तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खत लिखा है जिसमें उन्होंने मांग की है कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक और प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप के लिए पारिवारिक आय सीमा में वृद्धि की जाए। खत में स्टालिन ने कहा है कि अभी पारिवारिक आय की जो लिमिट है वो 2.5 लाख रुपए है और स्टालिन ने इसे 8 लाख रुपए तक बढ़ाने का आह्वान किया है।
EWS और अन्य स्कॉलरशिप योजनाओं के मानदंडों के साथ की तुलना
स्टालिन ने इस लिमिट को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और अन्य राष्ट्रीय स्तर की छात्रवृत्ति योजनाओं के मानदंडों के साथ संरेखित किया है। अपने पत्र में स्टालिन ने वंचित समुदायों के लिए शिक्षा तक पहुंच में असमानता पर प्रकाश डाला। उन्होंने अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (AISHE) रिपोर्ट के निष्कर्षों का हवाला देते हुए कहा, “अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और कुछ पिछड़े समुदायों का सकल नामांकन अनुपात (GER) अन्य छात्रों की तुलना में काफी कम है।”
स्टालिन ने और क्या कहा
स्टालिन ने बताया है कि भारत सरकार ने पहले ही EWS श्रेणी और राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति और उच्च श्रेणी की शिक्षा योजना जैसी योजनाओं के लिए आय सीमा को संशोधित कर 8 लाख रुपये कर दिया है, इसलिए एससी, एसटी और ओबीसी छात्रवृत्तियों में भी इसी तरह का संशोधन करने से समानता सुनिश्चित होगी और हाशिए पर पड़े वर्गों के छात्रों को काफी लाभ होगा।
उच्च शिक्षण संस्थानों में उनके लिए खुलेंगे और अवसर- स्टालिन
स्टालिन ने अपने लेटर में कहा है कि सामान्य आबादी की तुलना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों के जीईआर में काफी अंतर है। पोस्ट और प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आय सीमा बढ़ाने से उच्च शिक्षा संस्थानों में इन छात्रों की संख्या में वृद्धि होगी और उनके लिए अवसर और खुलेंगे। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने और संशोधन को जल्द से जल्द लागू करने का आग्रह किया।