Republic Day 26 January Speech in Hindi 2024 (गणतंत्र दिवस पर भाषण 2024): 26 जनवरी को पूरा भारत देश गणतंत्र दिवस के रंग में jरंगा नजर आ रहा है। देश की राजाधानी दिल्ली में कर्तव्य पथ से कश्मीर और कन्या कुमारी तक हर जगह तिरंगे से तिरंगे ही तिरंगे दिख रहे हैं। गणतंत्र दिवस पर देश भर में जश्न सा माहौल है। सरकारी कार्यालयों से स्कूल कॉलेजों तक में तमाम तरह के कार्यक्रम हो रहे हैं। अगर आप भी गणतंत्र दिवस के मौके पर किसी तरह के कार्यक्रम या प्रतियोगिता का हिस्सा बने हैं तो हम आपकी मदद कर सकते हैं।
गणतंत्र दिवस पर भाषण
अगर आप भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं या फिर आपको गणतंत्र दिवस के मौके पर कहीं स्पीच देनी तो है तो हम आपको दमदार भाषण के आसान टिप्स बता रहे हैं।
गणतंत्र दिवस पर निबंध
आपको हम कुछ ऐसे टिप्स देंगे जिसके इस्तेमाल से आप गणतंत्र दिवस पर शानदार निबंध लिख सकते हैं।
गणतंत्र दिवस पर कोट्स
आपको हम देशभक्ति से ओत-प्रोत कुछ मशहूर कोट्स बताएंगे जिसका इस्तेमाल आप 26 जनवरी के अपने भाषण या निबंध में इस्तेमाल कर सकते हैं।
26 जनवरी पर शायरी
अगर आप गणतंत्र दिवस पर वीर रस या देश भक्ति से लबालब शायरियां जानना चाहते हैं तो यहां आपको हम एक से बढ़कर एक ऐसी शायरी बताएंगे।
गणतंत्र दिवस पर कविता
गणतंत्र दिवस पर आपने कहीं कविता पाठ का मन बनाया है तो हम आपको राष्ट्र प्रेम में रची बसी तमाम अच्छी कविताएं भी यहां बताएंगे।
गणतंत्र दिवस के मौके पर अगर आप महफिल लूटना चाहते हैं तो हमारे साथ बने रहिये। यहां हर अपडेट आपके काफी काम आने वाली है:
हम आजादी के मतवाले,
झूमे सीना ताने।
हर साल मनाते उत्सव,
गणतंत्र का मजहब जाने।
संविधान की भाषा बोले,
रग-रग में कर्तव्य घोले।
गुलामी की बेड़ियों को,
जब रावी-तट पर तोड़ा था।
उसी अवसर पर तो,
हमनें संविधान से नाता जोड़ा था।
– भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जिसको कई महान गुरुओं के ज्ञान ने अपने ज्ञान से सशक्त और समृद्ध बनाया है।
– भारत का गणतंत्र हमे आदेश देता है कि संविधान का सम्मान ही हर विद्यार्थी का पहला कर्तव्य होना चाहिए।
बाहर के सब बंधन टूटे, भीतर के अब बंधन खोलो।
एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।
कटीं बेड़ियां औ’ हथकड़ियां, हर्ष मनाओ, मंगल गाओ,
किंतु यहां पर लक्ष्य नहीं है, आगे पथ पर पांव बढ़ाओ,
आजादी वह मूर्ति नहीं है जो बैठी रहती मंदिर में,
उसकी पूजा करनी है तो नक्षत्रों से होड़ लगाओ।
हल्का फूल नहीं आजादी, वह है भारी जिम्मेदारी,
उसे उठाने को कंधों के, भुजदंडों के, बल को तोलो।
एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।
– हरिवंश राय बच्चन
26 जनवरी ! यह वह तारीख है जो देश के गौरव के प्रतीक के तौर पर सुनहरे अक्षरों में लिख दिया गया है। 1950 में इसी तारीख को भारत का संविधान लागू हुआ था। गणतंत्र दिवस भारत के तीन राष्ट्रीय पर्वों में से एक है, इसलिए इस खास दिन को हर जाति और संप्रदाय के लोग बड़े सम्मान और उत्साह के साथ मनाते हैं।
