सबसे कम उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीतने वाले 18 साल के गुकेश डी की इस उपलब्धि के बाद चेन्नई के एक स्कूल की चर्चा काफी हो रही है। दरअसल, इस स्कूल का नाम है वेलाम्मल विद्यालय है जो कि मोगप्पैर इलाके में है। इस स्कूल की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि गुकेश डी की स्कूलिंग यहीं से हुई है। उन्होंने 12वीं इसी स्कूल से की है। वैसे इस स्कूल का नाम सिर्फ इसीलिए इन दिनों सुर्खियों में नहीं है बल्कि इसकी और भी वजह है। गुकेश के अलावा प्रज्ञानंद और विश्वनाथन आनंद भी इसी स्कूल से पढ़े हैं।

इस स्कूल ने दिए हैं चैंपियन

वेलम्मल विद्यालय को शतरंज के चैंपियन पैदा करने वाला स्कूल कहा जाने लगा है, क्योंकि गुकेश डी और विश्वनाथन आनंद दोनों शतरंज के वर्ल्ड चैंपियन बने हैं और दोनों ही इस स्कूल से पढ़े हैं। वेल्लाम्मल संस्थान पूरे देश में शतरंज क्रांति के पीछे उत्प्रेरक कहा जाने लगा है। विश्वनाथन आनंद के बाद गुकेश और प्रज्ञानंद ने इसी स्कूल से शतरंज की बारीकियों को सीखा है। इस स्कूल ने सिलेबस के एक हिस्से के रूप में शतरंज को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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जयललिता ने की थी स्कूल की स्थापना

इस स्कूल की स्थापना पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता ने की थी। वेल्लाम्मल इंस्टीट्यूशंस ने लगातार पांच साल विश्व स्कूल शतरंज चैंपियनशिप जीती है। इस स्कूल में अधिकतर बच्चों की रूचि ही शतरंज में होती है और इसीलिए स्कूल प्रशासन इस खेल को बढ़ावा देने के लिए हमेशा प्रयासरत रहता है। ऐसा नहीं है कि इस स्कूल में खेल को ही ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है बल्कि पढ़ाई में भी यह स्कूल काफी अच्छा है।

ग्रैंडमास्टर्स भी निकले हैं इस स्कूल से

इस स्कूल से वर्ल्ड चैंपियन के अलावा कई ग्रैंडमास्टर्स भी निकले हैं। गुकेश, प्रज्ञानंद और विश्वनाथन आनंद के अलावा एसपी सेतुरमन, लियोन मेंडोंका, के प्रियदर्शन, बी अधिबन, विष्णु प्रसन्ना, विशाख एनआर, विग्नेश एनआर, एम कार्तिकेयन, सी अरविंद, कार्तिक वेंकटरमन, वी प्रणव, एस भरत, अर्जुन कल्याण, पी कार्तिकेयन, एन श्रीनाथ, जबकि महिला ग्रैंडमास्टर्स वर्षिनी एस (वेलावन की बेटी), वैशाली आर (प्रज्ञानंद की बहन), आर रक्षित और बी सविता श्री ने इसी स्कूल से पढ़ाई की है।