यूजीसी की गाइडलाइन्स के मुताबिक सभी यूनिवर्सिटीज को अपने यहां फाइनल ईयर के स्टूडेट्स के एग्जाम कराने जरूरी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि फाइनल ईयर/सेमेस्टर की परीक्षाएं आयोजित किए बिना छात्रों को पास नहीं किया जा सकता। राज्यों को यूजीसी गाइडलाइन्स के मुताबिक 30 सितंबर 2020 के पहले परीक्षाओं को आयोजित कराना होगा। शीर्ष अदालत ने साथ ही कहा था कि जो राज्य 30 सितंबर 2020 तक फाइनल ईयर की परीक्षा कराने के इच्छुक नहीं हैं, उन्हें यूजीसी को इसकी जानकारी देनी होगी।
UGC Exam Guidelines 2020 Live Updates: Check Your Exam Date
यूजीसी ने अंडर ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर (यूजी) और पोस्ट ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर (पीजी) के नए अकादमिक सत्र 2020-2021 के लिए संशोधित गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। यूजीसी की गाइडलाइंस के मुताबिक, इस बार अगर कोई छात्र 30 नवंबर 2020 तक एडमिशन कैंसल व माइग्रेशन कराता है तो उसे पूरी फीस रिफंड की जाएगी। लॉकडाउन में पैरेंट्स को आई आर्थिक दिक्कतों के चलते यह फैसला लिया गया है। संशोधित गाइडलाइंस के मुताबिक यूजी और पीजी फर्स्ट ईयर के छात्रों के लिए नया सत्र (2020-21) 1 नवंबर से शुरू होगा। यानी 1 नवंबर से फर्स्ट ईयर के छात्रों की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी।


कामधेनु विश्वविद्यालय (केयू) के साथ गुजरात राज्य के चार अलग-अलग कृषि विश्वविद्यालयों के 11 कॉलेजों को लाने का एक विधेयक गुरुवार देर रात गुजरात विधानसभा में बहुमत से पारित हो गया। अब 11 कॉलेज यूनिवर्सिटी के साथ जुड़ेंगे।
कोई भी छात्र, जो अंतिम सेमेस्टर के लिए परीक्षा शुल्क और फॉर्म जमा कर चुका है, लेकिन किसी भी तरह से परीक्षा क्षेत्र में रहने के कारण परीक्षा में उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं या कोरोना पॉजिटिव हैं, वे अपने कॉलेज या यूनिवर्सिटी को पहले इस बारे में सूचित कर दें।
अदालत ने माना कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को UGC के दिशानिर्देशों के विपरीत जाकर परीक्षा न कराने के आदेश देने का अधिकार है, इसलिए अदालत राज्यों को यह अनुमति देती है कि वे UGC से एग्जाम कराने की डेडलाइन में छूट मांग सकते हैं।
कलकत्ता विश्वविद्यालय ने सोमवार को जानकारी दी है यूनिवर्सिटी के फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा डिजिटल मोड से ली जाएगी। डिजिटल मोड पर प्रश्नपत्रों का जवाब देने के छात्रों को दो घंटे का समय दिया जाएगा।
परीक्षा के दिन, क्वेश्चन पेपर ईमेल के माध्यम से या व्हाट्सएप के माध्यम से या विभाग या कॉलेज की वेबसाइट पर छात्रों को उपलब्ध कराया जाएगा। इसलिए, छात्रों को निर्देश दिया जाता है कि वे अपने विभागों /कॉलेजों के साथ निरंतर संपर्क में रहें ताकि निर्देशों का ठीक से पालन किया जा सके।
बैंगलोर विश्वविद्यालय ने अंतिम वर्ष की स्नातक/ स्नातकोत्तर परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। परीक्षाएं जो 25 सितंबर से आयोजित होने वाली थी मगर अब 05 अक्टूबर से आयोजित की जाएगी।
क्वेश्चन पेपर ईमेल और व्हाट्सएप के माध्यम से छात्रों को भेजे जाएंगे। छात्र अपनी आंसर शीट भी ऑनलाइन ही जमा करेंगे। यदि कोई छात्र ऐसा करने में विफल रहता है तो वह अपनी आंसर शीट की हार्ड कॉपी पोस्ट के माध्यम से विश्वविद्यालय को भेजेगा।
