केंद्रीय विद्यालयों में कॉन्ट्रैक्चुअल शिक्षकों की संख्या हाल के सालों में तीन गुना तक बढ़ गई है। सोमवार (13 मार्च, 2023) को पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन सालों में रेग्युलर टीचर्स की तुलना में संविदा शिक्षकों की संख्या बढ़ी है। यह भी बताया गया कि इन स्कूलों में 12 हजार से ज्यादा शिक्षकों की भर्ती होनी है, जिसके लिए विज्ञापन भी दिया गया है।
12,099 शिक्षकों की भर्ती के लिए दिया गया विज्ञापन
लोकसभा में बताया गया कि संविदा शिक्षकों की संख्या 2020-21 में 3260 थी और 2022-23 में यह संख्या 10,462 हो गई। यह भी बताया गया कि केवी स्कूलों का प्रबंधन करने वाले केंद्रीय विद्यालय संगठन ने शिक्षकों भर्ती के लिए 12,099 रिक्त पदों के लिए विज्ञापन दिया है।
2022 तक 10,462 संविदा शिक्षक रिक्त पदों पर कर रहे थे काम
राज्य मंत्री (शिक्षा) अन्नपूर्णा देवी ने बसपा सांसद रितेश पांडे को लिखित जवाब में यह जानकारी दी है। इसके मुताबिक, 31 दिसंबर, 2022 तक केवी में 10,462 संविदा शिक्षक रिक्त पदों पर कार्यरत थे। पिछले सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि 2018-19 में 9539, 2019-20 में 8912 और 2020-21 में संविदा शिक्षकों की संख्या 3260 हो गई थी, क्योंकि 2019 में भर्ती अभियान चलाया गया था। हालांकि, एक साल के अंदर संविदा शिक्षकों पर निर्भरता फिर से बढ़ी और संख्या 8105 और 2022 तक 10,462 हो गई।
केवी में कुल 12,099 नियमित रिक्त पदों में से 6150 अनरिजर्वड कैटेगरी में आते हैं, 3254 ओबीसी के लिए हैं, जबकि 1802 और 893 एससी एवं एसटी समुदायों के सदस्यों के लिए आरक्षित हैं। सरकार ने सोमवार को वाईएसआरसीपी के लोकसभा में सांसद एन रेड्डीप्पा के एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
इसमें कहा गया, “रिटायरमेंट, इस्तीफे, प्रोमोशन, छात्रों की संख्या में वृद्धि के कारण अतिरिक्त आवश्यकताओं के चलते नई रिक्तियां उत्पन्न होती हैं। रिक्तियों को भरना एक सतत प्रक्रिया है और संबंधित संस्थान के भर्ती नियमों के प्रावधानों के अनुसार रिक्तियों को भरने का प्रयास किया जाता है। शिक्षकों को अस्थायी अवधि के लिए केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) द्वारा कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर नियुक्त किया जाता है।”