दिल्ली विश्वविद्यालय आज अपने पेटेंट सर्टिफिकेट कोर्स के लिए पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करेगा। इस कोर्स का पांचवां बैच 1 सितंबर से हाइब्रिड फॉर्मेट में शुरू होगा। इस कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना या किसी भी विषय में स्नातक पाठ्यक्रम पूरा करना है। इस कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस 2 अगस्त से शुरू हुई थी और आज आज (18 अगस्त) को समाप्त हो रही है। डीयू ने इस सर्टिफिकेट कोर्स की फीस 5000 रुपये निर्धारित की है।
क्या है कोर्स की डिटेल ?
इच्छुक छात्रों को पेटेंट सर्टिफिकेट कोर्स के लिए 48 घंटे ऑनलाइन और 12 घंटे ऑफलाइन स्टडी करनी होगी। इस बैच में 100 छात्र शामिल हो सकते हैं और प्रति वर्ष कई बैच आयोजित किए जाएंगे। पेटेंट कोर्स की अवधि तीन महीने है और शनिवार और रविवार को दो घंटे की कक्षाएं होंगी। पेटेंट सर्टिफिकेट कोर्स में आवेदन करने के इच्छुक छात्र यहां दिए गए फॉर्म लिंक पर क्लिक करके अप्लाई कर सकते हैं। forms.du.ac.in/mac/view.php?id=121161
डॉ. अश्विनी सिवाल, दिल्ली विश्वविद्यालय के क्लस्टर इनोवेशन सेंटर में सहायक प्रोफेसर हैं और पेटेंट कोर्स के पाठ्यक्रम समन्वयक हैं। शैक्षणिक पूछताछ या पत्राचार के लिए, डॉ. सिवाल से ccp.rc@admin.du.ac.in पर ईमेल के माध्यम से संपर्क किया जा सकता है। संकाय और पाठ्यक्रम रुचियों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, छात्र ccp.rc.du.ac.in पर जा सकते हैं। पाठ्यक्रम निदेशक प्रोफेसर दमन सलूजा हैं, जो डीयू की शोध परिषद के अध्यक्ष भी हैं।
इस बीच, दिल्ली विश्वविद्यालय को मूल्यांकन के दूसरे चक्र में 3.55 के संचयी ग्रेड पॉइंट औसत (CGPA) के साथ NAAC द्वारा सर्वोच्च A++ मान्यता ग्रेड प्रदान किया गया है। 8 अगस्त को घोषित यह मान्यता पाँच वर्षों, यानी 2029 तक मान्य होगी। 2018 में आयोजित पिछले चक्र में, डीयू ने 3.28 के CGPA के साथ A+ ग्रेड प्राप्त किया था।
विश्वविद्यालय ने कहा कि बेहतर स्कोर गुणवत्ता सुधार, शिक्षण और अनुसंधान में नवाचार और मजबूत संस्थागत प्रशासन पर उसके निरंतर ध्यान को दर्शाता है। डीयू के इतिहास में इस मान्यता को एक “ऐतिहासिक क्षण” बताते हुए कुलपति योगेश सिंह ने कहा कि यह पूरे विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है।