UPSC: आज हम आपको उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव से निकलकर यूपीएससी परीक्षा में टॉप करने वाले अनुभव सिंह की कहानी बताएंगे। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के रहने वाले अनुभव एक बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता धनंजय सिंह एक किसान हैं और उनकी माता सुषमा सिंह एक सरकारी स्कूल में क्लर्क की नौकरी करती हैं। अनुभव ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही एक स्कूल से प्राप्त की है। इसके बाद उन्होंने कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं की पढ़ाई शिवकुटी के BBS इंटरमीडिएट कॉलेज से पूरी की है। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद अनुभव ने IIT रुड़की से सिविल इंजीनियरिंग में बैचलर्स की डिग्री हासिल की है। ग्रेजुएशन के दौरान ही अनुभव ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी।
अनुभव ने यूपीएससी परीक्षा के पहले प्रयास में ही 683वीं रैंक प्राप्त की और भारतीय राजस्व सेवा में उनका सेलेक्शन भी हो गया था। उन्होंने इसके लिए ट्रेनिंग शुरू कर दी थी लेकिन साथ ही भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए भी अपनी तैयारी जारी रखी थी। हालांकि, बाद में उन्होंने अपनी ट्रेनिंग छोड़ दी थी, जिससे वह केवल पढ़ाई पर ही फोकस कर सकें। उनके इस फैसले का नतीजा यह हुआ कि साल 2017 के दूसरे प्रयास में अनुभव ने 7वीं रैंक के साथ टॉप किया था। बता दें कि अनुभव उत्तर प्रदेश के भी टॉपर रहे थे। अपनी इस सफलता का श्रेय अनुभव अपने परिवार वालों और खासकर दादा को देते हैं, जिन्होंने उन्हें हमेशा अपना सपना पूरा करने के लिए प्रेरित किया।
UPSC: बचपन में ही नेत्रहीन हो गए थे अजीत, आईएएस अधिकारी बनने के लिए सिस्टम से भी करना पड़ा था संघर्ष
अनुभव कहते हैं कि यूपीएससी की तैयारी के लिए किताबों का चयन बेहद ध्यान से करना चाहिए। वह एनसीईआरटी किताबों पर ज़्यादा फोकस करने की सलाह देते हैं। सिलेबस पढ़ने के अलावा अनुभव नियमित रूप से रिवीजन करने पर भी काफी ज़ोर देते हैं। अनुभव का मानना है कि मेन्स परीक्षा के लिए एस्से की अच्छी प्रैक्टिस होनी चाहिए और ऑप्शनल सब्जेक्ट भी सोच समझकर ही चुनना चाहिए। बता दें कि अनुभव का ऑप्शनल सब्जेक्ट मैथ्स था और इसमें उन्होंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था।