HPBOSE HP Board 12th Result 2025 Topper: हिमाचल प्रदेश में एक जिल है ऊना, वहां गगरेट के सेंट डी आर पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा महक ने हिमाचल बोर्ड 12वीं में टॉप किया है, मगर बेटी की सफलता देखने के लिए महक के पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। महक जब बोर्ड परीक्षा दे रही थी तभी बीमारी के कारण उनकी असमय मौत हो गई। महक ने फिर भी खुद को संभालना, समेटा और हिम्मत के साथ डटी रहीं क्योंकि वे अपने पिता को अपनी हिम्मत मानती हैं कमजोरी नहीं। महक की पूरी कहानी के लिए आपको थोड़ा पीछे ले चलते हैं।
महक जब परीक्षा की तैयारी में लगी थी, पिता बीमार हो गए
महक अपनी परीक्षा की तैयारी में लगी हुई थी, उसे एग्जाम में अच्छे नंबर लाने थे। वह चाहती थी जब उसका रिजल्ट आए तो पिता फूले न समाएं और गर्व के साथ सबसे कहें कि देखो मेरी बेटी ने कमाल कर दिया। महक को पढ़ाई के जरिए अपने माता-पिता का सपना पूरा करना चाहती हैं। वह परीक्षा के लिए साल भर ले मन लगाकर पढ़ाई कर रही थी। जहां मां उसे लाड करती वहीं पिता उसकी हिम्मत बढ़ाते।
सब ठीक चल रहा था, उसके एग्जाम भी आ गए वह तैयारी के साथ परीक्षा देने लगी। वह सभी प्रश्नों का उत्तर अच्छे से लिखकर आती मगर महक के पिता को बेटी की सफलता देखने को नहीं मिला, असल में होनी को कुछ और मंजूर था। मार्च में परीक्षा के समय एक दिन उसने पिता की मौत हो गई, महक ने उन्हें हमेशा के लिए खो दिया, इस उथल-पुथल के बावजूद वह डटी रही।
पिता की मौत के साथ सब बदल गया
दरअसल, एक दिन महक के पिता की तबीयीत खराब हो गई, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया उनकी हालत बिगड़ती चली गई और महक की परीक्षा के बीच वे दुनिया छोड़कर चले गए। उनकी मौत ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया, महक भी गम में डूबी थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि पिता को खोने के दर्द को वह कैसे सहन करे। हालांकि उसका पेपर था उसने उसी दर्द में पिता का बातों को याद कर हिम्मत कर एग्जाम दिए। वह अपनी मां की हिम्मत बनना चाहती है।
12वीं एचपी बोर्ड में किया टॉप, सपना करना है पूरा
अब जब एचपीबीओएसई एचपी बोर्ड 12वीं परिणाम आया तो महक को 97% अंक प्राप्त हुए हैं, उसके नंबर देख मां बहुत खुश हैं। महक का सपना शिक्षक बनना है ताकि वह अपने माता-पिता के अरमान पूरे कर सके। वह अपनी मां के हर सपने को पूरा करना चाहती है। महक का कहना है कि अब वह बीएससी करना चाहती है और शिक्षक बनना चाहती है।
महक शिक्षाविदों के परिवार से आती हैं, उनकी मां गुरदेव कौर एक टीजीटी कला शिक्षक हैं, चाचा संजीव कुमार एक व्याख्याता हैं और चाची मीना कुमारी स्कूल में मुख्य शिक्षिका हैं। उसका छोटा भाई 9वीं कक्षा में पढ़ता है। विज्ञान की छात्रा महक भी शिक्षक बनकर माता-पिता का नाम रोशन करना चाहती हैं। मां को अपनी बेटी पर पूरा भरोसा हैं, बेटी उनकी हिम्मत है। महक अपने छोटे भाई का ख्याल रख रही हैं ताकि वह भी अपने करियार में बेहतर कर सके।