दुनिया के लगभग हर देश में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लागू है। भारत भी इस संक्रमण से अछूता नहीं है। लगातार जारी इस लॉकडाउन का सीधा असर अब नौकरीपेशा लोगों की जिंदगी पर पड़ने लगा है। लॉकडाउन से पैदा हो रही मंदी का असर सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के नौकरीपेशा लोगों पर पड़ रहा है। जहां एक ओर केंद्र सरकार ने सांसदों की सैलरी में कटौती कर दी है वहीं सांसदों को मिलने वाली सांसद निधि को भी रोक दिया गया है। केन्द्र के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड की राज्य सरकारों ने भी ऐसे ही कदम उठाए हैं।
प्राइवेट सेक्टर भी लॉकडाउन से पैदा हो रही मंदी की भयानक मार झेल रहा है। प्राइवेट कंपनियों में कांट्रैक्ट कर काम कर रहे लोगों की नौकरियां जाने की खबरें आनी शुरू हो गई हैं। IT, मीडिया जैसे बड़े सेक्टर्स में लोग अब कम सैलरी पर काम करने के लिए बाध्य हैं। नई नौकरियों के रास्ते भी बंद होते दिख रहे हैं। छोटे व्यापारी या स्टार्टआप मालिक अपनी पूंजी डूबने के खतरे से जूझ रहे हैं। आइये आपको बताते हैं कि इस मंदी का असर नौकरीपेशा लोगों की जिंदगी पर कहां कहां और कैसे पड़ रहा है।
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कंपनी द्वारा यह कटौती अप्रैल से चार महीने तक की जाएगी। रॉयटर्स के अनुसार, कंपनी ने अपने कुछ कर्मचारियों को लिमिटेड बेनिफिट्स के साथ छुट्टी पर भी भेज दिया है। ओयो ने अमेरिका में मार्च मध्य से अब तक सेल्स, बिजनेस डेवलपमेंट और एचआर की छंटनी की है। मालूम हो कि कर्मचारियों को अप्रैल के पहले हफ्ते में नौकरी से हटाया गया था।
कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप को फैलने से रोकने के लिए भारत में लॉकडाउन जारी है। इससे होटल इंडस्ट्री की कमर टूट गई है। ऐसे में होटल चेन कंपनी ओयो रूम्स ने भारत में सभी कर्मचारियों की सैलरी में 25 फीसदी की कटौती की घोषणा की है।
केरल राज्य कैबिनेट में प्रस्ताव रखा गया था जिसमें हर कैटेगरी के सरकारी कर्मचारियों की 6 दिन की तनख्वाह को 5 महीने तक काटने का सुझाव दिया गया था। ऐसे में पांच महीनें में हर कर्मचारी की 30 दिन की सैलरी कटौती हो जाएगी।
वेतन में अस्थाई कटौती के कारण आप लोने लेने के लिए आकर्षित हो सकते हैं, लेकिन इस समय आपको इससे बचना चाहिए, क्योंकि लोन लेने पर आप पर एक नई देनदारी आ जाएगी। वहीं, अगर आप अपने मौजूदा लोन की किश्ते चुकाने में असमर्थ हैं, तो आप बैंक द्वारा दिया जा रहा किश्त टालने का प्लान ले सकते हैं।
लॉकडाउन के कारण कर राजस्व में आई गिरावट के चलते केंद्र ने 1.13 करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ाने के अपने फैसले को फिलहाल के लिए टाल दिया है। 13 मार्च को, कैबिनेट ने डीए को 4% से 21% तक बढ़ाने के लिए अपनी मंजूरी दी थी, जिसमें वित्त वर्ष 2015 में अतिरिक्त 14,510 करोड़ रुपये की लागत आई होगी।
उत्तर प्रदेश के विधानमंडल में कुल 503 सदस्य हैं, जिनमें से 403 विधानसभा सदस्य और 100 विधान परिषद सदस्य शामिल हैं. यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि प्रदेश के सभी मंत्रियों के वेतन और भत्ते की 30 फीसदी रकम की कटौती से 2,21,76,000 रुपए बनता है।
