हाल ही में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) रायपुर के डायरेक्टर पद से इस्तीफा देने वाले राम कुमार काकानी ने अपने इस्तीफे से पहले “एडमिनिस्ट्रेटिव ऑटोनॉमी और ऑपरेशनल इंटीग्रिटी” को लेकर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण “प्रशासनिक स्वायत्तता और संचालन की अखंडता” को बताया था। इस मामले में शिक्षा मंत्रालय ने काकानी को सूचित किया था कि उन्हें संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के निर्णयों का पालन करना आवश्यक है। यह जानकारी द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्राप्त दस्तावेजों से सामने आई है।

शिक्षा मंत्रालय ने काकानी को इस्तीफे से पहले 11 जुलाई को एक मैसेज भेजा था जिसमें उन्हें यह सूचित किया गया था कि उन्हें संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के निर्णयों का पालन करना आवश्यक है। इसने प्रभावी रूप से बोर्ड के साथ चल रहे विवाद में उनका पक्ष लिया, जिसमें यह तय किया गया था कि IIM एक्ट, 2017 के तहत संस्थान में कार्यकारी अधिकार किसके पास हैं। बता दें कि काकानी ने 21 जुलाई को इस्तीफा दिया था। उनका यह इस्तीफा कार्यकाल समाप्त होने से 2 साल पहले आ गया था।

बता दें कि इंडियन एक्सप्रेस ने सबसे पहले 8 अक्टूबर को रिपोर्ट किया था कि काकानी ने बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरपर्सन के साथ मतभेदों के कारण अपने कार्यकाल के खत्म होने से 2 साल पहले 21 जुलाई को इस्तीफा दे दिया है। 13 जून को काकानी ने मिनिस्ट्री को लिखा था जिसमें आरोप लगाया गया था कि चेयरपर्सन ने “लगातार और तेज़ी से उन एग्जीक्यूटिव कामों को अपने हाथ में ले लिया है जो कानूनी तौर पर डायरेक्टर के पास हैं”।

बता दें कि काकानी के बोर्ड के साथ मतभेद एक फैकल्टी मेंबर के खिलाफ कथित एकेडमिक गड़बड़ी को लेकर शुरू की गई डिसिप्लिनरी कार्रवाई से पैदा हुए थे। काकानी के उस एक्शन को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि IIM एक्ट के तहत यह अधिकार बोर्ड के पास है। हाईकोर्ट ने बोर्ड को अपॉइंटिंग अथॉरिटी माना था।

इस मामले में काकानी का कहना था कि शिक्षक की नियुक्ति 2013 में हुई थी और तब की मानव संसाधन नीति के अनुसार, निदेशक नियुक्ति और अनुशासनात्मक प्राधिकारी थे। इस मामले में शिक्षा मंत्रालय ने अपनी सफाई में कहा था कि इंस्टीट्यूट की 2015 की HR पॉलिसी जिसके तहत डायरेक्टर को अपॉइंटिंग और डिसिप्लिनरी अथॉरिटी के तौर पर लिस्ट किया गया है IIM एक्ट से पहले की है और इसलिए यह कानून के “अनुरूप नहीं” है।