देश में पेपर लीक की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पिछले दिनों कथित रूप से नीट परीक्षा का पेपर लीक होने के कारण देश में काफी बवाल हुआ है। साथ ही कई परीक्षाएं पेपर लीक की खबरों के चलते स्थगित की गई हैं। इस बीच मध्य प्रदेश के नीमच जिले में एलएलबी सेकेंड सेमेस्टर का एक पेपर लीक होने का मामला सामने आया है। इसे पेपर लीक कहें या फिर नीमच के स्वामी विवेकानंद शासकीय कॉलेज प्रशासन की लापरवाही जिससे कि छात्रों को 10 सितंबर को होने वाली परीक्षा का क्वेश्चन पेपर पहले ही मिल गया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, विक्रम यूनिवर्सिटी के स्वामी विवेकानंद शासकीय कॉलेज में एलएलबी सेकेंड सेमेस्टर का एक पेपर 10 सितंबर को होना था, लेकिन 24 अगस्त को ही उसका क्वेश्चन पेपर कैंडिडेट्स के बीच बांट दिया गया। एग्जाम देने आए 13 विद्यार्थियों को क्वेश्चन पेपर की यह कॉपी मिल भी गई। स्टूडेंट्स की कम संख्या को देखते हुए जब कॉलेज प्रशासन को शक हुआ तो उन्होंने वेबसाइट चेक की और पता चला कि जिस परीक्षा के क्वेश्चन पेपर उन्होंने बांट दिए हैं उस परीक्षा की तारीख आगे बढ़ा दी गई है और वह परीक्षा अब 10 सितंबर को आयोजित होगी।
20 अगस्त को ही वेबसाइट पर अपलोड हो गई थी जानकारी
आनन-फानन में तुरंत छात्रों से वह कॉपियां वापस ली गईं। इस घटना के बाद कॉलेज में हंगामा मच गया। बता दें कि विक्रम यूनिवर्सिटी की इन दिनों परीक्षाएं चल रही हैं। 24 अगस्त को एलएलबी सेकंड सेमेस्टर के छात्रों का ‘कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया’ का पेपर होने वाला था, लेकिन यूनिवर्सिटी ने वेबसाइट पर एक सर्कुलर जारी करते हुए परीक्षा की तारीख बढ़ाकर 10 सितंबर कर दी। परीक्षा की नई तारीख 20 अगस्त को ही वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई थी, लेकिन नई तारीख कॉलेज प्रशासन को पता नहीं थी और 24 तारीख को ही कॉलेज के प्रिंसिपल परीक्षा कराने पहुंच गए।
कॉलेज के प्रिंसिपल पहुंच गए थे पेपर दिलाने
कॉलेज प्रशासन को बच्चों की इतनी कम संख्या देख कर कुछ शक हुआ तो उन्होंने वेबसाइट चेक की। इसके बाद उन्होंने देखा कि परीक्षा तो 10 सितंबर के लिए स्थगित कर दी गई है। इसके बाद तुरंत छात्रों से पेपर कॉपी ले ली गई। इस मामले में कॉलेज प्राचार्य डॉ. के. एल. जाट ने बताया कि, शनिवार को एलएलबी सेकंड सेमेस्टर की परीक्षा 11 से 2 के बीच होने वाली थी। ज्यादातर बच्चे पेपर नहीं देने गए थे।