बिहार में विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री सभी का वेतन 40 हजार रुपये प्रति महीना है. इसी का 15 प्रतिशत अर्थात छह हजार हर माह इनके वेतन से कट जाएगा. इसके अलावा विधायकों को प्रतिमाह 50 हजार भत्ता मिलता है, जिससे कटौती नहीं की जाएगी।
Lockdown 2.0 के कारण सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों की 5 किश्तों में एक महीने की सैलरी कटौती होगी। हालांकि सरकार ने इससे पेंशनर्स को राहत दी है।
लॉकडाउन के कारण कर्मचारियों के वेतन में कटौती को लेकर केरल राज्य सरकार का नाम भी जुड़ गया है। राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों के 1 महीने के वेतन की कटौती की जाएगी।
केरल सरकार के मुताबिक, अगले एक साल तक मंत्री, विधायक, सरकारी बोर्ड के मेंबर, सदस्य की तन्ख्वाह में तीस फीसदी की कटौती होगी. ये आदेश अगले एक साल से लागू होगा, जो कि कोरोना वायरस के कहर की वजह से लिया गया है।
लॉकडाउन के कारण कर राजस्व में आई गिरावट के चलते केंद्र ने 1.13 करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ाने के अपने फैसले को फिलहाल के लिए टाल दिया है। 13 मार्च को, कैबिनेट ने डीए को 4% से 21% तक बढ़ाने के लिए अपनी मंजूरी दी थी, जिसमें वित्त वर्ष 2015 में अतिरिक्त 14,510 करोड़ रुपये की लागत आई होगी।
दत्ता ने कहा था, "मैं व्यक्तिगत रूप से 25 प्रतिशत वेतन में कटौती कर रहा हूं, एसवीपी (वरिष्ठ उपाध्यक्ष) और ऊपर 20 प्रतिशत, वीपीएस (उपाध्यक्ष) और कॉकपिट चालक दल 15 प्रतिशत वेतन में कटौती कर रहे हैं। सहायक उपाध्यक्ष (एवीवी), डी बैंड के कर्मचारी और चालक दल के अन्य सदस्य (केबिन क्रू) 10 प्रतिशत तथा बैंड सी के अंतर्गत आने वाले कर्मचारी 5 प्रतिशत कम वेतन लेंगे।"
इंडिगो के सीईओ रोनोजॉय दत्ता ने ई-मेल में कर्मचारियों से कहा है, ''हालांकि हमारी कार्यकारी समिति के सदस्य और वरिष्ठ उपाध्यक्षों ने स्वेच्छा से इस महीने वेतन कम लेने का फैसला किया है। अन्य सभी कर्मचारी अप्रैल महीने का पूरा वेतन पाने की उम्मीद कर सकते हैं।''
इंडिगो एयरलाइन के सीईओ रोनोजॉय दत्ता ने अप्रैल में घोषित वेतन कटौती को वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी ने कंपनियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि कोविड -19 महामारी के दौरान कर्मचारियों पर आर्थिक रूप से बोझ नहीं डाला जाए। इंडिगो ने कर्मचारियों के अप्रैल के वेतन में कटौती की घोषणा की थी।
केंद्र सरकार की ओर से भी सांसदों, मंत्रियों, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की तन्ख्वाह में 30 फीसदी की कटौती की गई थी. जबकि सांसद निधि के फंड अगले दो साल के लिए बंद कर दिया गया था, इस सभी राशि का इस्तेमाल कोरोना के खिलाफ लड़ाई में करने की बात कही गई।
केरल ऐसा पहला राज्य नहीं है, जिसने ये फैसला किया हो. इससे पहले आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई राज्य इस तरह का फैसला कर चुके हैं।
केरल में अगले 5 महीने के लिए सभी सरकारी कर्मचारियों की 6 दिन की सैलरी का पैसा काटा गया है, ये सभी मुख्यमंत्री राहत कोष में जाएगा. हालांकि, जिन सरकारी कर्मचारियों की सैलरी 20 हजार रुपये प्रति महीने से कम है उन्हें इससे छूट दी गई है।
केरल सरकार के मुताबिक, अगले एक साल तक मंत्री, विधायक, सरकारी बोर्ड के मेंबर, सदस्य की तन्ख्वाह में तीस फीसदी की कटौती होगी. ये आदेश अगले एक साल से लागू होगा, जो कि कोरोना वायरस के कहर की वजह से लिया गया है।
