Mizoram HSLC results 2019: मिजोरम के एक गांव में सब्जी बेचने वाली लड़की ने हाई स्कूल की परीक्षा में स्टेट टॉपर बनकर मिसाल पेश की है। टॉपर होने के बावजूद 16 साल की लालरीन्नुंगी ने अपनी वो जिंदगी नहीं बदली जो वह बचपन से जीती आ रही है। 17 हजार बच्चों के बीच प्रतिस्पर्धा में 97.2 फीसदी अंक हासिल कर पहली पायदान पर काबिज हुई यह लड़की शनिवार (4 मई) को फिर उसी स्टूल पर बैठकर सब्जी बेचती नजर आई जिस पर वह पहले भी हर वीकेंड बैठा करती थी। अपने पैरेंट्स की मदद के लिए वो सड़क के किनारे लगे सब्जी बाजार में ब्रोकली और बीन्स बेचती नजर आई। अब तक हर वीकेंड पर स्कूल की छुट्टी के दौरान वह यही काम करती रही है।
इस बार का वीकेंड थोड़ा अलग जरूर था। आइजॉल से फोन पर बातचीत के दौरान लालरीन्नुंगी ने बताया, ‘लोगों ने मेरे पास आकर बधाइयां दीं और मेरे साथ तस्वीरें खिचवाईं। उनमें से कुछ ने इसे मेरे भविष्य की तरफ पहला कदम बताया। कुछ ने यह भी कहा- आओ हमारा स्कूल ज्वॉइन करो।’ आइजॉल के सेंट जोसेफ हायर सेकेंडरी स्कूल की इस छात्रा ने बताया कि उसे अपने पसंदीदा विषय विज्ञान में 100, गणित और मिजो में 97, सामाजिक विज्ञान में 98 नंबर मिले। खुद को अंग्रेजी में थोड़ा कमजोर बताने वाली इस छात्रा को इस विषय में 94 नंबर मिले हैं।
वह कहती है, ‘मैं चिकित्सा या सिविल सर्विस या दोनों में काम करना चाहती हूं। फिलहाल विज्ञान विषय लेने का फैसला किया है। मैंने अपने पैरेंट्स को संघर्ष करते देखा है। उनसे मुझे बहुत प्रेरणा मिलती है।’ छात्रा के पिता जोथानलुआंगा (45) और मां लाल्हलीम्पुई (41) आइजॉल से करीब 15 किमी दूर सिहफिर के नेबाई गांव में सब्जियां बेचकर ही अपने चारों बच्चों को आगे बढ़ने के लिए मदद करते हैं।
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गुरुवार (2 मई) को जब छात्रा ने अपने लालरीन्नुंगी ने अपना रिजल्ट देखा तो उसकी आंखों से आंसू निकल आए। इस पर उसके पैरेंट्स ने कहा कि सफलता को सिर नहीं चढ़ने देना चाहिए। छात्रा बताती है, ‘उन्होंने कहा कि मुझे अपनी स्थिति पर बहुत ज्यादा गर्व नहीं करना चाहिए और लगातार मेहनत करते रहना चाहिए। मैंने बोर्ड की परीक्षा के लिए हर दिन सुबह एक घंटा और फिर शाम को 6 बजे के बाद रात 12 बजे तक पढ़ाई करती थी।’
लालरीन्नुंगी की बड़ी बहन फिलहाल 12वीं कक्षा में है, लेकिन उसके दो बड़े भाई अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए। परिवार की माली हालत ठीक नहीं होने के चलते उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी। छात्रा ने कहा, ‘मेरा स्कूल मेरे लिए परिवार जैसा है।’ टॉपर बनने के लिए इनाम के रूप में अगले दो सालों के लिए उसकी पढ़ाई फ्री कर दी गई है। इस दौरान उसे फ्री हॉस्टल, फ्री ट्यूशन और सबकुछ फ्री मिलेगा। स्कूल के प्रिंसिपल सी लालतलांगसांगा कहते हैं, ‘छात्रा की आर्थिक स्थिति को देखते हुए 9वीं और 10वीं हमने उसके परिवार से सिर्फ 20 फीसदी ही फीस ली थी। अब हम पूरी तरह माफ कर रहे हैं।’

