इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेकनोलॉजी (IIT) ने लड़कियों को बढ़ावा देने के लिए अलौकिक कोटा देने की बात कही है। IIT इस कोटे के जरिए क्लासरूम में लिंग संरचना को सुधारना चाहता है। निर्णय लिया गया है कि लड़कियों और महिलाओं के लिए 20 प्रतिशत सीटें बढ़ाई जाएगीं। सीट बढ़ाने का यह फैसला शनिवार (16 अप्रैल) को लिया गया। इस फैसला IIT के ज्वॉइंट एडमिशन बोर्ड (JAB) द्वारा लिया गया। इसको आने वाले तीन सालों में पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा। जिसमें 14 प्रतिशत सीट 2018, 17 प्रतिशत सीट 2019 और 20 प्रतिशत सीट 2020 में दी जाएंगी।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम ना आने की शर्त पर बताया, ‘महिला उम्मीदवारों को दाखिला देने के लिए 20 प्रतिशत कोटा लाया जा रहा है क्योंकि उनकी संख्या काफी कम रहती है। उदाहरण के लिए, अगर 100 सीटें हैं और सिर्फ 10 पर ही महिलाओं ने दाखिला लिया है तो फिर संस्थान 20 प्रतिशत सीट और बढ़ा देगा, लेकिन उनपर सिर्फ महिलाओं को ही दाखिला मिलेगा।’ जानकारी मिली है कि ऐसा महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
2014 में 8.8 प्रतिशत महिलाओं ने दाखिला लिया था, 2015 में यह प्रतिशत बढ़कर 9 तक पहुंचा लेकिन 2016 में यह फिर से गिरकर 8 प्रतिशत पर आ गया था। मीटिंग में कुछ कड़े फैसले भी लिए गए हैं।
ज्वॉइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (JOSAA) इस बारे में विचार कर रही है कि IIT और NIT की काउंसलिंग एक साथ की जाए। शनिवार को यह भी तय हुआ कि इस साल काउंसलिंग के कुल सात राउंड होंगे। जो स्टूडेंट काउंसलिंग के चार राउंड बाद भी अपनी पसंद का कोर्स नहीं चुनेंगे उनकी एडमिशन फीस का 50 प्रतिशत हिस्सा जब्त हो जाएगा। पिछले साल तक IIT और NIT ने काउंसलिंग के कुल छह राउंड किए थे।
IIT और NIT को उनके सबसे ज्यादा प्रचलित कोर्स के बारे में पता करने को भी कहा गया है जिससे कम रुचि वाले कोर्स की सीटों को कम किया जा सके। इससे हर साल खाली रहने वाली सीटों को कम किया जा सकेगा। पिछले साल 23 IIT, 32 NIT और कुछ सरकारी टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स में 3,000 सीट छह राउंड की काउंसलिंग के बाद भी खाली रह गई थीं। इसमें IIT की 73 और NIT की 1,518 सीटें शामिल थीं।