यह परीक्षा भारतीय प्रशासनिक सेवाओं (आइएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएश), भारतीय विदेश सेवा (आइएफएस)और अन्य संघ सेवाओं में चयन के लिए एक आयोजित की जाती है। हर साल लाखों विद्यार्थी यह परीक्षा देते हैं।
इस परीक्षा का मुख्य उद्देश्य देश के नेतृत्वीय पदों को भरना है, जहां चुनिंदा युवा अपनी प्रतिभा और योग्यता का परिचय देते हैं। यह परीक्षा साल भर लंबी चलने के साथ-साथ विस्तृत और व्यापक पाठ्यक्रम के लिए भी प्रसिद्ध है। इस परीक्षा में दूसरा चरण मुख्य परीक्षा होती है, जिसमें विद्यार्थियों को एक वैकल्पिक विषय चुनने का अवसर मिलता है।
वैकल्पिक विषय चुनना एक आइएएस उम्मीदवार के लिए महत्त्वपूर्ण परंतु कठिन निर्णयों में से एक है। सामान्य अध्ययन का पाठ्यक्रम विशाल है और सभी उम्मीदवारों के लिए तय है। यूपीएससी किसी भी उम्मीदवार के लिए एकमात्र निर्णय जो छोड़ता है, वह उनके वैकल्पिक पेपर का विषय है। वैकल्पिक विषय चुनने के लिए कई मापदंड होते हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए।
विकल्प विषय का चयन महत्त्वपूर्ण है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। कई अभ्यर्थी अपने वैकल्पिक विषय को चुनने के बारे में गहराई से सोच विचार नहीं करने की गलती करते हैं। सही वैकल्पिक विषय का चयन इसलिए भी जरूरी है क्योंकि अगर आपने एक बार गलत विषय चुन लिया और उस विषय में काफी समय दे दिया, तो बाद में अपना वैकल्पिक विषय बदलना एक कठिन निर्णय हो जाता है।
वैकल्पिक विषय का महत्त्व
किसी उम्मीदवार के लिए उस का वैकल्पिक विषय उसकी सबसे बड़ी ताकत या सबसे बड़ी कमजोरी बन सकता है। जब हम पिछले सालों के ‘टापर’ अभ्यर्थियों के अंकों का विश्लेषण करते हैं, तो हम पाते हैं कि चार सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्रों में उन के अंक ज्यादातर लगभग समान ही होते हैं। निबंध, वैकल्पिक विषय और साक्षात्कार (इंटरव्यू) के अंक ही किसी के चयन और योग्यता सूची में रैंक तय करने में निर्णयक भूमिका निभाते हैं।
अक्सर, सामान्य अध्ययन में समान प्रदर्शन करने वाले दो उम्मीदवारों को उनके वैकल्पिक विषय के कारण अलग-अलग भाग्य का सामना करना पड़ता है। एक का नाम वैकल्पिक पेपरों में ३०० से अधिक अंकों के साथ योग्यता सूची में आता है, जबकि दूसरा वैकल्पिक में 200-230 अंकों के कारण प्रतियोगिता से बाहर हो जाता है। अंकों में यह बड़ा अंतर किसी की यूपीएससी यात्रा की पूरी कहानी बदल सकता है।
वैकल्पिक विषय का चयन करते समय ध्यान में रखे जाने वाले कारक:
दिलचस्पी
अधिकतम अभ्यर्थी यह परीक्षा कई बार देते हैं। एकाधिक प्रयास देते समय अपने उत्साह को बनाए रखने के लिए अपने वैकल्पिक विषय में गहरी रुचि होना बहुत महत्त्वपूर्ण है। यदि आप की विषय में रुचि है तो आप तैयारी के लिए लंबे समय तक डटे रहने और वैचारिक स्पष्टता विकसित करने में सक्षम होंगे।
पाठ्यक्रम की लंबाई
यदि आपके पास तैयारी के लिए कम समय है तो वैकल्पिक पाठ्यक्रम की लंबाई एक निर्णायक कारक हो सकती है। जबकि समाजशास्त्र और मनोविज्ञान जैसे वैकल्पिक विषयों को चार से पांच महीनों में पूरा किया जा सकता है, गणित जैसे कुछ विषयों को नौ महीने या उस से भी अधिक समय की आवश्यकता होती है।
कालेज के विषय
आप अपने कालेज के दौरान पढ़े गए विषयों में से किसी एक को वैकल्पिक विषय के रूप में चुनने का विचार कर सकते हैं, क्योंकि आप ने उन को पहले ही काफी पढ़ रखा है। हालांकि, यदि कालेज में कई सालों तक अध्ययन करने के बाद भी आपने उन विषयों में रुचि और क्षमता विकसित नहीं की है; तो आप अपने कालेजके विषयों को वैकल्पिक के रूप में न लें ।
मार्गदर्शन, अध्ययन सामग्री की उपलब्धता
