यूनिवर्सिटी ग्रांड कमीशन (UGC) ने ग्रेजुएशन/ पोस्ट ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर की परीक्षाएं रद्द न करने का फैसला लिया है। आयोग ने माना है कि रिजल्ट जारी करने के लिए ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन, किसी भी संभव तरीके से परीक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने 6 जुलाई को हायर एजुकेशन सेकेट्री को पत्र लिखकर कॉलेज, यूनिवर्सिटी की फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजित करने के लिए हरी झंडी दे दी है। पत्र में कहा गया है कि कॉलेजों के रिजल्ट तैयार करने के लिए परीक्षाएं आयोजित करना जरूरी है।
UGC Guidelines 2020 Updates: Check Here
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न पाठ्यक्रमों की अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं के लिए नए दिशानिर्देश (guidelines) 2020 जारी किए गए हैं जिसके तहत यूनिवसिर्टी और कॉलेजों को फाइनल ईयर के एग्जाम आयोजित करना अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि, यूजीसी की गाइडलाइन्स आने से पहले ही कई यूनिवर्सिटीज ने अपने स्तर पर ही एग्जाम्स को लेकर फैसला ले लिया था वहीं कई यूनिवर्सिटी और कॉलेजों फाइनल ईयर और सेमेस्टर एग्जाम के लिए यूजीसी की गाइडलाइन्स का इंतजार कर रहे थे।
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Highlights
'एक ऐसी परीक्षा जिसमें कोई स्पष्टता नहीं है और जो छात्रों के एक बड़े वर्ग के प्रति भेदभावपूर्ण हैं, उसका मकसद शिक्षा में एक बड़े व्यवसाय को बढ़ावा देने के अलावा और कुछ नहीं हो सकता।'
शिक्षकों और छात्रों के लगातार विरोध के बावजूद भी दिल्ली यूनिवर्सिटी 10 जुलाई से फाइनल ईयर स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने जा रही है। डूटा ने कहा कि यह छात्रों को परीक्षा देने के लिए मजबूर करने को लेकर सरकार ने रास्ता साफ कर दिया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, उद्धव ठाकरे ने बताया कि राज्य के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए अंतिम वर्ष की परीक्षाएं इस साल रद्द कर दी गई हैं। राज्य में कोरोनावायरस के लगातार बढ़ रहे संक्रमित मामलों के कारण 30 जून तक लॉकडाउन भी बढ़ाया गया था।
इंटरमीडिएट सेमेस्टर / वार्षिक परीक्षा और अन्य संबंधित मुद्दों के बारे में 29.04.2020 को अधिसूचित दिशानिर्देश यथावत लागू रहेंगे। शैक्षणिक कैलेंडर और विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से जुड़े मामलों से संबंधित अन्य प्रासंगिक विवरण अलग से जारी किए जाएंगे।
यदि किसी कारणवश , टर्मिनल सेमेस्टर / फाइनल ईयर का कोई स्टूडेंट विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा में उपस्थित नहीं हो पाता है, तो उसे इस तरह के पाठ्यक्रम /पेपर के लिए विशेष परीक्षाओं में उपस्थित होने का अवसर दिया जा सकता है। जब भी संभव हो, विश्वविद्यालय द्वारा इन विशेष परीक्षाओं को संचालित किया जा सकता है, ताकि विद्यार्थी को किसी भी असुविधा / नुकसान का सामना न करना पड़े। उपरोक्त प्रावधान केवल वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए सिर्फ एक बार के उपाय के रूप में लागू होगा।
टर्मिनल सेमेस्टर / अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के वैश्विक स्तर पर अकादमिक और कैरियर की प्रगति से संबंधित दूरगामी हितों की रक्षा करने के लिए, संस्थानों को सितंबर 2020 के अंत तक ऑफ़लाइन (पेन और कागज) / ऑनलाइन / मिश्रित (ऑनलाइन + ऑफ़लाइन) मोड में परीक्षाओं का आयोजन करना आवश्यक है।
गृह मंत्रालय से अनुमति के बाद गाइडलाइन जारी कर दी गई। बता दें कि यूजीसी की संशोधित गाइडलाइन आने से पहले देश के कई राज्य और विश्वविद्यालय जुलाई में परीक्षाएं कराने की योजना को रद कर चुके हैं।
यूजीसी बोर्ड की बैठक में इस दौरान नए शैक्षणिक सत्र और प्रवेश परीक्षाओं को लेकर बाद में अलग से गाइडलाइन जारी करने को लेकर सहमति बनी है।
संशोधित गाइडलाइन में यूजीसी का सबसे ज्यादा जोर अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर है। जबकि पहले और दूसरे वर्ष के लिए यूजीसी ने पहले ही विश्वविद्यालयों से आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रमोट करने के निर्देश दिए हैं।
यूजीसी ने इसके साथ ही सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को निर्देश दिया है, कि यदि इसके बाद भी कोई छात्र अंतिम वर्ष की परीक्षाएं नहीं दे पाता है तो उचित कारण पाए जाने पर उसे बाद में परीक्षा का मौका दिया जाए।
