JNU Student Union Elections, JNUSU Polls: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में छात्रसंघ चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज है। इन चुनावों में संयुक्त वाम दल अलग हो रहा है और आइसा व एसएफआई अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। इसके बजाय आइसा ने डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फ्रंट के साथ अलायंस कर लिया है। जेएनयूएसयू के अध्यक्ष धनंजय (AISA) ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हमने एसएफआई से साथ में लड़ने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार उतारने पर जोर दिया। दुर्भाग्य से, उन्हें यह साफ नहीं था कि उनका उम्मीदवार कौन होगा और हमारे पास कैंपस में मौजूद उपस्थिति वाले मजबूत दावेदार थे। इसलिए हमने इस साल डीएसएफ के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया।
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के लिए आइसा संगठन की ओर से सेंट्रल पैनल के चारों पदों पर पीएचडी के शोधार्थियों को मैदान में उतारा है। अध्यक्ष पद के लिए नितीश कुमार, उपाध्यक्ष पद के लिए मनीषा, महासचिव पद के लिए मुंतहा फातिमा और संयुक्त सचिव पद के लिए नरेश कुमार को उम्मीदवार बनाया गया है। आइसा ने कहा कि उसके प्रत्याशी छात्र हितों की आवाज मजबूती से उठाएंगे।
एबीवीपी ने गुरुवार को अपने उम्मीदवारों का पैनल जारी किया। इसने अध्यक्ष पद के लिए शिखा स्वराज, उपाध्यक्ष पद के लिए निट्टू गौतम, महासचिव पद के लिए कुणाल राय और संयुक्त सचिव पद के लिए वैभव मीना को मैदान में उतारा है।
दुनिया के उत्कृष्ट संस्थानों में जेएनयू का बीसवें स्थान पर शुमार होना सुखद
पद | ABVP | AISA | NSUI |
अध्यक्ष | शिखा स्वराज | नितीश कुमार | प्रदीप ढाका |
उपाध्यक्ष | निट्टू गौतम | मनीषा | मोहम्मद कैफ |
महासचिव | कुणाल राय | मुंतहा फातिमा | अरुण प्रताप |
संयुक्त सचिव | वैभव मीना | नरेश कुमार | सलोनी भारद्वाज |
एनएसयूआई ने भी उतारे अपने उम्मीदवार
एनएसयूआई ने भी अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। संगठन ने अध्यक्ष पद के प्रदीप ढाका को उम्मीदवार बनाया है। उपाध्यक्ष पद के लिए मोहम्मद कैफ, महासचिव पद के लिए अरुण प्रताप और संयुक्त सचिव पद के लिए सलोनी भारद्वाज को उतारा गया है। पिछले साल वामपंथी पैनल ने केंद्रीय पैनल के चारों पदों पर कब्जा कर लिया था। इसमें धनंजय ने आइसा का पद जीता था। अविजित घोष उपाध्यक्ष और मोहम्मद साजिद संयुक्त सचिव चुने गए थे। महासचिव का पद बिरसा अंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन की प्रियांशी आर्या को मिला।
स्टूडेंट्स की चेतावनी के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने लिया फैसला
एसएफआई का पारंपरिक तौर पर छात्र संघ पर काफी असर रहा है। हालांकि, आइसा भी अहम वामपंथी ताकत के तौर पर उभरी है। आइसा ने 2015 से लगातार अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार खड़े किए हैं। 2019 में एसएफआई ने 13 सालों में पहली बार जेएनयूएसयू अध्यक्ष पद पर कब्जा किया। इसमें आइशी घोष ने 2,313 वोटों के साथ यह पद जीता था।
कितने फेज में होगी वोटिंग
इस साल जेएनयूएसयू चुनाव के लिए मतदान 25 अप्रैल को दो फेज में होगा। पहले तो सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच और फिर दोपहर 2.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक। इतना ही नहीं मतगणना भी उसी रात को शुरू हो जाएगी और नतीजे 28 अप्रैल तक आने के आसार हैं। गुरुवार शाम को एसएफआई ने आरोप लगाया कि एबीवीपी के सदस्यों ने चुनाव समिति परिसर में जबरन घुसकर और हिंसा करके नामांकन वापसी की प्रक्रिया में बाधा पैदा करने की कोशिश की।