आजकल हम जैसी हिंदी बोलते या लिखते हैं, वह अक्सर उसके मानकों पर खरी नहीं होती। शब्दों का गलत उच्चारण और व्याकरण की चूकें न सिर्फ इसे कमजोर बनाती हैं, बल्कि भाषा की गरिमा को भी कम कर देती है। हिंदी केवल संवाद का माध्यम ही नहीं, बल्कि यह हमारी पहचान, संस्कृति और सोच की गहराई का प्रतीक है। सही हिंदी लिखना और बोलना केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि हमारी भाषाई जिम्मेदारी भी है।
सही हिंदी मुहिम: जानिए ‘आयुर्विज्ञान’, शब्द का अर्थ, संधि-विच्छेद, प्रयोग और उदाहरण
जनसत्ता.कॉम ने इस दिशा में एक कदम बढ़ाया है। हमारी यह मुहिम इसी सोच को आगे बढ़ाती है कि हिंदी को उसकी मूल गरिमा और शुद्धता के साथ अपनाया जाए। यह कोई कट्टर आग्रह नहीं, बल्कि सहज प्रयास है, ताकि नई पीढ़ी हिंदी को कठिन नहीं, बल्कि सहज, सटीक और अभिव्यक्ति में समर्थ भाषा के रूप में देख पाए। जब हम सही हिंदी का प्रयोग करते हैं, तब हम केवल एक भाषा को नहीं, बल्कि अपनी जड़ों को मजबूत करते हैं। यह मुहिम इसी विश्वास पर आधारित है कि हिंदी हमारी आत्मा है और उसकी शुद्धता हमारी असली शक्ति।
सही हिंदी मुहिम: जानिए ‘आविष्कार’, शब्द का अर्थ, संधि-विच्छेद, प्रयोग और उदाहरण
हर भाषा की शक्ति उसके शब्दों में छिपी होती है। हिंदी के अनेक शब्द ऐसे हैं जो अपने भीतर गहरा अर्थ और जीवन-दर्शन समेटे हैं। हम इस मुहिम की शुरुआत एक-एक शब्द से करेंगे, जिसमें उसकी संरचना, संधि-विच्छेद, वास्तविक अर्थ, प्रयोग और प्रासंगिकता के बारे में जानकारी देंगे। एक शब्द जो सही रूप में जाना और बोला जाए। सही हिंदी की ओर यही हमारा पहला कदम है।
आज का शब्द: अपरिहार्य
‘अपरिहार्य’ शब्द हिंदी भाषा का एक महत्त्वपूर्ण विशेषण है। इसका प्रयोग सामान्यतः ऐसी वस्तु, परिस्थिति या कार्य के लिए किया जाता है जिसे टाला न जा सके या जिससे बचा न जा सके। इसका अर्थ है: अनिवार्य, आवश्यक अथवा जिसे टालना संभव न हो। यह हमें यह स्मरण कराता है कि कुछ बातें हमारी इच्छा या नियंत्रण से परे होती हैं या कुछ कर्तव्य ऐसे हैं जिन्हें निभाना ही पड़ता है।
संरचना/संधि-विच्छेद
- अपरिहार्य संधि से बना शब्द नहीं है। यह उपसर्ग+मूल शब्द से बना है।
- अपरिहार्य: अ+परिहार्य
- अ: न (नकारात्मक उपसर्ग)
- परिहार्य: जिसे टाला जा सके, जिससे बचा जा सके। अर्थात् अपरिहार्य का अर्थ हुआ: जिसे टाला न जा सके।
प्रयोग और अर्थ
जीवन में अनेक स्थितियां ऐसी होती हैं, जिनसे बचना हमारे नियंत्रण में नहीं होता। जैसे: मृत्यु, समय की गति, प्राकृतिक आपदाएं इत्यादि। इन्हें अपरिहार्य परिस्थितियां कहा जा सकता है। इसी प्रकार शिक्षा, स्वास्थ्य और परिश्रम जीवन की सफलता के लिए अपरिहार्य तत्व हैं, यानी इनके बिना जीवन की पूर्णता की कल्पना नहीं संभव नहीं।
उदाहरण
- देश की सुरक्षा के लिए एकजुटता अपरिहार्य है।
- विद्यार्थियों के लिए नियमित अध्ययन अपरिहार्य है।
- जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास अपरिहार्य हो चुके हैं।
- सत्य और अहिंसा का मार्ग कठिन है, परंतु राष्ट्र की उन्नति के लिए यह अपरिहार्य है।
