वैज्ञानिक आरए माशलेकर रिलायंस फाउंडेशन के प्रस्तावित जियो इंस्टिट्यूट के अगले चांसलर हो सकते हैं। उनका नाम सरकारी समिति के पास भेजा गया है। माशलेकर देश के जाने—माने वैज्ञानिक हैं। उन्हें एनडीए—2 सरकार ने साल 2016 में दोबारा नेशनल रिसर्च प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति दी थी। माशलेकर वर्तमान में नेशनल इन्नोवेशन फाउंडेशन का नेतृत्व कर रहे हैं। ये फाउंडेशन विज्ञान और तकनीकी विभाग के अर्न्तगत काम करता है। ये बातें इंडियन एक्सप्रेस की पड़ताल में सामने आई हैं।

माशलेकर के अलावा, रिलायंस इन्नोवेशन काउंसिल के चेयरमैन दीपक सी जैन जियो इंस्टिट्यूट के अगले उप—कुलपति होंगे। जैन बैंकॉक के सासिन ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट आॅफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के निदेशक भी रह चुके हैं। बता दें कि जियो इंस्टीट्यूट को देश के सर्वश्रेष्ठ छह संस्थानों में शामिल करने पर ​पहले ही विवाद हो चुका है। कई विद्वानों ने इस कदम को गलत बताया है।

अभी तक सिर्फ कागजों पर शुरू हुआ जियो इंस्टिट्यूट देश का इकलौता ग्रीन फील्ड संस्थान है। इस संस्थान को आईआईएससी, आईआईटी-दिल्ली, आईआईटी बॉम्बे, बिट्स पिलानी और मनिपाल उच्च शिक्षण संस्थान के समकक्ष दर्जा मिल चुका है। माशलेकर और जैन रिलायंस इंडस्ट्रीज के बोर्ड के सदस्य हैं। ये दोनों मिलकर कोर ग्रुप का गठन करेंगे, जो संस्थान के निर्माण में अगले तीन सालों तक मदद और रिलायंस फाउंडेशन टीम का नेतृत्व करेगा। गठित टीम का नेतृत्व रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी करेंगे। ये बातें उन्होंने अप्रैल में सरकार द्वारा गठित सक्षम विशेषज्ञों की समिति के सामने प्रस्तुति देते हुए कहीं थीं। माशलेकर ने कॉल और एसएमएस का जवाब अभी नहीं दिया है।

सरकार द्वारा गठित सक्षम समिति का नेतृत्व पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन. गोपालस्वामी कर रहे हैं। समिति में गोपालस्वामी के अलावा ह्यूस्टन विश्वविद्यालय की अध्यक्ष रेणू खटोर, प्रबंधन विकास संस्थान के आर प्रीतम सिेंह और हार्वर्ड व्यापार स्कूल के प्रोफेसर जॉर्ज पाउलो लेमन इसके अन्य सदस्य हैं।

जियो इंस्टिट्यूट के संभावित चांसलर माशलेकर पेशे से कैमिकल इंजीनियर हैं। वह 1995 से 2006 तक वैज्ञानिक और औद्योगिक शोध समिति के महानिदेशक रहे हैं। वह साल 1988 से 1990 तक और 2004 से लेकर 2014 तक प्रधानमंत्री की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य रहे हैं। साल 2006 में माशलेकर वैज्ञानिक और औद्योगिक शोध समिति के महानिदेशक पद से रिटायर हुए थे। रिटायर होने के बाद माशलेकर ने साल 2007 में रिलायंस इंडस्ट्रीज में काम शुरू किया था। वह इसके बोर्ड के स्वतंत्र सदस्य के तौर पर जुड़े थे। तभी से वह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड से जुड़े हुए थे।

वहीं दीपक सी जैन भी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बोर्ड के सदस्य हैं। वह इंसेड के 2011 से लेकर 2013 तक डीन रहे हैं। इंसेड, विख्यात अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रबंधन संस्थान है। इसके कैंपस फ्रांस, सिंगापुर और अबुधाबी में हैं। इंसेड में शामिल होने से पहले दीपक सी जैन कैलोग स्कूल आॅफ मैनेजमेंट में साल 2001 से 2009 तक डीन रहे हैं।

जियो इंस्टिट्यूट महाराष्‍ट्र के करजाट में 800 एकड़ भूमि पर बनाया जाना है। इस श्रेणी में चयनित होने वाली यह इकलौती संस्‍था है। रिलायंस के अलावा इस श्रेणी में भारतीय एयरटेल, वेदांता और क्रिया फाउंडेशन जैसी संस्थाओं ने भी आवेदन किया था। जियो इंस्‍टीट्यूट के अलावा कमेटी ने जिनका चयन किया है, उनमें आईआईटी दिल्‍ली, आईआईटी बॉम्‍बे, आईआईएससी बेंगलुरु, बिट्स पिलानी और मनिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन शामिल हैं।