किसी भी परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए अच्छे स्कूल-कॉलेज या टीचर से ज्यादा जरूरत होती है खुद की मेहनत की। इस बात को साबित किया है मध्य प्रदेश के सागर में रहने वाले आयुष्मान ने। उनके पिता चौकीदार हैं, जबकि मां मजदूरी करती हैं। आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होने के कारण आयुष्मान खुद हेल्पर का काम करते हैं। उन्होंने अपनी पूरी पढ़ाई का खर्च खुद उठाया और अब मध्य प्रदेश बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में संयुक्त रूप से टॉप किया है। उन्हें 500 में से 499 मार्क्स मिले हैं।

बारातघर में चौकीदारी करते हैं पिता: आयुष्मान ताम्रकार के पिता मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित एक बारातघर में चौकीदार हैं। वहीं, मां मेहनत-मजदूरी करके घर के खर्चों में हाथ बंटाती हैं। वहीं, आयुष्मान खुद भी हेल्परी करते हैं। उन्होंने बताया कि हमारा पूरा परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा है। ऐसे में सभी लोग कुछ न कुछ काम जरूर करते हैं।

National Hindi News, 16 May 2019 LIVE Updates: पढ़ें आज की बड़ी खबरें

टीचर्स व माता-पिता को दिया श्रेय: आयुष्मान शासकीय बहुद्देशीय उत्कृष्ट विद्यालय के छात्र हैं। उन्होंने 500 में से 499 अंक हासिल किए हैं। उनके अलावा गगन त्रिपाठी को भी 499 अंक मिले हैं। मेरिट लिस्ट में दोनों संयुक्त रूप से टॉप पर हैं। आयुष्मान ने इस सफलता का श्रेय अपने टीचर्स व माता-पिता को दिया है।

सोशल मीडिया के बारे में यह है राय: आयुष्मान से सोशल मीडिया को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं फिलहाल इस चीज से बहुत दूर रहता हूं। सोशल मीडिया पर कभी भी जा सकते हैं, क्योंकि इसका रुख करने से पढ़ाई का लक्ष्य अधूरा रह जाता है। ऐसे में मैंने पढ़ाई को ही प्राथमिकता दी।

बहन को भी मिली सफलता: बताया जा रहा है कि आयुष्मान की बहन आयुषी ने भी 10वीं की परीक्षा दी थी। उन्होंने 92 फीसदी अंक हासिल किए हैं। आयुष्मान की मां का कहना है कि मेरा बेटा बड़ा होकर इंजीनियर बने, लेकिन उसकी पढ़ाई के लिए पैसा कहां से आएगा। बता दें कि आयुष्मान अपनी पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए दूसरों की दुकानों पर काम करते हैं।