देश का उच्च शिक्षा नियामक, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की अंतिम वर्ष की परीक्षा और शैक्षणिक कैलेंडर के संबंध में जल्द संशोधित दिशानिर्देश जारी करने वाला है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने 24 जून को जानकारी दी थी कि संशोधित दिशानिर्देश UGC द्वारा एक सप्ताह के भीतर घोषित कर दिए जाएंगे। आयोग के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों में अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए जो परीक्षा जुलाई में आयोजित होने वाली थीं, वह अब देश में COVID-19 मामलों में स्पाइक को देखते हुए रद्द किए जाने की संभावना है।
UGC Guidelines 2020 Updates: Check Here
देश में अनलॉक-2.0 शुरू हो गया है तथा अब नया शैक्षणिक सत्र अक्टूबर तक स्थगित होने की संभावना है। पहले आयोग की तरफ से 02 जुलाई को दिशानिर्देश जारी होने की उम्मीद थी मगर अब आधिकारिक घोषणा आज किए जाने की संभावना है। देशभर में छात्र कोरोना संक्रमण के प्रसार को देखते हुए परीक्षाएं रद्द करने की मांग कर रहे हैं तथा UGC के निर्देशों पर नज़र बनाए हुए हैं। ताजा जानकारी देखते रहने के लिए छात्र हमारे साथ बने रहें।
Sarkari Naukri 2020 Notification Here

Highlights
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा आज विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न पाठ्यक्रमों की अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं के लिए नए दिशानिर्देश (guidelines) 2020 जारी हो सकती हैं। आयोग अपनी वेबसाइट ugc.ac.in पर गाइडलाइंस जारी करेगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा आज विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न पाठ्यक्रमों की अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं के लिए नए दिशानिर्देश (guidelines) 2020 जारी हो सकती हैं। आयोग अपनी वेबसाइट ugc.ac.in पर गाइडलाइंस जारी करेगा।
गुजरात सरकार ने पहले घोषणा की थी कि परीक्षा राज्य के स्वामित्व वाली सुविधाओं में आयोजित की जाएगी और उचित सामाजिक दूरी का पालन किया जाएगा। हालांकि, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा दिए गए आदेशों के कारण घोषित किए जाने के घंटों बाद इस फैसले को वापस ले लिया गया था।
यूजीसी ने कहा था कि अगर छात्र ग्रेड में सुधार करना चाहता है, तो वह अगले सेमेस्टर के दौरान इस तरह के विषयों के लिए विशेष परीक्षा दे सकता है।
ऐसी स्थिति जहां पिछले सेमेस्टर या पिछले वर्ष के अंक उपलब्ध नहीं हैं, विशेष रूप से परीक्षाओं के वार्षिक पैटर्न के पहले वर्ष में, आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर 100 प्रतिशत मूल्यांकन किया जा सकता है।
यह भी कहा गया था कि अगर कोरोनावायरस के मद्देनजर स्थिति सामान्य नहीं होती है, तो छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और उनकी ग्रेडिंग आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर 50 प्रतिशत अंकों की समग्र हो सकती है और शेष 50 पिछले सेमेस्टर में प्रदर्शन के आधार पर प्रतिशत अंक दिए जा सकते हैं।
यूजीसी की पिछली गाइडलाइंस में विश्वविद्यालयों से कहा था कि वे अपने साथ उपलब्ध समर्थन प्रणाली को ध्यान में रखते हुए या सभी छात्रों को उचित अवसर सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करें।
आयोग ने कहा था कि अंतिम सेमेस्टर के छात्रों के लिए परीक्षा जुलाई में आयोजित की जाएगी। यह सिफारिश की गई कि मध्यवर्ती सेमेस्टर के छात्रों का मूल्यांकन या तो आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर किया जा सकता है या उन राज्यों में जहां COVID-19 की स्थिति सामान्य की जाती है।