यदि आपका वैकल्पिक विषय आपके कालेज विषय नहीं है, तो आपको इसके लिए मार्गदर्शन की आवश्यकता हो सकती है। किसी विशेषज्ञ शिक्षक या अनुभवी उम्मीदवार द्वारा दिए गए मार्गदर्शन से तैयारी को सही दिशा में ले जाने में मदद मिलती है। इसके अलावा, अध्ययन सामग्री की उपलब्धता पर भी विचार करें। लोकप्रिय वैकल्पिक विषयों के लिए कई किताबें, वेबसाइट, नोट्स और पाठ्यक्रम आसानी से उपलब्ध हैं। लेकिन पशुपालन जैसे कम लोकप्रिय विकल्प के लिए सामग्री ढूंढ़ना मुश्किल हो सकता है।
अभ्यर्थियों का प्रदर्शन
उन अभ्यर्थियों के प्रदर्शन का आकलन करें जिन्होंने पिछले प्रयासों में यह विकल्प लिया था। पिछले कई सालों में चयनित अभ्यर्थियों की कुल संख्या और उनके द्वारा हासिल अंकों को देखें और मूल्यांकन करें। निर्णय लेने के लिए सफलता या विफलता के चंद उदाहरणों पर ना निर्भर करें । अपने वैकल्पिक विषय को चुनते समय सभी पहलुओं पर गौर करना आवश्यक है। न केवल वैकल्पिक विषय में प्राप्त उच्चतम अंकों का आकलन करें, बल्कि इसमें हासिल औसत और सबसे कम अंकों का भी आकलन करें।
विकल्प का चयन करते समय निम्न गलतियों से बचें
आप दूसरों से सलाह ले सकते हैं लेकिन किसी और को आप के लिए वैकल्पिक विषय चुनने न दें। सावधानीपूर्वक और विचार-विमर्श के बाद अपने निर्णय पर स्वयं पहुंचना महत्त्वपूर्ण है।. किसी वैकल्पिक विषय को केवल इसलिए न चुनें क्योंकि वह लोकप्रिय है। किसी विशेष वर्ष के परिणाम से प्रभावित होने से बचें। कई सालों में किसी विषय के अभ्यर्थियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करें। केवल दोस्तों की सलाह पर या उन की देखा देखी वैकल्पिक विषय का चयन करने से बचें।
वैकल्पिक विषय चुनने की सही प्रक्रिया
अपनी सूची में अपने कालेज के दौरान पढ़े गए विषयों को शामिल करने पर विचार करें यदि आप की उन में रुचि है। अन्य विषयों में से उन विषयों को हटा दें जिनके लिए विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए; एक कला स्नातक को चिकित्सा विज्ञान को वैकल्पिक नहीं चुनना चाहिए। चिकित्सा विज्ञान जैसा विषय केवल वही चुने जिस ने इसे स्नातक स्तर पर पढ़ा हो।अपनी सूची में कुछ ऐसे विषयों को शामिल करें जिनकी तैयारी के लिए स्नातक स्तर उसे पढ़ा होना आवश्यक नहीं है, जिसका पाठ्यक्रम छोटा है और जो आइएएस उम्मीदवारों में लोकप्रिय हैं। सूची के विषयों के यूपीएससी पाठ्यक्रम और पिछले सालों के प्रश्न पत्रों को पढ़ें।
विषयों के बारे में अपने छोटे बड़े संदेह को स्पष्ट करने के लिए वरिष्ठ उम्मीदवारों और उन विषयों के शिक्षकों के साथ चर्चा करें । विषयों से परिचित होने के लिए कुछ बुनियादी पुस्तकों पर नजर डालें। 11वीं और 12वीं कक्षा की एनसीईआरटी पुस्तकें आम तौर पर इस उद्देश्य के लिए काफी उचित होती हैं। अपनी रुचि का और गहरा आकलन करने के लिए सभी चुने हुए विषयों पर कुछ वीडियो व्याख्यान आनलाइन देखें।
हर कदम पर, जिन विषयों के साथ आप सहज महसूस नहीं करते हैं उन को छोड़कर अपनी सूची को छोटा करें। इस तरह किसी एक विषय को चुन लें। वैकल्पिक विषय का चयन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए एक महत्त्वपूर्ण निर्णय है। इसलिए, आपको सावधानीपूर्वक विचार करना चाहिए और समय और मेहनत के साथ अपने चयन को निर्धारित करना चाहिए। याद रखें कि आपका वैकल्पिक विषय आपकी परीक्षा के परिणामों पर सीधा प्रभाव डालेगा, इसलिए आपको अपनी रुचि, ताकतें और अभिलाषाएं ाविल सेवा परीक्षा एक गर्व का संबोधन है।
इसलिए, अच्छे से विचार-विमर्श करके अपने वैकल्पिक विषय का चयन करें और अपने सपनों को साकार करने के लिए पूरी मेहनत और समर्पण के साथ तैयारी करें। ऐसा कोई एक विषय नहीं है जो सभी उम्मीदवारों के लिए सही हो। वह विषय चुनें जो आप के लिए सही हो। सही निर्णय आपको परीक्षा में अच्छी रैंक हासिल करने में सक्षम बनाएगा।
प्रणय अग्रवाल (निदेशक, आइएएस गुरुकुल)