पश्चिम बंगाल के राज्य विश्वविद्यालयों में गुरुवार को डिजिटल मोड पर अंतिम सेमेस्टर स्नातक और स्नातकोत्तर परीक्षाएं शुरू हुईं, अधिकारियों ने कहा कि यह सुचारू रूप से चल रहा है। कोलकाता विश्वविद्यालय के स्नातक स्तर पर 152 महाविद्यालयों के 104 विषयों के लिए परीक्षा शुरू हो गई हैं।
राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने एक बयान जारी कर पुष्टि की कि उनकी परीक्षा अनिश्चित काल के लिए टाल दी गई है। औरंगाबाद, अमरावती और जलगांव विश्वविद्यालयों से परिपत्र भी ऑनलाइन परीक्षा के स्थगित होने का एक ही कारण बताते हुए जारी किए गए थे।
चार विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं का फिलहाल के लिए टाल दिया गया है। इनमें औरंगाबाद, अमरावती, जलगांव और अब राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय शामिल हैं। अन्य राज्यों में फाइनल ईयर एग्जाम की ताजा जानकारी के लिए हमारे अपडेट्स को फॉलो कर सकते हैं।
गैर-कृषि विश्वविद्यालयों के गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग को लागू नहीं करने को लेकर 24 सितंबर से कर्मचारियों की एक्शन कमेटी हड़ताल पर है। जिसकी वजह से महाराष्ट्र में चार विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं का फिलहाल के लिए टाल दिया गया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रो. परविंदर सिंह, परीक्षा नियंत्रक (सीओई) ने कहा कि पर्यावरण और सड़क सुरक्षा शिक्षा परीक्षा भी लगभग 5,000 उम्मीदवारों के लिए Google फॉर्म के विकल्प के साथ ऑनलाइन आयोजित की गई थी, जिन्होंने अपने पिछले वर्षों में परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब विश्वविद्यालय में परीक्षा शनिवार और रविवार सहित 17 दिनों तक जारी रही। इन दिनों तीन स्लैबों में यानी सुबह 9 से 11 बजे, सुबह 10 से 12 बजे और दोपहर 2 से शाम 4 बजे तक कुल 1,400 परीक्षाएं आयोजित की गईं।
यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन लर्निंग (यूएसओएल) और निजी उम्मीदवारों से स्नातक, स्नातकोत्तर और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लगभग 80,000 छात्र, पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित पहली बार ऑनलाइन परीक्षा में उपस्थित हुए हैं,
इस साल महामारी के कारण परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है। अन्य राज्यों और देश-विदेश के कई छात्र भी पुणे, अहमदनगर और नासिक जिलों के कॉलेजों से मान्यता प्राप्त हैं, जो परीक्षा के लिए उपस्थित होंगे। विभिन्न कॉलेजों के कुल 3.64 लाख छात्र यूनिवर्सिटी से संबद्ध हैं, जिनमें से 2.23 लाख छात्र नियमित छात्र हैं।
SPPU परीक्षा में 50 अंकों के प्रश्नपत्रों को बहुविकल्पीय प्रश्नों, MCQ के साथ एक घंटे की अवधि में आयोजित करने की योजना थी। SPPU संकायों ने अब तक लगभग 3,300 विषयों के लिए प्रश्नपत्र सेट तैयार किए थे।
गैर-शिक्षण कर्मचारियों की हड़ताल, परीक्षा की तारीखें अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ टकराव और एजेंसी की नियुक्ति में देरी, जो परीक्षा आयोजित करने वाले कार्यक्रम पर काम कर रही है, जैसे कई कारणों से परीक्षा में देरी हुई है।
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, एसपीपीयू प्रशासन ने घोषणा की कि अंतिम वर्ष की परीक्षाएं स्थगित हैं। अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं 5 अक्टूबर, 2020 से आयोजित की जानी थीं, लेकिन समय सारणी जारी नहीं की गई थी। परीक्षाएं अब 12 अक्टूबर, 2020 से आयोजित की जाएंगी।