यूजीसी ने इसके बाद हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की थी। जिसकी रिपोर्ट के बाद यूजीसी बोर्ड ने यह फैसला लिया है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यूजीसी से परीक्षाओं को लेकर जारी गाइडलाइन की नए सिरे से समीक्षा करने के निर्देश दिए थे।
पहले और दूसरे वर्ष की परीक्षाएं कराने के लिए 15 से 30 जुलाई तक का समय तय किया था। इस बीच कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कई राज्यों और विश्वविद्यालयों ने मौजूदा परिस्थितियों में परीक्षाएं कराने से हाथ खड़े कर दिए थे।
यूजीसी ने इससे पहले 29 अप्रैल को जारी गाइडलाइन में सभी विवि और कालेजों से एक से पंद्रह जुलाई के बीच अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने को कहा था।
परीक्षाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन किसी भी माध्यम से कराई जा सकेंगी। यूजीसी ने इसके साथ ही विश्वविद्यालयों और कालेजों को यह भी छूट दे दी है, वह इन परीक्षाओं की स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए 30 सितंबर तक कभी भी एग्जाम करा सकते हैं। हालांकि यूजीसी को इसकी जानकारी देनी होगी।
जिसमें जुलाई में परीक्षाओं को कराने जैसी अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। साथ ही अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को अनिवार्य बताते हुए इन्हें सितंबर के अंत तक कराने की अनुमति दी है।
विश्वविद्यालय और कालेज अब अपनी अटकी पड़ी अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक करा सकेंगे। गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद यूजीसी ने सोमवार, 6 जुलाई देर रात विश्वविद्यालयों और कालेजों की परीक्षाओं को लेकर संशोधित गाइड लाइन जारी की है।
परीक्षाओं के नहीं होने से विश्वविद्यालयों के सेमेस्टर परीक्षार्थियों का समय खराब होने और आधी-अधूरी तैयारी के साथ परीक्षाएं देने को विवश होना पड़ेगा। कई कालेजों को सत्र को नियमित करने के लिए अतिरिक्त संसाधन लगाने होंगे।
देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कालेजों में परीक्षाओं के नहीं होने से सत्र के विलंब होने और प्रतियोगी परीक्षाओं के छूटने का खतरा पैदा हो गया है।
देश में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए भारत द्वारा देशव्यापी तालाबंदी लागू करने के बाद सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को बंद कर दिया गया था। इसके परिणामस्वरूप परीक्षाएं भी आयोजित नहीं की जा सकीं।
UGC ने परीक्षाएं आयोजित करने के संबंध में दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। पूरी जानकारी छात्र यहां चेक कर सकते हैं।
UGC द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस यहां चेक करें
UGC द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, परीक्षाएं सितंबर अंत तक आयोजित की जा सकती हैं। संस्थानों को ऑनलाइन माध्यम से भी परीक्षाएं आयोजित करने की स्वतंत्रता होगी।
UGC के दिशानिर्देश के अनुसार, हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स को फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजित करना अनिवार्य होगा। हालांकि, यूनिवर्सिटी/ कॉलेज ऑनलाइन माध्यम से परीक्षाएं आयोजित कर सकेंगे।
यूनिवर्सिटी ग्रांड कमीशन (UGC) ने ग्रेजुएशन/ पोस्ट ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर की परीक्षाएं रद्द न करने का फैसला लिया है। आयोग ने माना है कि रिजल्ट जारी करने के लिए ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन, किसी भी संभव तरीके से परीक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए।
मंत्रालय ने पत्र लिखकर हायर एजुकेशन सेकेट्री को परीक्षा आयोजित करने के संबंध में निर्देश दिए हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने आज हायर एजुकेशन सेकेट्री को पत्र लिखकर कॉलेज, यूनिवर्सिटी की फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजित करने के लिए हरी झंडी दे दी है। पत्र में कहा गया है कि कॉलेजों के रिजल्ट तैयार करने के लिए परीक्षाएं आयोजित करना जरूरी है।
तमिलनाडु सरकार ने सेमेस्टर परीक्षा 2020 के आयोजन का फैसला लेने के लिए एक पैनल का गठन किया है। रिपोर्टों के अनुसार, राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय और कॉलेज के छात्रों के लिए लंबित सेमेस्टर और अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करने के मामले को देखने के लिए 11 सदस्यीय पैनल का गठन किया है। इस पैनल की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार फैसला लेगी।
