विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देशभर के 54 राज्य निजी विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित किया है। इन संस्थानों पर आरोप है कि इन्होंने UGC अधिनियम, 1956 की धारा 13 के तहत मांगी गई अनिवार्य जानकारी आयोग को उपलब्ध नहीं कराई और न ही अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक खुलासे (Public Disclosure) किए।

UGC सचिव मनीष जोशी ने बताया कि आयोग ने संबंधित विश्वविद्यालयों को कई बार ईमेल और ऑनलाइन मीटिंग्स के माध्यम से निर्देश भेजे थे। उनसे कहा गया था कि वे निरीक्षण के लिए विस्तृत जानकारी और रजिस्ट्रार द्वारा प्रमाणित दस्तावेज जमा करें। साथ ही, सभी सूचनाएं वेबसाइट के होमपेज पर लिंक के जरिए उपलब्ध कराएं ताकि छात्र और आमजन आसानी से देख सकें।

सार्वजनिक जानकारी के लिए कड़े निर्देश

UGC के दिशा-निर्देशों के अनुसार, हर उच्च शिक्षा संस्थान की वेबसाइट कार्यात्मक होनी चाहिए और उस पर उपलब्ध जानकारी बिना किसी रजिस्ट्रेशन या लॉगिन के सभी के लिए सुलभ हो। इसके अलावा, वेबसाइट पर सर्च सुविधा भी उपलब्ध कराना अनिवार्य है।

किन राज्यों से हैं सबसे ज्यादा डिफॉल्टर

मध्य प्रदेश – 10 विश्वविद्यालय

गुजरात – 8 विश्वविद्यालय

सिक्किम – 5 विश्वविद्यालय

उत्तराखंड – 4 विश्वविद्यालय

अन्य राज्यों से भी कई निजी विश्वविद्यालय इस सूची में शामिल हैं।

UGC की चेतावनी

आयोग ने डिफॉल्टर विश्वविद्यालयों की सूची सार्वजनिक कर दी है और उन्हें तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया है। UGC अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि संस्थान निर्देशों का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ आगे और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि जुलाई 2025 में भी UGC ने 23 निजी विश्वविद्यालयों को ओम्बड्सपर्सन नियुक्त न करने पर नोटिस जारी किया था। हाल के कदम से साफ है कि आयोग अब निजी विश्वविद्यालयों की पारदर्शिता और जवाबदेही पर सख्ती से निगरानी कर रहा है।

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