छात्रों के लिए एक बेहतर और सही करिअर का चुनाव करना सबसे महत्त्वपूर्ण बात है। जी हां, चुना गया करिअर ही भविष्य का निर्माण करता है। छात्र अक्सर करिअर का चुनाव किसी विशेषज्ञ, अपने शिक्षकों और अभिभावकों की मदद से करते हैं। ऐसे में आवश्यकता है कि अभिभावक अपने बच्चे का सही मार्गदर्शन करें। वास्तव में अभिभावक से बेहतर बच्चों को कोई नहीं जानता। ऐसे में एक मार्गदर्शक के तौर पर अगर माता-पिता बच्चे के करिअर को चुनने में मदद करेंगे तो उससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता।
अभिभावक होने के नाते वे अपने बच्चे के लिए सबसे बेहतर सपना देखते हैं। वे चाहते हैं कि उनका बच्चा सबसे आगे रहे। वह सफल हो। बीते कुछ वर्षों में अगर देखा जाए तो मां-बाप अपने बच्चों पर अब किसी किस्म का दबाव नहीं डाल रहें। बस अब वे अपने बच्चों से इतना चाहते हैं कि वे जो भी करना चाहें करें बस, वे सफल और खुश रहें।
विकल्प में कमी नहीं
आज डिजिटल युग है। इससे अब करिअर विकल्पों का भी दायरा बढ़ा है। अब सिर्फ डाक्टर, इंजीनियर, अध्यापक, सीए, सीएस, होटल उद्योग ही नहीं, बल्कि इससे इतर भी बहुत से क्षेत्र हैं। जहां विद्यार्थी खुद को सफल साबित कर सकते हैं। एक वर्चुअल असिस्टेंट घर बैठे पचास हजार तक आसानी से कमा सकता है।
अपनी इच्छाओं को न थोपे
करिअर का सुझाव देते समय अभिभावक अपनी इच्छाएं बच्चे पर थोपना शुरू कर देते हैं। वे कहते हैं कि तुम बड़े होकर यह बनो। ऐसा करने से बच्चे बिना मन के उस क्षेत्र में करिअर बनाने का प्रयास तो करेंगे लेकिन यह जरूरी नहीं कि उन्हें सफलता मिल जाए। अगर कोई बच्चा अपने मन के अनुसार करिअर में आगे बढ़ेगा तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक पाएगा।
जब कोई बच्चा लीक से हटकर किसी करिअर का चुनाव करता है तो अक्सर उसे समाज का डर दिखाया जाता है। लोग क्या कहेंगे इस बारे में सोचकर वह अपने पसंदीदा करिअर को छोड़ देता है। लेकिन अभिभावकों को अपने बच्चे के करिअर के साथ डटकर खड़ा होना पड़ेगा तभी उन्हें सफलता प्राप्त होगी।
जागरूकता की कमी
अगर पहले की पीढ़ी की बात करें तो परिवार के लोग एक दूसरे के साथ जुड़े रहते थे। किसका बच्चा क्या कर रहा है, इसकी जानकारी होती थी। इस जुड़ाव की दोबारा से जरूरत है। बच्चे अपने बड़े भाई-बहन से भी उस करिअर से संबंधित सलाह ले सकते हैं। आप हैरान हो जाएंगे कि वे बच्चे जो कालेज में पढ़ रहे हैं , उन्हें अपने क्षेत्र के साथ दूसरे की भी उतनी ही जानकारी होगी। वे बच्चों का बेहतर मार्गदर्शन कर पाएंगे। ऐसे में नए विकल्पों का भी उनके जीवन में आगमन होगा।
करिअर काउंसलिंग की लें मदद
अगर आपको लगता है कि आप अपने बच्चे को करिअर से संबंधित बेहतर सलाह नहीं दे पा रहे तो आप किसी भी करिअर परामर्शदाता के पास जाकर मदद ले सकते हैं। काउंसलर के पास जाने के बाद आपके बच्चे को करिअर से संबंधित कई विकल्प मिलेंगे।
विदेश में पढ़ाई
बहुत बच्चों का सपना होता है कि वे विदेश जाकर पढ़ाई करें। बहुत से मध्यम वर्गीय परिवारों से संबंध रखने वाले अभिभावक अपने हालातों की दुहाई देते हैं। लेकिन ऐसा वे जानकारी के अभाव में करते हैं। जबकि इटली और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में 100 फीसद छात्रवृत्ति मिलती है। आपका बच्चा भी बाहर पढ़ सकता है। सिर्फ अनुमान लगाकर निर्णय नहीं लेने चाहिए।
नवउद्यम और युवा
आजकल युवाओं में उद्यमी के प्रति गजब ही उत्साह देखते ही बनता है। अमूमन बच्चे 12वीं के बाद अपने दोस्तों के साथ मिलकर कुछ नवउद्यम करना चाहते हैं। अगर आपका बच्चा भी ऐसा करना चाहता है तो उसे रोके नहीं। उसे बस इतना कहें कि वह जिस भी क्षेत्र में काम करने का सोच रहा है उसकी किसी स्थापित कंपनी तीन से छह महीने इंटर्नशिप कर ले।
सबसे अहम बात
दसवीं के बाद बच्चों को करिअर के बारे में निर्णय लेना होता है। मान लीजिए बच्चा आपको कुछ अनोखे करिअर विकल्प के बारे में बताए तो उसे तत्काल खारिज न कर दें। उसके बारे में आप अपने दोस्तों या इंटरनेट सर्च इंजन से जानकारी निकाल सकते हैं।