कोरोना वायरस के असर के कारण देश के आर्थिक हालात पर काफी गहरा असर पड़ा है. प्राइवेट के साथ-साथ सरकारी रेवेन्यू भी लगभग थम सा गया है. इस बीच कई राज्य सरकारों की तरह केरल सरकार ने भी मंत्रियों, विधायकों और अन्य प्रतिनिधियों का सैलरी में कटौती का फैसला किया है. सभी की सैलरी में एक साल तक 30 फीसदी प्रति महीने के हिसाब से कटौती की जाएगी।
बिहार में विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री सभी का वेतन 40 हजार रुपये प्रति महीना है. इसी का 15 प्रतिशत अर्थात छह हजार हर माह इनके वेतन से कट जाएगा. इसके अलावा विधायकों को प्रतिमाह 50 हजार भत्ता मिलता है, जिससे कटौती नहीं की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के विधानमंडल में कुल 503 सदस्य हैं, जिनमें से 403 विधानसभा सदस्य और 100 विधान परिषद सदस्य शामिल हैं. यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि प्रदेश के सभी मंत्रियों के वेतन और भत्ते की 30 फीसदी रकम की कटौती से 2,21,76,000 रुपए बनता है।
लॉकडाउन के कारण, असम के वित्त और स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि सूबे के लिए मई का महीना बहुत मुश्किल भरा है। उन्होंने कहा कि, 7 मई के बाद अप्रैल का वेतन देने में शायद समर्थ हो जाएंगे लेकिन जून में अगर कोई मदद नहीं मिली तो हम बकाए का भुगतान करने की स्थिति में भी नहीं होंगे।
इंडिगो के सीईओ रोनोजॉय दत्ता ने 19 मार्च को कहा था कि "मैं व्यक्तिगत रूप से 25 प्रतिशत वेतन में कटौती कर रहा हूं, एसवीपी (वरिष्ठ उपाध्यक्ष) और ऊपर 20 प्रतिशत, वीपीएस (उपाध्यक्ष) और कॉकपिट चालक दल 15 प्रतिशत वेतन में कटौती कर रहे हैं, एवीपी (सहायक उपाध्यक्ष) दत्ता ने केबिन क्रू के साथ बैंड डी 10 फीसदी और बैंड सेस पांच फीसदी लेंगे।"
इंडिगो के सीईओ रोनोजॉय दत्ता ने गुरुवार को कर्मचारियों को बताया कि एयरलाइन ने "सरकार की इच्छाओं" के सम्मान में अप्रैल के महीने के लिए वरिष्ठ स्टाफ सदस्यों के लिए वेतन कटौती को वापस लेने का फैसला किया है।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोहित कपूर ने बुधवार को एक नोट में कहा, "हमारी कंपनी भारत के लिए एक कठिन लेकिन आवश्यक कदम उठा रही है, जिसके तहत हम सभी OYOprenuers को उनके तय मुआवजे में 25% की कमी स्वीकार करने के लिए कह रहे हैं।"
रॉयटर्स द्वारा देखे गए एक आंतरिक मेमो के अनुसार, सॉफ्टबैंक ग्रुप समर्थित OYO होटल्स एंड होम्स ने अप्रैल से शुरू होने वाले चार महीनों के लिए सभी कर्मचारियों के वेतन में 25% की कटौती की है और इसके कुछ लोगों को सीमित लाभ के साथ छुट्टी पर भेज दिया है।
भारत में ऑटोमोबाइल क्षेत्र को प्रमुख विनिर्माण गतिविधि को रोकने के लिए मजबूर किया गया है और उत्पादन और बिक्री में तेज गिरावट आई है। कुछ प्लांट्स के बंद होने के साथ, बड़ी ऑटोमोबाइल विनिर्माण कंपनियों ने वेतन कटौती की घोषणा की है और डीलरशिप को फिर से शुरू करने के फैसले का इंतजार कर रही हैं।
Lockdown 2.0 के कारण सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों की 5 किश्तों में एक महीने की सैलरी कटौती होगी। हालांकि सरकार ने इससे पेंशनर्स को राहत दी है।
केरल राज्य कैबिनेट में प्रस्ताव रखा गया था जिसमें हर कैटेगरी के सरकारी कर्मचारियों की 6 दिन की तनख्वाह को 5 महीने तक काटने का सुझाव दिया गया था। ऐसे में पांच महीनें में हर कर्मचारी की 30 दिन की सैलरी कटौती हो जाएगी।
