वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार (1 फरवरी 2025) को संसद में लगातार आठवां बजट पेश किया। इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को लेकर सरकार ने कई अहम घोषणाएं की। एजुकेशन सेक्टर की बात करें तो केंद्रीय बजट 2025 में कुल 1,28,650.05 करोड़ रुपये शिक्षा के क्षेत्र में कामकाज के लिए आवंटित किए गए हैं। यह पिछले साल की तुलना में 6.65 प्रतिशत की वृद्धि है। 2024 के बजट में जो राशि एजुकेशन सेक्टर को आवंटित की गई थी वह 2014 के बाद से मोदी सरकार के कार्यकाल की सबसे अधिक राशि थी, लेकिन इस साल इस रिकॉर्ड को ब्रेक कर दिया गया है।
2024 में मिले थे 1.48 लाख करोड़ रुपए
बता दें कि 2024 के बजट में वित्त मंत्री ने शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास में 1.48 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए। कुल बजट आवंटन में से स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को 78572.10 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को 2025-26 के लिए कुल शिक्षा बजट का लगभग 61% आवंटित किया गया है। इस आवंटन का उद्देश्य देश भर में स्कूली शिक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से विभिन्न शैक्षिक योजनाओं और पहलों का समर्थन करना है।
हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के लिए 39 फीसदी बढ़ा बजट
इस बजट में भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों के विकास और विस्तार का समर्थन करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग को कुल बजट का 39% यानी 50077.95 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) के लिए आवंटित फंड में वृद्धि की गई है। पीएम श्री पहल के लिए आवंटन में 1,450 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है, जिससे कुल राशि 7,500 करोड़ रुपये हो गई है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप 15,000 से अधिक स्कूलों को अपग्रेड करना है।
वर्ल्ड बैंक द्वारा समर्थित स्टार्स परियोजना को भारतीय राज्यों में शैक्षिक परिणामों को बढ़ाने के लिए 1,250 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के तहत कई प्रमुख पहलों को अद्यतन आवंटन प्राप्त हुए हैं। समग्र शिक्षा योजना जो समग्र शिक्षा प्रदान करने पर केंद्रित है उसे 41,249.98 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।