JEE Main 2025, How to prepare this exam: 12वीं के बाद इंजीनियरिंग करने की सोच रहे स्टूडेंट्स के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में से एक होती है। इस परीक्षा के जरिए उम्मीदवारों को देश के टॉप NIT और IIT संस्थानों में दाखिला मिलता है। कैंडिडेट इस एग्जाम की तैयारी 12वीं की पढ़ाई के साथ ही शुरू कर लेते हैं। हालांकि यह एडमिशन का पहला चरण होता है। जेईई मेन क्लियर करने के बाद स्टूडेंट्स को जेईई एडवांस्ड परीक्षा देनी होती है, लेकिन अभी बच्चे मेन्स की तैयारी में लगे हैं।
जेईई मेन की तैयारी के लिए जरूरी ये तीन हथियार
इस परीक्षा की तैयारी के लिए कैंडिडेट्स कोचिंग भी प्रेफर करते हैं, लेकिन इसकी कोचिंग इतनी महंगी होती है कि हर कोई अफोर्ड नहीं कर सकता। ऐसा जरूरी भी नहीं है कि बना कोचिंग के यह परीक्षा क्रैक ना की जा सके। इस आर्टिकल में हम आपको जेईई मेन की घर पर तैयारी के बारे में महत्वपूर्ण टिप्स देते हैं। जेईई मेन की तैयारी के लिए असरदार अध्ययन विधियाँ, रणनीतिक योजना और प्रतिबद्धता आवश्यक हैं। ऑनलाइन संसाधनों की सुलभता के चलते कई छात्र घर से ही इस परीक्षा की पढ़ाई का विकल्प चुन रहे हैं।
सिलेबस और एग्जाम स्ट्रक्चर की समझ जरूरी
किसी भी परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले उसके सिलेबस और एग्जाम स्ट्रक्चर को समझना बहुत जरूरी है। जेईई मेन में दो पेपर शामिल हैं: पेपर 1 उनके लिए होता है जो BE या B.Tech करना चाहते हैं। वहीं पेपर 2 उन कैंडिडेट्स के लिए होगा जो BArch or BPlanning करने की सोच रहे हैं। अधिकतर बच्चे पेपर 1 देते हैं जो तीन सेक्शन में विभाजित है। पेपर 1 में मैथ्स, केमिस्ट्री और फिजिक्स शामिल है और तीनों ही विषय का महत्व बराबर है। इसमें नेगेटिव मार्किंग भी होती है।
पेपर 1 में जिन तीन विषयों का जिक्र हमने किया है उसको लेकर कुछ बातें ध्यान रखना जरूरी है। फिजिक्स में सबसे ज्यादा ध्यान मॉडर्न फिजिक्स, मेकेनिक्स, इलेक्ट्रोडायनमिक, thermodynamics और ऑप्टिक्स पर रखें। इसके अलावा केमिस्ट्री में अकार्बनिक, भौतिक और कार्बनिक रसायन विज्ञान पर विशेष ध्यान दें। मैथ्स में ज्योमेट्री, एल्जेब्रा,कैलकुलस और ट्रिग्नोमेट्री पर विशेष ध्यान दें।
ऐसे तैयार करें अपना स्टडी प्लान
अपने सिलेबस को की पार्ट्स में विभाजित कर लें और डेली का टारगेट सेट करें। हर विषय के लिए रोजाना कुछ घंटे सेट करें ताकि सबकुछ कवर हो सके। इसके बाद रोजाना के टारगेट को सेट करने के बाद जो सिलेबस आप पढ़ते जा रहे हैं उसका रिविजन बहुत जरूरी है। यह काम आप हफ्ते में एक बार जरूर करें। यह प्रक्रिया आपको आपकी कमजोरी को पहचानने में मदद करेगी। अपने कैलेंडर में लगातार मॉक परीक्षाएँ आयोजित करना सुनिश्चित करें। वास्तविक परीक्षा की स्थितियों को दोहराने के लिए, इन्हें समयबद्ध सेटिंग में पूरा किया जाना चाहिए।
सेल्फ असेसमेंट है बहुत जरूरी
जेईई मेन एग्जाम के सिलेबस को समझने और उसे निपटाने के लिए कैंडिडेट्स को लगातार सेल्फ असेसमेंट भी करना होगा क्योंकि खुद का मूल्यांकन काफी अहम होता है। सेल्फ असेसमेंट सटीकता, स्पीड बढ़ाने और टाइम मैनेजमेंट के लिए बहुत जरूरी है।