भाषा केवल संवाद का साधन नहीं होती, वह हमारी सोच, संस्कृति और ज्ञान की धरोहर भी होती है। हिंदी में अनेक ऐसे शब्द हैं जो गहरे अर्थों और जीवन-दर्शन से जुड़े हैं। जनसत्ता.कॉम की ‘सही हिंदी’ मुहिम का उद्देश्य इन्हीं शब्दों को उनके सही रूप, सही प्रयोग और वास्तविक अर्थ के साथ समझाना है, ताकि हिंदी न केवल सहज लगे, बल्कि उसकी सटीकता और गरिमा भी बने रहे।
इस शृंखला की हर कड़ी में हम एक नया शब्द चुनते हैं। यह शब्द केवल शब्दकोश की प्रविष्टियां नहीं, बल्कि जीवन, समाज और सभ्यता की दिशा को भी प्रभावित करते हैं। आज का शब्द ऐसा ही एक महत्त्वपूर्ण और प्रासंगिक शब्द ‘आयुर्विज्ञान’ है। इस कड़ी में हम ‘आयुर्विज्ञान’ शब्द का संधि-विच्छेद, अर्थ, प्रयोग और जीवन में इसकी प्रासंगिकता के बारे में समझेंगे।
आज का शब्द: आयुर्विज्ञान
‘आयुर्विज्ञान’ का अर्थ है- जीवन और स्वास्थ्य से संबंधित विज्ञान। आयुर्विज्ञान वह शास्त्र है जिसमें मानव जीवन, स्वास्थ्य, रोग और उनके उपचार का अध्ययन किया जाता है। आधुनिक समय में इसे मेडिकल साइंस (Medical Science) कहा जाता है। प्राचीन भारत में चरक संहिता और सुश्रुत संहिता जैसे ग्रंथ आयुर्विज्ञान के महान स्रोत रहे हैं। आधुनिक युग में वही परंपरा विकसित होकर एलोपैथी, आयुर्वेद, होम्योपैथी और अन्य चिकित्सा पद्धतियों के रूप में आगे बढ़ी है।
संधि-विच्छेद
आयुर्विज्ञान= आयुः+विज्ञान
आयुः= जीवन, प्राण, जीवनकाल।
विज्ञान= व्यवस्थित ज्ञान, शास्त्र।
अर्थात् आयुर्विज्ञान का अर्थ हुआ: जीवन और स्वास्थ्य से संबंधित विज्ञान।
अर्थ
- चिकित्सा-विज्ञान।
- स्वास्थ्य और रोगों का अध्ययन करने वाला शास्त्र।
- जीवन की रक्षा और संवर्धन से जुड़ा विज्ञान।
प्रयोग और प्रासंगिकता
- आयुर्विज्ञान केवल रोगों के उपचार तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन को स्वस्थ और दीर्घ बनाने के उपाय भी बताता है।
- इसमें शरीर, मन और पर्यावरण- तीनों के संतुलन पर जोर दिया जाता है।
- आधुनिक चिकित्सा और पारंपरिक पद्धतियों (जैसे आयुर्वेद, होम्योपैथी) का आधार भी आयुर्विज्ञान ही है।
उदाहरण
- प्राचीन भारत में आयुर्विज्ञान का गहरा ज्ञान था, जो आज भी प्रासंगिक है।
- चिकित्सा संस्थानों में आयुर्विज्ञान की शिक्षा दी जाती है।
- स्वास्थ्य की देखभाल में आयुर्विज्ञान का योगदान अपरिहार्य है।
- आधुनिक आयुर्विज्ञान ने शल्य चिकित्सा में नई ऊंचाइयां प्राप्त की हैं।
- मानव जीवन की गुणवत्ता सुधारने में आयुर्विज्ञान का योगदान अद्वितीय है।
- वैक्सीन का विकास आयुर्विज्ञान की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में आयुर्विज्ञान की सुविधाओं की कमी बड़ी चुनौती है।
यह भी पढ़ें- सही हिंदी की मुहिम: जानिए ‘अपरिहार्य’, शब्द अर्थ, संधि-विच्छेद, प्रयोग और उदाहरण
यह भी पढ़ें- सही हिंदी मुहिम: जानिए ‘आविष्कार’, शब्द अर्थ, संधि-विच्छेद, प्रयोग और उदाहरण