National Mathematics Day 2025 History and Importance: हर साल 22 दिसंबर को देशभर में राष्ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day) मनाया जाता है। यह दिन भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिनका योगदान आज भी आधुनिक गणित और वैज्ञानिक अनुसंधान को दिशा दे रहा है। इस अवसर पर देश के स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में विशेष कार्यक्रम, सेमिनार और गणितीय गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, ताकि विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को गणित के महत्व से अवगत कराया जा सके।

राष्ट्रीय गणित दिवस की शुरुआत कब हुई?

भारत सरकार ने दिसंबर 2011 में औपचारिक रूप से 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस घोषित किया था। यह निर्णय श्रीनिवास रामानुजन के असाधारण गणितीय योगदान को सम्मान देने के उद्देश्य से लिया गया था।

इसके बाद वर्ष 2012 को पूरे देश में राष्ट्रीय गणित वर्ष (National Mathematics Year) के रूप में मनाया गया, जिससे गणितीय शिक्षा और शोध को राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन मिला।

22 दिसंबर का राष्ट्रीय महत्व क्यों है?

22 दिसंबर को जन्मे श्रीनिवास रामानुजन ऐसे गणितज्ञ थे, जिनकी खोजें अपने समय से कहीं आगे थीं। उन्होंने उन समस्याओं के समाधान दिए जिन्हें उस दौर में असंभव माना जाता था।

राष्ट्रीय गणित दिवस का उद्देश्य केवल रामानुजन को श्रद्धांजलि देना ही नहीं, बल्कि छात्रों और युवाओं को यह समझाना भी है कि गणित विज्ञान, तकनीक, नवाचार और रोजमर्रा के जीवन का अभिन्न हिस्सा है।

भारत की प्राचीन गणितीय परंपरा

भारत की गणितीय विरासत हजारों साल पुरानी है। प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के अनुसार, भारत में गणित का विकास 1200 ईसा पूर्व से 1800 ईसा पूर्व के बीच शुरू हो चुका था।

भारत ने दुनिया को कई महत्वपूर्ण गणितीय अवधारणाएं दीं, जिनमें शामिल हैं:

दशमलव संख्या पद्धति

शून्य (Zero)

ऋणात्मक संख्याएं (Negative Numbers)

चौथी से सोलहवीं शताब्दी के बीच भारत के स्वर्णिम गणित काल में आर्यभट्ट, वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त और भास्कराचार्य द्वितीय जैसे विद्वानों ने गणित को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

श्रीनिवास रामानुजन का अतुलनीय योगदान

श्रीनिवास रामानुजन ने गणितीय विश्लेषण, संख्या सिद्धांत, अनंत श्रेणियां (Infinite Series) और कंटिन्यूड फ्रैक्शंस जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी कार्य किए। औपचारिक शिक्षा के अभाव के बावजूद, उन्होंने करीब 3,900 गणितीय सूत्र और परिणाम प्रस्तुत किए, जिनमें से कई बाद में बिल्कुल नए और मौलिक सिद्ध हुए। रामानुजन की सोच और उनकी गणितीय अंतर्दृष्टि ने 20वीं और 21वीं सदी के गणितीय अनुसंधान को गहराई से प्रभावित किया है।

राष्ट्रीय गणित दिवस का उद्देश्य ?

राष्ट्रीय गणित दिवस का मुख्य उद्देश्य है:

छात्रों में गणित के प्रति रुचि बढ़ाना

शोध और नवाचार को प्रोत्साहित करना

भारत की गणितीय विरासत को वैश्विक मंच पर उजागर करना

श्रीनिवास रामानुजन की विरासत आज भी लाखों युवाओं को गणित और विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है।