राजस्थान के जोधपुर के एक ट्रक ड्राइवर के बेटों ने इस वर्ष NEET और JEE-Advanced परीक्षाएं क्वॉलिफाई की हैं। महेंद्र कुमार बिश्नोई ने NEET और श्याम सुंदर बिश्नोई ने JEE-Advanced क्वॉलिफाई की है। दोनों के पिता मंगाराम बिश्नोई ट्रक ड्राइवर हैं। इन दोनों भाइयों के संघर्ष की कहानी जानकर आपका सीना भी चौड़ा हो जाएगा। कड़ी मेहनत कर दोनों ने अपनी-अपनी परीक्षाएं क्वॉलिफाई की हैं। चलिए बताते हैं आपको उनकी इंस्पाइरिंग स्टोरी। मंगाराम बिश्नोई पिछले एक साल से अपने बेटों से मिले नहीं हैं। अपने पेशे की वजह से वह ज्यादातर वक्त अपने परिवार से दूर रहते हैं। उनकी सैलरी का बड़ा हिस्सा उनके लोन्स चुकाने में चला जाता है। बेटों की पढ़ाई के लिए उन्होंने काफी कर्जा लिया था लेकिन अब उन्हें कोई चिंता नहीं। एक डॉक्टर और इंजीनियर का पिता कहलाए जाने पर उन्हें गर्व महसूस होता है।

महेंद्र और श्याम दोनों ने पहली अटेंप्ट में ही अपनी-अपनी परीक्षाएं क्वॉलिफाई की। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में दोनों ने अपने संघर्ष को याद किया है। पढ़ाई की खातिर दोनों एक साल तक अपने गांव से अलग रहे। पुराने दिन याद करते हुए महेंद्र बताते हैं कि कैसे कोटा जाने के लिए उन्होंने कपड़े, बर्तन और बैग तक उधार लिया था। काउंसलिंग के लिए दोनों अभी भी कोटा में ही हैं। अपने-अपने कॉलेजों में दाखिला लेने से पहले दोनों अपने पिता से मिलना चाहते हैं। महेंद्र और श्याम की सबसे बड़ी प्राथमिकता उनकी पढ़ाई के लिए पिता द्वारा लिया गया कर्ज चुकाने की है। दोनों अपने पिता द्वारा लिए गए लोन चुकाना चाहते हैं और सभी सुविधाएं देना चाहते हैं ताकि अब उन्हें (मंगाराम बिश्नोई) ट्रक चलाने की जरूरत न पड़े।

मंगाराम बिश्नोई दोनों बेटों के परीक्षा क्वॉलिफाई करने की खबर मिलने को याद करते हैं। 4 जून को उन्हें महेंद्र के NEET में 5,140 रैंक हासिल करने की जानकारी मिलती है। यह खुशखबरी सुनते ही उनकी 800km की ड्राइव से हुई थकान एक झटके में गायब हो जाती है। इसके 6 दिन बाद जब वह दिल्ली-हरियाणा बोर्डर पर होते हैं तो उन्हें श्याम के JEE-Advanced में 15,949 रैंक निकालने की खबर मिलती है।