गुड एकेडमिक रिसर्च प्रैक्टिस, दस्तावेज़ संभावित खतरों और अच्छे अभ्यासों पर ध्यान केंद्रित करके अनुसंधान की अखंडता को बढ़ाने के लिए सामान्य रूपरेखा प्रदान करेगा। यूजीसी के उपाध्यक्ष डॉ. भूषण पटवर्धन ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मार्गदर्शन दस्तावेज उपयोगी होगा क्योंकि शैक्षिक अखंडता के मानकों में सुधार के साथ-साथ शोध की गुणवत्ता की भी आवश्यकता है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मंगलवार को एक दस्तावेज प्रकाशित किया है जो गुड रिसर्च प्रैक्टिस पर एक फ्रेमवर्क प्रस्तुत करता है। इस दस्तावेज़ का शीर्षक गुड एकेडमिक रिसर्च प्रैक्टिस है।
कलकत्ता विश्वविद्यालय ने सोमवार को जानकारी दी है यूनिवर्सिटी के फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा डिजिटल मोड से ली जाएगी। डिजिटल मोड पर प्रश्नपत्रों का जवाब देने के छात्रों को दो घंटे का समय दिया जाएगा।
अदालत ने कहा कि राज्य परीक्षाएं कराने के लिए UGC से और समय मांग सकते हैं मगर बगैर परीक्षा कराए छात्रों को प्रोमोट नहीं कर सकते क्योंकि यूनिवर्सिटी को UGC के ऊपर अधिकार नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने डीएम एक्ट के तहत विश्वविद्यालय परीक्षा रद्द करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा है। हालांकि, कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के बिना छात्रों को प्रोमोट नहीं किया जा सकता।
महाराष्ट्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया है कि यह राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण था जिसने महामारी के बीच राज्य में परीक्षा आयोजित नहीं करने का निर्णय 13 जुलाई को लिया था।
अदालत द्वारा जारी फैसले के अनुसार, कॉलेज/यूनिवर्सिटी के फाइनल ईयर के एग्जाम स्थगित तो किए जा सकते हैं मगर परीक्षाएं रद्द नहीं की जा सकती और न ही छात्रों को इंटर्नल मार्क्स के आधार पर पास किया जा सकता है।
अदालत में UGC ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि देशभर के विश्वविद्यालयों को आयोग द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। इसलिए कोई भी राज्य सरकार आयोग के निर्देशों के खिलाफ परीक्षा रद्द करने का फैसला नहीं ले सकती। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग के तर्क को सही ठहराया है।
महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और ओडिशा ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया था कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को निर्देश दिया जाए कि वह चल रहे महामारी के दौरान लाखों विश्वविद्यालय के छात्रों पर अंतिम वर्ष की परीक्षा का दबाव न बनाए। अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए राज्यों को परीक्षा रद्द करने की अनुमति तो दी है मगर कहा है कि बगैर परीक्षा के डिग्री नहीं दी जा सकती।
अभी लागू शिक्षा नीति के अनुसार किसी छात्र को शोध करने के लिए स्नातक, एमफिल और उसके बाद पी.एचडी करना होता था। परंतु नई शिक्षा नीति के लागू होने के बाद जो छात्र शोध क्षेत्र में जाना चाहते हैं वे चार साल के डिग्री प्रोग्राम के बाद सीधे पीएचडी या डीफिल में प्रवेश ले सकते हैं। वहीं जो छात्र नौकरी करना चाहते हैं उनके लिए वही डिग्री कोर्स तीन साल में पूरा हो जाएगा। वहीं शोध को बढ़ृावा देने के लिए और गुणवत्ता में सुधार के लिए नेशनल रिसर्च फाउनंडेशन की भी स्थापना की जाएगी।