अप्रैल के अंत में दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा था कि, यूजीसी ने जुलाई में सेमेस्टर परीक्षाओं को मौजूदा हालात और COVID -19 स्थिति के आधार पर ऑनलाइन या ऑफलाइन अनुमति दी जा सकती है। यहां तक कि परीक्षा की अवधि को तीन घंटे से घटाकर दो घंटे करने की भी बात कही थी।
सभी छात्र यूजीसी गाइडलाइन जारी होने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि इससे पहले UGC ने कहा था कि विश्वविद्यालयों की फाइल ईयर की परीक्षाओं का आयोजन होना चाहिए। वहीं फर्स्ट ईयर के छात्रों को प्रमोट करने की बात कही गई थी।
बता दें कि कुहाड समिति की अनुसंशाओं पर विचार करने के बाद यूजीसी विश्वविद्यालयों के लिए नई गाइडलाइन जारी कर सकती है। इस समिति के प्रमुख हरियाणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति आरसी कुहाड हैं। इस समिति की इस रिपोर्ट के आधार पर ही आयोग नए गाइडलाइंस तय करेगा।
यूजीसी के दिशा-निर्देश जारी होने से पहले देश के कई विश्वविद्यालय परीक्षाओं को लेकर फैसला ले चुके हैं। कलकत्ता यूनिवर्सिटी ने फैसला लिया अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर स्टूडेंट्स को इंटरनल असेसमेंट और पिछले सेमेस्टरों में प्रदर्शन के आधार पर पास किया जाएगा।
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कंसोर्टियम ने एक बार CLAT 2020 परीक्षा को स्थगित कर दिया था। परीक्षा अब 22 अगस्त को आयोजित की जा सकती है। इसके अलावा, आवेदन प्रक्रिया को बढ़ा दिया गया है और 10 जुलाई तक आधिकारिक वेबसाइट clat.ac.in या consortiumofnlus.ac.in पर चलेगा।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, उद्धव ठाकरे ने बताया कि राज्य के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए अंतिम वर्ष की परीक्षाएं इस साल रद्द कर दी गई हैं। राज्य में कोरोनावायरस के लगातार बढ़ रहे संक्रमित मामलों के कारण 30 जून तक लॉकडाउन भी बढ़ाया गया था।
हालांकि, पंजाब के सीएम ने यह भी कहा है कि अंतिम निर्णय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के नए दिशा निर्देश या गाइडलाइंस पर होगा, जो किसी भी समय जारी हो सकती है।
गुजरात टेक्निकल यूनिवर्सिटी (जीटीयू) के फाइनल ईयर के छात्रों ने यूजीसी को पत्र लिखकर परीक्षाएं रद्द कर पिछले सेमेस्टर की परीक्षा या मेरिट के आधार पर रिजल्ट जारी करनवाने की मांग की है।
एकेडमिक ईयर 2019-20 में फाइनल ईयर/सेमेस्टर वर्षों में BA/B.Sc. पार्ट III और B.Com पार्ट III ओल्ड (1+1+1) में पिछले दो सालों के मार्क्स का बेस्ट एग्रीगेट परसेंटेज से 80 फीसदी मार्क्स दिए जाएंगे जबकि इंटरनल असेसमेंट से 20 फीसदी मार्क्स दिए जाएंगे।
कलकत्ता यूनिवर्सिटी ने फैसला लिया अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर स्टूडेंट्स को इंटरनल असेसमेंट और पिछले सेमेस्टरों में प्रदर्शन के आधार पर पास किया जाएगा। इसमें 20 फीसदी मार्क्स इंटरनल असेसमेंट से और 80 फीसदी मार्क्स पिछले बेस्ट सेमेस्टरों से दिए जाएंगे।
यूजीसी ने मई के महीने में दिशानिर्देशों का एक प्रारंभिक सेट जारी किया था जिसमें विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को केवल अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर के छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित करने और शेष छात्रों को पिछले प्रदर्शन के आधार पर प्रमोट करने के लिए कहा था।
नई गाइडलाइंस जारी होने के बाद स्पष्ट हो पाएगा कि फाइनल ईयर की परीक्षाएं रद्द होंगी या फिर बाद में ली जाएंगी। यह भी साफ होगा कि परीक्षा रद्द होने पर स्टूडेंट्स को किस फॉर्मूले के आधार पर मार्क्स दिए जाएंगे। 2020-2021 के एकेडमिक कैलेंडर के बारे में भी तब ही स्थिति साफ हो पाएगी।
कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पटना वीमेन्स कॉलेज ने 6 जुलाई से सेमेस्टर 3 और 5 की क्लास शुरू करवाने का फैसला लिया है। इस बाबत कॉलेज ने सभी छात्राओं को अगले सेमेस्टर में प्रमोट कर दिया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अंतिम सेमेस्टर परीक्षाओं को स्थगित करने की घोषणा कर दी है। उन्होंने COVID-19 महामारी के बीच परीक्षाओं के आयोजन पर छात्रों और अभिभावकों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं का जवाब देते हुए 15 जुलाई तक परीक्षा स्थगित करने का फैसला लिया है।
महाराष्ट्र में सभी अंतिम वर्ष / अंतिम सेमेस्टर के छात्रों को पिछले वर्षों या सेमेस्टर में प्रदर्शन के आधार पर प्रमोट किया जाएगा। स्कोर की गणना कैसे की जाएगी इसका विवरण शिक्षा विभाग द्वारा जल्द ही विश्वविद्यालयों को बता दिया जाएगा।
अंतिम वर्ष / सेमेस्टर परीक्षाओं को रद्द करने वाला महाराष्ट्र के बाद ओड़िशा दूसरा राज्य बन गया है। निर्णय राज्य में चिकित्सा पाठ्यक्रमों को छोड़कर स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों पाठ्यक्रमों पर लागू होता है।
UGC ने पहले कहा था कि यूनिवर्सिटी की फाइनल ईयर की परीक्षाओं का आयोजन किया जाना होना चाहिए जबकि फर्स्ट ईयर के छात्रों को प्रमोट करने की बात कही गई थी। हालांकि, फाइल ईयर के छात्रों में इसे लेकर काफी नाराजगी देखने को मिली थी। अब UGC जल्द ही नई गाइडलाइन्स जारी कर सकता है।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने अंडर ग्रेजुएट परीक्षा और पोस्ट ग्रेजुएट परीक्षा के लिए एक संशोधित टाइम टेबल जारी किया है। सभी छात्र जो परीक्षा में शामिल होने वाले हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट du.ac.in पर शेड्यूल चेक कर सकते हैं।
यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के फाइनल ईयर और सेमेस्टर एग्जाम यूजीसी गाइडलांस 2020 के जारी होने का इंतजार किया जा रहा है। जबकि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने 24 जून को एक मामले में कहा था कि अंतिम वर्ष या सेमेस्टर के छात्रों को परीक्षाएं देनी होंगी।
छात्र JEE और NEET परीक्षा को टालने की छात्र और अभिभावक मांग भी कर रहे थे। जिसे एचआरडी मंत्रालय ने मान लिया है और जुलाई में होने वाली ये परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। अब जेईई और नीट की परीक्षाएं 2020 सितंबर में आयोजित की जाएंगी। उधर, देशभर में कोविड-19 के प्रसार को देखते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हालात की समीक्षा के लिए एक पैनल का गठन किया है जिसमें NTA के डीजी समेत अन्य एक्सपर्ट शामिल हैं।NTA के डीजी समेत अन्य एक्सपर्ट शामिल हैं।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा आज विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न पाठ्यक्रमों की अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं के लिए नए दिशानिर्देश (guidelines) 2020 जारी हो सकती हैं। आयोग अपनी वेबसाइट ugc.ac.in पर गाइडलाइंस जारी करेगा।
अंतिम वर्ष सहित सभी विश्वविद्यालय परीक्षाओं को रद्द करने के लिए हरियाणा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और ओडिशा के बाद चौथा राज्य था। हालांकि यह कदम यूजीसी के दिशा-निर्देशों के खिलाफ था जिसके मुताबिक, विश्वविद्यालयों और तकनीकी शिक्षा संस्थानों को अंतिम वर्ष / सेमेस्टर परीक्षाओं का संचालन करने की सिफारिश की थी।
यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के फाइनल ईयर और सेमेस्टर एग्जाम यूजीसी गाइडलांस 2020 के जारी होने का इंतजार किया जा रहा है। जबकि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने 24 जून को एक मामलें में कहा था कि अंतिम वर्ष या सेमेस्टर के छात्रों को परीक्षाएं देनी होंगी।
