नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग में बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। मुक्त परीक्षा करवाने वाली संस्था की लापरवाही से कई विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है, जबकि कई उम्मीदवार ऐसे भी हैं, जिन्होंने परीक्षा में भाग ही नहीं लिया और उन्हें पास कर दिया गया है। जनसत्ता डॉट कॉम के हाथ लगे दस्तावेजों के अनुसार मध्य प्रदेश में कई परीक्षा केंद्रों में उम्मीदवार अनुपस्थित हैं, लेकिन उनके नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। दस्तावेजों में परीक्षा में भाग लेने वाले उम्मीदवारों के आगे अनुपस्थित लिखा हुआ है जबकि संस्थान की ओर से जारी किए गए नतीजों के अनुसार उम्मीदवारों को पास कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि ऐसे हजारों मामले हैं जहां कई उम्मीदवार परीक्षा दिए बिना ही पास हो गए हैं। हालांकि रिजल्ट में लापरवाही की खबरें आने के बाद संस्थान ने कई उम्मीदवारों के रिजल्ट में परिवर्तन करते हुए सभी सब्जेक्ट के नंबर हटा दिए हैं और उनके रिजल्ट में R/W लिख दिया है, जिसमें उम्मीदवारों के विषयों के सामने अनुपस्थित लिखा जाना था। बता दें कि ओपन स्कूलिंग के नतीजे अध्ययन केंद्र के आधार पर जारी किए जाते हैं और उम्मीदवार अध्ययन केंद्र के आधार पर भी अपना रिजल्ट देख सकते हैं। ऐसे ही प्रदेश के एक परीक्षा केंद्र में 221 विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन किया गया था, लेकिन नतीजे आने पर 450 उम्मीदवारों के नतीजे जारी किए गए।
जिसके बाद सवाल उठता है कि कम रजिस्टर होने के बाद भी लाखों इतने उम्मीदवारों का रिजल्ट कैसे जारी किया गया? इस मामले में एक सेंटर चलाने वाले अशोक सिंह ने बताया कि उनके सेंटर के छात्रों के रिजल्ट में पहले सभी विषयों के नंबर दिए गए थे, लेकिन बाद में उसे आरडब्ल्यू कर दिया गया। वहीं इस मामले में कुछ अधिकारियों ने इस तकनीकी एरर बताते हुए कार्रवाई करने की बात कही है। हालांकि रिजल्ट को लेकर कई अन्य सवाल उठ रहे हैं, जिससे ओपन स्कूलिंग संस्थान सवालों के घेरे में है। बता दें कि सीबीएसई और प्रदेश बोर्ड में पास ना हो पाने वाले उम्मीदवार ओपन स्कूलिंग के माध्यम से परीक्षा देते हैं और पास होते हैं।