UPSC: रेना जमील झारखंड के धनबाद जिले की रहने वाली हैं। उनके पिता मोहम्मद जमील टाटा कंपनी में काम किया करते थे। वैसे तो झारखंड को लड़कियों की शिक्षा में पिछड़े राज्यों में गिना जाता है लेकिन रेना के परिवार वालों ने उन्हें बचपन से ही पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया है। रेना ने कक्षा 8वीं तक की पढ़ाई गांव के एक उर्दू स्कूल से की है। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद रेना ने जूलॉजी विषय से B.Sc. की डिग्री प्राप्त की है। फिर उन्होंने B.Ed. और M.Sc. की डिग्री भी हासिल की है। रेना ने इसके बाद सिविल सेवा परीक्षा देने का विचार बनाया और इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी।
रेना हमेशा से ही साइंस की स्टूडेंट रही थीं। ऐसे में सिविल सेवा परीक्षा के लिए आर्ट्स विषय को समझना उनके लिए काफी मुश्किल था। इस स्थिति में उनके बड़े भाई ने उनकी काफी मदद की थी, जो कुछ समय पहले ही इंडियन रिवेन्यू सर्विस के लिए चुने गए थे। रेना को इस दौरान कई अन्य मुसीबतों का भी सामना करना पड़ा था लेकिन उन्होंने कभी भी किसी कठिनाई के सामने घुटने नहीं टेके और पूरे दृढ़ निश्चय के साथ पढ़ाई में लगी रहीं।
रेना ने साल 2016 ने सिविल सेवा परीक्षा का पहला अटेम्प्ट दिया था। अपने पहले ही प्रयास में रैना ने 882वीं रैंक प्राप्त कर ली थी और उनका चयन इंडियन इनफॉरमेशन सर्विस के लिए हो गया था। इस सफलता के बाद उन्होंने ट्रेनिंग भी ज्वाइन कर ली थी लेकिन उन्होंने तो आईएएस बनने का सपना देखा था। अपने सपने को पूरा करने के लिए रेना ने दोबारा परीक्षा दी लेकिन तैयारी ठीक तरह से न होने के कारण वह प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाईं थीं। इसके बाद उन्होंने नौकरी से छुट्टी ली और फिर तैयारी में जुट गईं। आखिरकार, रेना ने तीसरे प्रयास में मनचाहा पद प्राप्त कर ही लिया।
UPSC: चौथे प्रयास में 17वीं रैंक प्राप्त करने वाली नमामि परीक्षा के लिए देती हैं यह सुझाव
रेना का मानना है कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए कम किताबों से ही पढ़ाई करें। कम किताबें होने की वजह से रिवीजन में आसानी होती है और समय भी बचता है। वहीं, बेसिक्स तैयार करने के लिए एनसीईआरटी किताबों को ज़रूर पढ़ना चाहिए। उनके अनुसार करंट अफेयर्स के लिए नियमित रूप से अखबार ज़रूर पढ़ें। दूसरी परीक्षाओं की तुलना में सिविल सेवा परीक्षा पास करना ज्यादा मुश्किल होता है, ऐसे में धैर्य बनाए रखना और सकारात्मक रहना भी बेहद आवश्यक है।