राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के 65वें स्थापना दिवस के मौके पर सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप डिजिटल और समावेशी शिक्षा को मज़बूत करने के लिए बाल वाटिका डीटीएच टीवी चैनल और दीक्षा 2.0 सहित कई नई पहलों का शुभारंभ किया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

कार्यक्रम में कौन-कौन रहा उपस्थित

इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार, भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष चामू कृष्ण शास्त्री, एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी, यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार, इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ शामिल रहे।

चैनल लॉन्चिन का उद्देश्य

इस कार्यक्रम में अपनी प्रमुख घोषणाओं के तहत NCERT ने बाल वाटिका – पीएम ई-विद्या डीटीएच चैनल संख्या 35 लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य शिक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और अभिभावकों के लिए आकर्षक ऑडियो-विजुअल कंटेंट के जरिए 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों में बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता को बढ़ाना है।

धर्मेंद्र प्रधान ने किया पुस्तक विमोचन

इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री ने ओडिशा के 100 महापुरुषों के जीवन और योगदान पर आधारित पुस्तक का भी विमोचन किया। उन्होंने एनसीईआरटी को भारत की शिक्षा प्रणाली का एक प्रतिष्ठित और केंद्रीय संस्थान बताते हुए शुभकामनाएं दीं। मंत्री ने कहा कि एनसीईआरटी लंबे समय से छात्रों की पीढ़ियों का मार्गदर्शन करता रहा है और देश की शिक्षा प्रणाली का एक मजबूत स्तंभ रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने प्रौद्योगिकी-आधारित शिक्षा पर सरकार के फोकस पर भी चर्चा की।

इस दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने ‘दीक्षा 2.0’ प्लेटफ़ॉर्म के बारे में कहा कि जो आधुनिक और उन्नत डिजिटल माध्यम है। इसमें संरचित पाठ, अनुकूली मूल्यांकन, रीड-अलाउड जैसे एआई उपकरण और 12 भारतीय भाषाओं में अनुवाद की सुविधा उपलब्ध है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दीक्षा से लाभान्वित हुए छात्रों से प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया भी साझा की, जिसमें बताया गया कि कैसे यह प्लेटफ़ॉर्म शिक्षार्थी-विशिष्ट शिक्षा को सुगम बना रहा है और शिक्षकों और छात्रों दोनों को सशक्त बना रहा है।