैं। यहां हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताएंगे जिसने बिना किसी कोचिंग के पहले ही अटेम्प्ट में इस परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल कर लिया।
रुकमणी रायर चंडीगढ़ की रहने वाली हैं। इनके पिता बलजिंदर सिंह रायर होशियारपुर के डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी रह चुके हैं जबकि इनकी माता एक गृहिणी हैं। रुकमणी को कम उम्र में ही बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया था। इस वजह से वह काफी परेशान थी और कक्षा 6 में फेल हो गई थी। इस असफलता से उन्होंने सीख ली और जीवन में हर कठिनाई का डटकर सामना करने का फैसला किया।
रुकमणी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद अमृतसर के गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से सोशल साइंस में बैचलर्स की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में सोशल एंटरप्रेन्योरशिप में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। पोस्ट ग्रेजुएशन में उन्हें गोल्ड मेडल भी मिल चुका है। इसके अलावा रुकमणी ने प्लैनिंग कमिशन ऑफ इंडिया में इंटर्नशिप भी की है और मैसूर और मुंबई के एनजीओ में भी काम कर चुकी हैं।
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साल 2011 में रुक्मणी ने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी और पहले ही अटेम्प्ट में न केवल उन्होंने यह परीक्षा पास की बल्कि दूसरी रैंक भी हासिल की थी। रुक्मणी का वैकल्पिक विषय पॉलिटिकल साइंस और सोशियोलॉजी था। बता दें कि उन्होंने इस परीक्षा के लिए किसी भी कोचिंग का सहारा नहीं लिया था। रुकमणी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की एनसीईआरटी पढ़ने की सलाह देती हैं और यूपीएससी इंटरव्यू के लिए अच्छी तरह से न्यूज़पेपर पढ़ने पर ज़ोर देती हैं। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के दौरान टेस्ट सीरीज और मॉक सेशन का भी सहारा लिया था। इसके अलावा उन्होंने न्यूज़ पेपर से अच्छे आर्टिकल इकट्ठा किए थे जिसका फायदा उन्हें आंसर राइटिंग में मिला। असफलताओं के सामने नहीं मानी हार, अमित ने तीसरे अटेम्प्ट में किया टॉप
रुक्मणी बताती हैं कि कक्षा 6 में फेल होने के बाद उन्हें असफलता से डर लगने लगा था। उस घटना के बाद से उन्होंने कठिन परिश्रम करने की ठान ली थी। उनका मानना है कि अगर आप अपनी पढ़ाई को लेकर कंसिस्टेंट है तो बिना किसी कोचिंग के भी इस परीक्षा को पास किया जा सकता है।