आजकल कॉम्पिटिशन के इस दौर में हाथ का हुनर होना बहुत जरूरी है। बड़ी से बड़ी डिग्री हासिल करने के बाद भी युवा नौकरी के लिए धक्के खाते हैं और इसकी वजह टफ कॉम्पिटिशन ही है। ऐसे में डिग्री के साथ-साथ कोई प्रोफेशनल डिग्री हासिल करना भी बहुत जरूरी है और अगर यह प्रोफेशनल डिग्री उस फील्ड में आ जाए जिसमें आपकी रूचि है तो फिर सोने पर सुहागा है।
10वीं के बाद ले सकते हैं दाखिला
जी हां, आज हम इस आर्टिकल में ऐसे ही एक कोर्स के बारे में बात करेंगे जो 10वीं के बाद किया जा सकता है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग ऐसी फील्ड है जिसमें अधिकतर युवा करियर बनाना चाहते हैं। इंजीनियर बनने का ख्वाब देखने वाले युवा मैकेनिकल इंजीनियरिंग में करियर बना सकते हैं। इसके लिए उन्हें मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करना होता है जो कि एक 3 साल का पॉलिटेक्निक कोर्स है।
क्या होता है इस कोर्स में?
इस कोर्स में दाखिला 10वीं के बाद मिल जाता है। इस कोर्स में युवा mechanical equipment के मूल सिद्धांतों के बारे में जैसे उनके डिजाइन, प्रोडक्शन और उनके रखरखाव के बारे में जानते हैं। इस कोर्स को करने वाले इंजीनियर गाड़ियों के डिजाइन और उनके पार्ट्स की बड़ी बारीक जानकारी रखते हैं। मैकेनिकल डिप्लोमा या मैकेनिकल इंजीनियरिंग पॉलिटेक्निक कोर्स में 10वीं कर चुके युवा या फिर 10वीं के एग्जाम दे चुके स्टूडेंट दाखिला ले सकते हैं।
एडमिशन लेने के लिए क्या है योग्यता?
मैकेनिकल डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए पात्रता कक्षा 10 में न्यूनतम 55 फीसदी मार्क्स है। आरक्षित श्रेणियों के उम्मीदवारों को मार्क्स में 5 फीसदी की छूट प्रदान की जाती है। इसके अलावा मैकेनिकल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में डिप्लोमा के लिए प्रवेश विभिन्न राज्य परीक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर भी किया जाता है।
डिप्लोमा करने के बाद और भी हैं विकल्प
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद छात्र बीटेक लेटरल एंट्री के माध्यम से बीटेक पाठ्यक्रम के दूसरे वर्ष में प्रवेश ले सकते हैं। ज्यादातर इंजीनियरिंग छात्र ग्रेजुएशन के बाद एमबीए करते हैं ताकि वह मैनेजमेंट फील्ड में भी करियर बना सकें और हाई सैलरी उठा सकें। एमटेक की पढ़ाई करने के लिए छात्रों को बीटेक की डिग्री की आवश्यकता होती है।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कराने वाले टॉप संस्थान
भारत में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के शीर्ष कॉलेजों में जामिया मिलिया विश्वविद्यालय, भारती विद्यापीठ डीम्ड विश्वविद्यालय, सीवी रमन ग्लोबल यूनिवर्सिटी आदि शामिल हैं। इनकी औसत फीस 10,000 रुपये से 2 लाख रुपये तक है।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स से जुड़ी अहम जानकारी
इस कोर्स की अवधि 3 साल होती है।
10वीं के बाद इस कोर्स में दाखिला लिया जा सकता है।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग पॉलिटेक्निक कोर्स में एडमिशन या तो मेरिट लिस्ट के आधार पर या फिर एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर होता है।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा के लिए आयोजित होने वाले टॉप एंट्रेंस एग्जाम हैं-JEECUP, JEXPO, ओडिशा DET।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स के बाद नौकरी देने वाली टॉप कंपनियां इस प्रकार हैं- बजाज, फोर्ड, होंडा, NTPC, BHEL हिंदुस्तान यूनिलीवर, L&T, अशोक लीलैंड।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद औसतन सैलरी 20000 से 500000 के बीच होती है।