Neeraj Chopra Education in Hindi: नीरज चोपड़ा ने हाल ही में एक बार फिर से इतिहास रच दिया है। वह 2003 में अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय बने। उन्होंने अपने चौथे प्रयास में 88.13 मीटर का थ्रो दर्ज करके भारत के लिए रजत पदक हासिल किया है। टोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद से स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा को कई पुरस्कार और सम्मान मिले चुके हैं। आइए जानते हैं नीरज चोपड़ा के बारे में…

Neeraj Chopra Background: 24 साल की उम्र में कमाया नाम

नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत के खंडरा गांव में हुआ था। वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वर्तमान में नीरज जालंधर पंजाब में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से बीए कर रहे हैं। नीरज को बचपन में मोटापे के लिए हमेशा चिढ़ाया जाता था जिसके बाद उनके पिता ने उन्हें मदलौडा और बाद में पानीपत के एक जिम में दाखिला दिलाया।

Neeraj Chopra Life Story: यहां से हुई शुरुआत

भाला फेंकने वाले जयवीर चौधरी ने पानीपत स्पोर्ट्स अथॉरिटी का दौरा करते हुए नीरज की प्रतिभा को पहचाना। वह नीरज के पहले कोच भी थे। इसके बाद नीरज को पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में दाखिला मिला। यहां नसीम अहमद ने उन्हें ट्रेनिंग दी और लॉन्ग रन और भाला फेंक सिखाया।

Neeraj Chopra Medal: भारतीय सेना में मिली नौकरी

नीरज को पहला पदक 2014 में बैंकॉक में यूथ ओलंपिक क्वालीफिकेशन में मिला था। दक्षिण एशियाई खेलों में नीरज चोपड़ा के प्रदर्शन से प्रभावित होने के बाद उन्हें भारतीय सेना के राजपूताना राइफल्स में जूनियर कमीशंड अधिकारी के पद की पेशकश की गई थी। नीरज को नायब सूबेदार का पद दिया गया था, जो कि एथलीटों के लिए आसानी से उपलब्ध नहीं है।

Neeraj Chopra Award: पद्मश्री से सम्मानित

नीरज को 2018 में अर्जुन पुरस्कार और गणतंत्र दिवस सम्मान 2020 में विशिष्ट सेवा पदक दिया जा चुका है। नीरज अभिनव बिंद्रा के बाद एकमात्र दूसरे भारतीय स्वर्ण पदक विजेता हैं और ट्रैक-एंड-फील्ड ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं। उन्हें 2022 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया।