जनसत्ता.कॉम की ‘सही हिंदी’ मुहिम का उद्देश्य है हिंदी को उसके मानकों के अनुरूप लिखने और बोलने की आदत को प्रोत्साहित करना। इस शृंखला में हम हर कड़ी में एक शब्द को चुनते हैं और उसका सही अर्थ, संरचना, संधि-विच्छेद और प्रयोग समझते हैं, ताकि हिंदी को सहज और सटीक रूप में अपनाया जा सके।
आज का शब्द: विचक्षण
आज की कड़ी का शब्द ‘विचक्षण’ है। हिंदी में यह संस्कृत से आया है और विशेषण के रूप में प्रयोग होता है। यह शब्द सामान्य बातचीत में बहुत कम सुनाई देता है, लेकिन अपने भीतर गहरा अर्थ रखता है। सही प्रयोग करने पर यह न केवल भाषा की गरिमा बढ़ाता है, बल्कि वक्ता की अभिव्यक्ति को भी सशक्त बनाता है।
संरचना
- विचक्षण= वि+चक्षण
- वि: एक उपसर्ग है, जो किसी शब्द के पहले लगकर उसके अर्थ में पृथकता, निषेध, विपरीतता या परिवर्तन जैसे भाव लाता है। यह शब्द को पूर्ण या विशिष्ट भी बना सकता है, जैसे विज्ञान में ‘वि’ का अर्थ ‘विशेष’ होता है।
- चक्षण: चक्षु/चक्ष् धातु से संबंधित, देखना या परखना।
- अर्थात् विचक्षण वह है जो भेद करके देख सके, परखने और समझने की क्षमता रखता हो।
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अर्थ
- बुद्धिमान, विवेकी, समझदार, परख रखने वाला।
- बुद्धिमान और दूरदर्शी: ऐसा व्यक्ति जिसकी बुद्धि तीव्र हो और जो दूर की सोच सके।
- ज्ञानी और विवेकी: जो किसी विषय का अच्छा ज्ञाता हो और सही-गलत का निर्णय करने की क्षमता रखता हो।
- निपुण और पटु: किसी कार्य को करने में विशेष योग्यता या प्रवीणता रखता हो।
- अनुभवशील: जो अनुभवों से भरपूर हो और परिस्थितियों को गहनता से समझता हो।
प्रयोग
‘विचक्षण’ का प्रयोग प्रायः किसी ऐसे व्यक्ति के लिए किया जाता है जो परिस्थिति को समझने में कुशल हो, जिसमें गहन विवेक और सही निर्णय लेने की क्षमता हो।
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उदाहरण
- न्यायाधीश का निर्णय उसकी विचक्षणता को दर्शाता है।
- किसी भी कठिन परिस्थिति में एक विचक्षण नेता ही सही दिशा दिखा सकता है।
- गुरु ने शिष्य की विचक्षण दृष्टि की सराहना की।
- हमें ऐसे मित्रों का साथ चाहिए जो विचक्षण और विवेकशील हों।
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नोट: ‘विचक्षण’ शब्द हमें यह सिखाता है कि केवल ज्ञान होना पर्याप्त नहीं, बल्कि उस ज्ञान को सही परिस्थिति में परखकर लागू करना ही वास्तविक बुद्धिमत्ता है। ऐसे शब्द न केवल हिंदी भाषा को समृद्ध बनाते हैं, बल्कि हमारी अभिव्यक्ति को भी गहराई प्रदान करते हैं।