UGC: शिक्षक दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने फैलोशिप और स्कॉलरशिप स्कीम की घोषणा करने का फैसला किया है। इससे देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई के लिए इच्छुक छात्र- छात्राओं को फायदा मिलेगा। स्कॉलरशिप और फेलोशिप में यूं तो कई तरह की समानताएं हैं लेकिन दोनों ही कई मायनों में अलग भी हैं। यहां हम आपको दोनों के बीच के अंतर को समझाएंगे।
Scholarship : क्या होती है स्कॉलरशिप?
स्कॉलरशिप आमतौर पर बैचलर्स और मास्टर्स डिग्री लेवल पर मिलता है। यह अकादमिक स्कोर, रचनात्मक कौशल प्रतियोगिताओं में प्रदर्शन, परिवार की वित्तीय स्थिति और अन्य चीजों पर आधारित होता है। यह चयनित अभ्यर्थियों की ट्यूशन फीस के कुछ हिस्से को कवर करती है। वहीं, कुछ स्कॉलरशिप आवास, यात्रा और रहने की लागत से संबंधित अन्य खर्चों को भी कवर करती है। स्टूडेंट्स आमतौर पर शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करते हैं। हालांकि, अधिकांश मामलों में इसके लिए दोबारा भी आवेदन किया जा सकता है।
Fellowship: इन्हें दी जाती है फैलोशिप
स्कॉलरशिप के विपरीत, फैलोशिप उन छात्रों को प्रदान की जाती है जो किसी विशेष संस्थानों या विश्वविद्यालयों में पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री, रिसर्च, डॉक्टरल और पोस्ट डॉक्टरल प्रोग्राम कर रहे होते हैं। इसके लिए छात्रों का केवल अकादमिक स्कोर अच्छा होना अनिवार्य है। मेडिकल, टीचिंग, रिसर्च और ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए कई तरह की फैलोशिप उपलब्ध है। कुछ फैलोशिप में वेतन की जगह केवल आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं।
Internship: काम सीखने का मौका
इंटर्नशिप एक शॉर्ट टर्म वर्क एक्सपीरियंस है। स्टूडेंट्स कंपनियों में इंटर्नशिप कर के काम की बारीकियों को समझते हैं। यहां छात्र-छात्राओं को अपनी स्किल्स को उभारने का मौका मिलता है। इसके लिए चयन आमतौर पर टेस्ट या इंटरव्यू के आधार पर किया जाता है। इंटर्नशिप के दौरान कई कंपनियां बेसिक सैलरी भी देती हैं। हालांकि, अधिकतर इंटर्नशिप में केवल सर्टिफिकेट ही मिलता है।
आमतौर पर इंटर्नशिप की अवधि कुछ महीनों की होती है लेकिन कई बार इंटर्नशिप के बाद आपको कंपनी से नौकरी का ऑफर भी मिल सकता है। फैलोशिप और स्कॉलरशिप के उलट इंटर्नशिप में वित्तीय मदद की जगह केवल सीखने, अनुभव करने और ज्ञान को बढ़ाने का मौका मिलता है।