केरल राज्य कर्मचारियों के वेतन कटौती में यह भी राहत वाली बात है कि सरकार द्वारा काटे गए इस एक महीने के वेतन को एक निश्चित समय के बाद वापस लौटा (Reimburse) कर दिया जाएगा।
केरल राज्य की कैबिनेट मीटिंग में सभी सरकारी कर्मचारियों की 1 माह की सैलरी 5 महीनों की किश्तों में काटने को लेकर प्रस्ताव पेश किया गया और पास हुआ है।
लॉकडाउन के कारण, केरल राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों के 1 महीने के वेतन की कटौती की जाएगी। लेकिन सरकार यह कटौती 5 महीनों की किश्तों में करेगी।
लॉकडाउन के कारण कर्मचारियों के वेतन में कटौती को लेकर केरल राज्य सरकार का नाम भी जुड़ गया है। राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों के 1 महीने के वेतन की कटौती की जाएगी।
वेतन में अस्थाई कटौती के कारण आप लोने लेने के लिए आकर्षित हो सकते हैं, लेकिन इस समय आपको इससे बचना चाहिए, क्योंकि लोन लेने पर आप पर एक नई देनदारी आ जाएगी। वहीं, अगर आप अपने मौजूदा लोन की किश्ते चुकाने में असमर्थ हैं, तो आप बैंक द्वारा दिया जा रहा किश्त टालने का प्लान ले सकते हैं।
मोदी सरकार ने संगठित क्षेत्र के कामगरों को पीएफ योगदान पर राहत दी थी। सरकार ने अप्रैल, मई और जून तक कंपनी और कर्मचारियों की तरफ से 12 फीसदी + 12 फीसदी की रकम ईपीएफओ में अपनी तरफ से जमा करेगी। सरकार ने शर्त रखी है कि वे कर्मचारी जिनकी सैलरी 15 हजार से कम है उन्हें इसका फायदा मिलेगा।
उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने भी मंत्रियों व विधायकों के वेतन में 30 फीसदी तक कटौती का फैसला किया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में बुधवार को बैठक में विधायकों के वेतन में कटौती के अलावा राज्य सरकार ने कोरोना संकट को देखते हुए विधायकों के लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड में अगले दो साल तक 1 करोड़ रुपए की कटौती का निर्णय लिया है।
बिहार में विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री सभी का वेतन 40 हजार रुपये प्रति महीना है. इसी का 15 प्रतिशत अर्थात छह हजार हर माह इनके वेतन से कट जाएगा. इसके अलावा विधायकों को प्रतिमाह 50 हजार भत्ता मिलता है, जिससे कटौती नहीं की जाएगी।
नीतीश सरकार ने मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों के वेतन में एक साल तक 15 फीसदी की कटौती किए जाने का फैसला लिया है. मंत्री और विधायकों के वेतन कटौती से जमा हुई राशि को कोरोना संक्रमण उन्मूलन कोष में जमा किया जाएगा. नीतीश सरकार ने इसे अगले एक साल के लिए तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।
लॉकडाउन के कारण कर राजस्व में आई गिरावट के चलते केंद्र ने 1.13 करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ाने के अपने फैसले को फिलहाल के लिए टाल दिया है। 13 मार्च को, कैबिनेट ने डीए को 4% से 21% तक बढ़ाने के लिए अपनी मंजूरी दी थी, जिसमें वित्त वर्ष 2015 में अतिरिक्त 14,510 करोड़ रुपये की लागत आई होगी।
उत्तर प्रदेश के विधानमंडल में कुल 503 सदस्य हैं, जिनमें से 403 विधानसभा सदस्य और 100 विधान परिषद सदस्य शामिल हैं. यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि प्रदेश के सभी मंत्रियों के वेतन और भत्ते की 30 फीसदी रकम की कटौती से 2,21,76,000 रुपए बनता है।