कुहाड पैनल ने मई के महीने में आयोग के लिए एक रिपोर्ट भी बनाई थी जिसके बाद विश्वविद्यालय को अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करने और पिछले प्रदर्शन और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर मध्यवर्ती वर्ष के छात्रों को प्रमोट करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुहाड पैनल, हरियाणा की केंद्रीय विविधता के नेतृत्व में है, के विभिन्न पहलुओं पर गौर कर रहा है और यूजीसी को अंतिम वर्ष की परीक्षा में अपने सुझाव प्रस्तुत करेगा। एक बार रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद, आयोग इसी रिपोर्ट के आधार पर अपना विचार-विमर्श के बाद फैसला ले सकता है।
कक्षा 1 से 5 के छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक गतिविधियां सुचारु रखने के लिए 8 हफ्ते का वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर जारी किया गया है. यह वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा बनाया गया है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने प्राथमिक स्तर के छात्र-छात्राओं के लिए यह अकादमिक कैलेंडर जारी किया. इससे पहले पहले चार हफ्ते के लिए एक वैकल्पिक कैलेंडर अप्रैल में जारी किया गया था।
छात्र JEE और NEET परीक्षा को टालने की छात्र और अभिभावक मांग भी कर रहे थे। जिसे एचआरडी मंत्रालय ने मान लिया है और जुलाई में होने वाली ये परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। अब जेईई और नीट की परीक्षाएं 2020 सितंबर में आयोजित की जाएंगी। उधर, देशभर में कोविड-19 के प्रसार को देखते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हालात की समीक्षा के लिए एक पैनल का गठन किया है जिसमें NTA के डीजी समेत अन्य एक्सपर्ट शामिल हैं।NTA के डीजी समेत अन्य एक्सपर्ट शामिल हैं।
अहमदाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर पंकज चंद्रा ने कहा, "हमने तय किया है कि यदि कोई छात्र कैम्पस खुलने पर भी कैम्पस आने में असहज महसूस करता है, तो हम उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई करने की सुविधा तब तक मुहैया कराएंगे, जब तक उन्हें यह महसूस नहीं हो जाता कि वे कैंपस में आने के लिए तैयार हैं."
कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र, नागालैंड, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सहित कई राज्यों ने 31 जुलाई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है. ऐसे में परीक्षा होती है जो छात्रों को एग्जाम सेंटर पर पहुंचने में काफी परेशानी होगी. इन सब बातों को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि परीक्षाएं रद्द की जा सकती है. इस वक्त सभी छात्र विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की नई गाइडलाइन जारी करन का इंतजार कर रहे हैं. आज किसी भी समय UGC गाइडलाइन जारी कर सकता है।
विश्वविद्यालयों के छात्र, उनके अभिभावक और शिक्षक पिछले कुछ दिनों से लगातार सोशल मीडिया पर परीक्षाएं रद्द करने की मांग कर रहे हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने का कहना है कि बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की स्थिति में स्टूडेंट्स की लाइफ को संकट में नहीं डाला जा सकता।
कुछ दिनों पहले केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यूजीसी से कहा था कि परीक्षा आयोजित करने तथा नया शैक्षणिक सत्र शुरू करने को लेकर उसने जो दिशा-निर्देश जारी किए हैं, उन पर वह फिर से विचार करे।
गुजरात में भी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में फाइनल ईयर की सभी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। एचआरडी मंत्रालय के निर्देश के बाद यह फैसला लिया गया।