UGC: देशभर के विश्वविद्यालय और उच्च शैक्षणिक संस्थान अब अपने अंडर ग्रेजुएट (यूजी) और पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) प्रोग्राम में विदेशी छात्रों के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त सीटें आरक्षित कर सकते हैं। यह दिशानिर्देश यूजीसी से मान्यता प्राप्त सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों पर लागू होगी। विदेशी छात्रों को भारत में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा भी नहीं देनी होगी। ‌

इंडियन एक्सप्रेस.कॉम से बातचीत के दौरान यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने बताया कि उच्च शैक्षणिक संस्थान (HIE) स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के लिए अपने कुल स्वीकृत नामांकन के अलावा अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त सीटें बना सकते हैं। एचईआई अंतरराष्ट्रीय छात्रों को उनके प्रवेश योग्यता की समानता के आधार पर दाखिला दे सकते हैं। इसके लिए यूजीसी या फिर यूजीसी से मान्यता प्राप्त किसी अन्य निकाय द्वारा समानता निर्धारित की जाएगी। ‌उच्च शैक्षणिक संस्थान अंतरराष्ट्रीय छात्रों के दाखिले के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपना सकते हैं।

प्रो.जगदीश कुमार ने कहा कि 25 प्रतिशत अतिरिक्त सीटों के संबंध में संस्थान के आधारभूत ढांचें, शिक्षकों और अन्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाएगा। यह संस्थानों को तय करना है कि वह विदेशी छात्रों को छात्रवृत्ति और फैलोशिप प्रदान करना चाहते हैं या नहीं। हालांकि, विदेशी विश्वविद्यालयों में भी यूजी और पीजी स्तर पर बहुत कम छात्रवृत्ति दी जाती है।

वर्तमान दिशानिर्देशों के कारण भारतीय छात्रों के लिए मौजूदा सीटें प्रभावित नहीं होंगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय परिसरों में विदेशी छात्रों की उपस्थिति से उच्च शिक्षा में अंतरराष्ट्रीय और अंतरसांस्कृतिक आयामों को एकीकृत करने में मदद मिलेगी। यही कारण है कि यूजीसी सभी अच्छे संस्थानों को विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ाने की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।