दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले की पहली खिड़की शनिवार को बंद हो गई। पहली कटआॅफ में दाखिले के जो आंकड़े कॉलेजों के रोजनामचे में दर्ज हुए उससे साफ है कि खासी गिरावट के साथ इन दाखिले की खिड़कियों को फिर खुलना पड़ेगा। सूत्रों के मुताबिक, करीब आधी सीटें खाली हैं। कुछ प्रमुख कॉलेजों के एक-दो पाठ्यक्रम इसके अपवाद हैं। लिहाजा उनके लिए भी खबर है जो इस कटआॅफ में चूक गए। दूसरी ओर उन छात्रों के लिए बुरी खबर है जो पहली कटआॅफ में आने के बाद भी किसी कारण दाखिला ले पाने से रह गए। विश्वविद्यालय ने तय किया है कि इस बार पहली कटआॅफ में चूके छात्रों को ऊंचे बेस्ट फोर रहने के बावजूद अगली कटआॅफ में दाखिला नहीं मिलेगा।
यहां आधी से ज्यादा सीटें खाली

सूत्रों के मुताबिक, राजधानी कॉलेज, शिवाजी, दयाल सिंह, पीजीडीएवी, हंसराज, हिंदू, आइपी, भीमराव आंबेडकर, अरबिंदो, देशबंधु, रामानुजन, अदिती कॉलेज में आधी से ज्यादा सीटें खाली हैं। सबसे ज्यादा कटआॅफ जारी करने वाले रामजस के बीकॉम पाठ्यक्रम में दाखिले पूरे नहीं हुए। यहां सीटें खाली रह गई हैं। एसआरसीसी में भी दाखिले की संभावना बरकरार है क्योंकि सीटें खाली हैं।

अब 5 जुलाई का इंतजार
अगली कटआॅफ 5 जुलाई को आएगी। इसके तहत दाखिला पांच से आठ जुलाई तक होंगे। शनिवार की शाम सात बजे के बाद कॉलेज प्रशासन दाखिले का लेखा-जोखा तैयार करने में लग गया। विश्वविद्यालय ने इसके लिए दो दिन का समय दिया है। वे सभी सीटों का ब्योरा और कटआॅफ तय कर डाटा विश्वविद्यालय को मुहैया कराएंगे। इसके बाद मंगलवार को डीयू दूसरी कटआॅफ जारी करेगा। याद रहे, पहले आओ पहले पाओ की नीति नहीं है। रामजस कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर राजेंद्र कुमार बताते हैं कि दरअसल डीयू की यह पॉलिसी नहीं है कि किसी पाठ्यक्रम में अगर 60 सीटें हैं, तो कटआॅफ के दायरे में आने वाले पहले 60 छात्रों को दाखिला देकर बाकी को दाखिले से मना कर दिया जाए। पहले आओ पहले पाओ की नीति यहां नहीं है।

भारी पड़ी आॅनलाइन में चूक
इस बार आॅनलाइन आवेदन के तहत आवेदनों में कई विद्यार्थियों ने गलती कर दी है। डीयू दाखिला प्रक्रिया के अंतिम दिन इस बाबत शिकायतें आर्इं। खुद से की गई चूक का खमियाजा अब भुगतना पड़ रहा है। आवेदन फॉर्म में गलत नाम लिखने, गलत कोर्स भरने व कम कोर्स में आवेदन करने आदि की समस्याओं को लेकर कई विद्यार्थी शुक्रवार को डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर आॅफिस पहुंचे। लेकिन समस्या यह है कि एक बार आवेदन में गलती करने के बाद अब इसमें सुधार नहीं किया जा सकता है। लिहाजा अब ऐसे विद्यार्थियों को दाखिला नहीं मिल सकता है, जिन्होंने आवेदन में गलत विषय, अंक व नाम आदि भर दिया है। मसलन उत्तर दिल्ली से हिंदू कॉलेज पहुंची सोनिया जैन अपने बेटे के एडमिशन के लिए परेशान थीं। उन्होंने अपनी परेशानी संझा करते हुए कहा कि अगर आप आॅनलाइन आवेदन करते है तो आपके पास बाद में सुधार का कोई रास्ता नहीं बचता। उनके बेटे का नाम आकृत जैन है पर फॉर्म पर उसका नाम केवल आकृत लिखकर आ रहा है। ऐसे में कॉलेज प्रशासन ने एडमिशन लेने से साफ इनकार कर दिया। उन्हें कॉलेज प्रशासन ने डीन वेलफेयर सोसाइटी जाने की सलाह दी। लेकिन वहां भी उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं निकला।

आॅनलाइन के आगाज ने रुलाया
कुल मिलाकर डीयू के सपने देख रहे छात्रों को ऊंची कटआॅफ ने पसीने छुुड़ाए तो कई जगह लंबी कतारों ने उन्हें रुलाया। कहीं शिक्षकों की कामबंदी से लोग प्रभावित हुए। पहले सत्र में सर्वर का क्रैश होना और लेटलतीफी से काम कर रहे गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के काम करने के तरीकों से भी छात्र-अभिभावक परेशान रहे। मिरांडा कॉलेज में दाखिला लेने पहुंची शिवानी ने बताया कि उसने इसी साल केंद्रीय विद्यालय से इंटर पास किया है। वह पिछले दो दिनों से मिरांडा हाउस के चक्कर लगा रही है। उसने आगे कहा कि आॅफलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया ज्यादा बेहतर थी। यहां तो कभी इंटरनेट नहीं चलता तो कभी दूसरी समस्या आ जाती है। तकनीक चाक-चौबंद कर ही व्यवस्था करनी चाहिए थी। वह तकनीक ही क्या जो परेशानी बढ़ा दे।