भगवान श्रीकृष्ण के जन्म यानी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को हर साल की तरह इस साल भी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पूरे भक्ति भाव के साथ पूरे भारत में मनाया जा रहा है, जहां आम से लेकर खास तक हर व्यक्ति आज बांके बिहारी की भक्ति में डूबा नजर आ रहा रहा है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025 पर कान्हा के भक्त सनातनी उपवास करते हैं और बाल गोपाल का श्रृंगार करते हैं और उन्हें माखन, मिश्री, तुलसी पत्ते से उनको भोग लगाते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से छात्रों को मिलने वाली प्रमुख शिक्षाएं
भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बाल्यकाल से लेकर महाभारत में अर्जुन का सारथी बनने तक तमाम शिक्षाएं और ज्ञान की बातें कहीं हैं, जो भगवत गीता में मिलती हैं और इन शिक्षाओं को हर व्यक्ति को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। आम लोगों के अलावा छात्रों के लिए भी श्रीकृष्ण और उनका जीवन एक आदर्श के तौर पर देखा जाता है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण और उनके जीवन से मिलने वाली कुछ शिक्षाएं ऐसी हैं, जिनका पालन करके छात्र अपने जीवन में संयम, साहस, धैर्य, लोककल्याण जैसे गुणों को अर्जित करेंगे और सफलता हासिल करेंगे।
भगवान श्रीकृष्ण से सीखें कर्तव्य पालन
भगवान श्रीकृष्ण ने भगवद गीता में कर्म की महत्ता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और फल की चिंता नहीं करनी चाहिए।
भगवान श्रीकृष्ण सिखाते हैं निष्पक्षता और निष्काम भाव
श्रीकृष्ण ने निष्काम कर्म की महत्ता बताई है, जिसमें हम बिना किसी स्वार्थ या फल की इच्छा के काम करते हैं और छात्रों को इसी मंत्र का पालन करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
धर्म और न्याय का पालन सिखाते हैं भगवान श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण ने हमेशा धर्म और न्याय का समर्थन किया और अधर्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी और छात्रों को भी हमेशा धर्म और न्याय का पालन करना चाहिए ताकि वह अपने जीवन में एक आदर्श नागरिक बन सकें।
भगवान श्रीकृष्ण से सीखें आत्म-ज्ञान और आत्म-साक्षात्कार
गीता में श्रीकृष्ण ने आत्म-ज्ञान और आत्म-साक्षात्कार के महत्व पर प्रकाश डाला है, जिससे हम अपने असली स्वरूप को समझ सकें। छात्रों के लिए यह शिक्षा अति आवश्यक और आत्मसात करने वाली है क्योंकि आत्म साक्षात्कार के जरिए ही छात्र अपना मूल्यांकन सही कर सकेंगे और अपनी तैयारियों को बेहतर तरीके से कर सकेंगे।
भगवान श्रीकृष्ण से मिलती है सत्य और ईमानदारी की सीख
श्रीकृष्ण ने हमेशा सत्य और ईमानदारी का पालन किया और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित किया और इसका पूरा सार उन्होंने महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन की शिक्षाओं में दिया है, जिसका सार भगवद गीता में मिलता है।
भगवान श्रीकृष्ण सिखाते हैं करुणा और सहानुभूति
श्रीकृष्ण की शिक्षाएं करुणा और सहानुभूति के महत्व को भी उजागर करती हैं। उन्होंने दूसरों के प्रति दया और सहानुभूति रखने की शिक्षा दी। छात्रों को भी अपने जीवन में करुणा और सहानुभूति का गुण अपनाना चाहिए ताकि वह समाज कल्याण के लिए एक मजबूत मानवीय पक्ष को अपने अंदर पैदा कर सकें।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025 के दिन छात्रों को बताई गई भगवान श्रीकृष्ण की ये शिक्षाएं न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि जीवन के हर पहलू में हमें सही दिशा में मार्गदर्शन करती हैं।