जबकि देश भर के कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया बंद हो रही है, ऐसे में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने मंगलवार 23 मार्च को उन 23 फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी की जो देश भर में कार्यरत हैं। उनमें से, अधिकांश उत्तर प्रदेश और दिल्ली में स्थित हैं। यूपी के आठ शैक्षणिक संस्थानों को फर्जी करार दिया गया, जबकि सात दिल्ली के हैं।
दिल्ली में जिन फर्जी विश्वविद्यालयों को चलता पाया गया है उनमें कॉमर्शियल यूनिवर्सिटी, यूनाईटेड नेशंस यूनिवर्सिटी, वोकेश्नल यूनिवर्सिटी, एडीआर-सेंट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी फॉर सेल्फ इम्प्लायमेंट, आध्यात्मिक विश्वविद्यालय और वरनस्य संस्कृत विश्वविद्यालय शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी कानपुर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस विश्वविद्यालय (मुक्त विश्वविद्यालय), अलीगढ़ उत्तर प्रदेश विश्व विद्यालय, कोसी कलां, मथुरा महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्व विद्यालय, प्रतापगढ़, वारणसी संस्कृत विश्व विद्यालय, वाराणसी महिला ग्राम विद्यापीठ / विश्व विद्यालय, (महिला विश्वविद्यालय), इलाहाबाद, गांधी हिंदी विद्यापीठ, प्रयाग, इलाहाबाद, तथा इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद, संस्थागत क्षेत्र, खोड़ फेक यूनिवर्सिटी की लिस्ट में शामिल हैं।
पिछले साल भी, यूजीसी ने ऐसे फर्जी विश्वविद्यालयों की एक सूची जारी की थी, जिसमें मैथिली विश्वविद्यालय दरभंगा (बिहार), वारणसी संस्कृत विश्व विद्यालय, वाराणसी (यूपी), वाणिज्यिक केंद्र लिमिटेड दरियागंज (नई दिल्ली) और संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय, दिल्ली शामिल थे। इस वर्ष जारी लिस्ट में सबसे अधिक फेक कॉलेज यूपी और दिल्ली में कार्यरत हैं।