अभी तक UGC की ओर से स्पष्ट गाइडलाइंस जारी नहीं हुई हैं मगर पंजाब सरकार ने यह फैसला किया है कि राज्य के कॉलेज/ यूनिवर्सिटी में परीक्षाएं रद्द रहेंगी। हालांकि, ऑनलाइन माध्यम से जो परीक्षाएं ली जा रही हैं वे जारी रहेंगी।
पंजाब, महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्य प्रदेश, और हरियाणा समेत कम से कम पांच राज्यों ने COVID-19 महामारी के कारण अंतिम वर्ष सहित अपने राज्य में विश्वविद्यालय और कॉलेज की परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया है।
फिलहाल इस कैलेंडर में संस्कृत, उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं के विषयों को शामिल किया गया है। इस वैकल्पिक कैलेंडर में ई-पाठशाला, NROER और दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध सब्जेक्ट वाइस सामग्री को भी शामिल किया गया है।
इस कैलेंडर में दिव्यांग बच्चों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ऑडियो बुक्स, रेडियो कार्यक्रमों आदि को भी शामिल किया गया है। कैलेंडर में अनुभव आधारित शिक्षा के लिए कला और शारीरिक शिक्षा के साथ साथ योग भी शामिल किया गया है तथा तनाव और चिंता को दूर करने के तरीके भी सुझाये गए हैं।
कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा एक 8 हफ्ते का वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर जारी किया गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने यह कैलेंडर प्राथमिक स्तर के छात्र-छात्राओं के लिए जारी किया है। इससे पहले पहले चार हफ्ते के लिए एक वैकल्पिक कैलेंडर अप्रैल माह में जारी किया गया था।
अहमदाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर पंकज चंद्रा ने कहा, "हमने तय किया है कि यदि कोई छात्र कैम्पस खुलने पर भी कैम्पस आने में असहज महसूस करता है, तो हम उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई करने की सुविधा तब तक मुहैया कराएंगे, जब तक उन्हें यह महसूस नहीं हो जाता कि वे कैंपस में आने के लिए तैयार हैं।" यूनिवर्सिटी दिसंबर अंत तक छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई करने का मौका दे रही है।
अहमदाबाद यूनिवर्सिटी ने अपने छात्रों को इस साल दिसंबर तक ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने का विकल्प दिया है। यूनिवर्सिटी का कहना है कि भले ही कैम्पस इससे पहले ही फिर से खुल जाएं फिर भी छात्र अपनी सहूलियत के अनुसर, दिसंबर के अंत तक ऑनलाइन क्लासेज़ से पढ़ाई कर सकते हैं।
बता दें कि कुहाड समिति की अनुसंशाओं पर विचार करने के बाद यूजीसी विश्वविद्यालयों के लिए नई गाइडलाइन जारी कर सकती है। इस समिति के प्रमुख हरियाणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति आरसी कुहाड हैं। इस समिति की इस रिपोर्ट के आधार पर ही आयोग नए गाइडलाइंस तय करेगा।
बता दें कि, एमएचआरडी ने वर्तमान COVID-19 स्थिति और विभिन्न राज्यों में कोरोनावायरस की स्थिति को ध्यान में रखते हुए दिशानिर्देशों का सुझाव देने के लिए जून के अंतिम सप्ताह में एक और समिति का गठन किया था। वर्तमान समिति को विभिन्न व्यावसायिक निकायों जैसे AICTE, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, आर्किटेक्चर काउंसिल, फार्मेसी काउंसिल आदि से परामर्श करना था।
UGC ने पहले कहा था कि यूनिवर्सिटी की फाइनल ईयर की परीक्षाओं का आयोजन किया जाना होना चाहिए जबकि फर्स्ट ईयर के छात्रों को प्रमोट करने की बात कही गई थी। हालांकि, फाइल ईयर के छात्रों में इसे लेकर काफी नाराजगी देखने को मिली थी। अब UGC जल्द ही नई गाइडलाइन्स जारी कर सकता है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, उद्धव ठाकरे ने बताया कि राज्य के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए अंतिम वर्ष की परीक्षाएं इस साल रद्द कर दी गई हैं। राज्य में कोरोनावायरस के लगातार बढ़ रहे संक्रमित मामलों के कारण 30 जून तक लॉकडाउन भी बढ़ाया गया था।
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कंसोर्टियम ने एक बार CLAT 2020 परीक्षा को स्थगित कर दिया था। परीक्षा अब 22 अगस्त को आयोजित की जा सकती है। इसके अलावा, आवेदन प्रक्रिया को बढ़ा दिया गया है और 10 जुलाई तक आधिकारिक वेबसाइट clat.ac.in या consortiumofnlus.ac.in पर चलेगा।