कलकत्ता विश्वविद्यालय ने सोमवार को जानकारी दी है यूनिवर्सिटी के फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा डिजिटल मोड से ली जाएगी। डिजिटल मोड पर प्रश्नपत्रों का जवाब देने के छात्रों को दो घंटे का समय दिया जाएगा।
यह निर्णय राज्य के सभी सरकारी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और नियंत्रकों की बैठक में लिया गया। इसकी अध्यक्षता हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर बृज किशोर कुठियाला ने की।
अदालत ने यह माना है कि राज्यों और विश्वविद्यालयों को छात्रों को प्रमोट करने के लिए और डिग्री प्रदान करने के लिए परीक्षा आयोजित करनी होगी। आंतरिक मूल्यांकन यूजीसी की आवश्यकताओं को पूरा नहीं करेंगे।
ओडिशा सरकार ने COVID के बढ़ते मामलों के चलते यह कहा था कि छात्रों के स्वास्थ्य के मद्देनज़र, परीक्षाएं आयोजित करा पाना संभव नहीं है। राज्य सरकार ने अभी तक परीक्षा की तिथि के संबंध में कोई जानकारी जारी नहीं की है।
महाराष्ट्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया है कि यह राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण था जिसने महामारी के बीच राज्य में परीक्षा आयोजित नहीं करने का निर्णय 13 जुलाई को लिया था।
अदालत द्वारा जारी फैसले के अनुसार, कॉलेज/यूनिवर्सिटी के फाइनल ईयर के एग्जाम स्थगित तो किए जा सकते हैं मगर परीक्षाएं रद्द नहीं की जा सकती और न ही छात्रों को इंटर्नल मार्क्स के आधार पर पास किया जा सकता है।
अदालत में UGC ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि देशभर के विश्वविद्यालयों को आयोग द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। इसलिए कोई भी राज्य सरकार आयोग के निर्देशों के खिलाफ परीक्षा रद्द करने का फैसला नहीं ले सकती। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग के तर्क को सही ठहराया है।
बैंगलोर विश्वविद्यालय ने अंतिम वर्ष की स्नातक/ स्नातकोत्तर परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। परीक्षाएं जो 25 सितंबर से आयोजित होने वाली थी मगर अब 05 अक्टूबर से आयोजित की जाएगी।
कामधेनु विश्वविद्यालय (केयू) के साथ गुजरात राज्य के चार अलग-अलग कृषि विश्वविद्यालयों के 11 कॉलेजों को लाने का एक विधेयक गुरुवार देर रात गुजरात विधानसभा में बहुमत से पारित हो गया। अब 11 कॉलेज यूनिवर्सिटी के साथ जुड़ेंगे।
कोई भी छात्र, जो अंतिम सेमेस्टर के लिए परीक्षा शुल्क और फॉर्म जमा कर चुका है, लेकिन किसी भी तरह से परीक्षा क्षेत्र में रहने के कारण परीक्षा में उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं या कोरोना पॉजिटिव हैं, वे अपने कॉलेज या यूनिवर्सिटी को पहले इस बारे में सूचित कर दें।
परीक्षा और मूल्यांकन बोर्ड के निदेशक महेश काकड़े ने कहा, दो संकायों, फार्मेसी और कानून की टाइमटेबिल जल्द ही विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों को 1 अक्टूबर से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया था, SPPU ने अपने अंतिम सर्कुलर में छात्रों को सूचित किया था कि बैकलॉग परीक्षाएं 5 अक्टूबर से शुरू होंगी और नियमित छात्र 15 अक्टूबर से अपनी परीक्षा देंगे।