यूपी के फिरोजाबाद के टूंडला शहर के टेकारी गाँव के एक किसान के पुत्र धरवेंद्र यादव भारतीय डीप स्पेस नेटवर्क, बयालू में काम करते हैं। वर्तमान में ब्राजील के अल्केनतारा की एक ऑब्जर्वेट्री में काम कर रहे 33 वर्षीय वैज्ञानिकए चंद्रयान -2 मिशन के एक संचालन प्रबंधक (ऑपरेशन मैनेजर) हैं और स्पेसक्राफ्ट को चंद्रमा की ओर दिशा देते रहने में मदद करते हैं। वह भारत में चंद्रयान-2 स्पेसक्राफ्ट के स्वास्थ्य संबंधी डेटा, नेविगेशन डेटा और टेली-कमांड की जानकारी भारत में स्थित ISRO की टीम को प्रदान करते हैं।
टॉइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए धरवेंद्र ने कहा, “इस मिशन का हिस्सा बनना मेरे लिए एक सम्मान की बात है। हम इस मिशन पर चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।” धरवेंद्र ने 2011 में इसरो में शामिल होने की कलाम से प्रेरणा ली थी। वे फिलहाल ब्राजील में हैं मगर चंद्रयान-2 मिशन पर ISRO के साथ काम कर रहे हैं।
धरवेंद्र ने अपनी स्कूली शिक्षा टूंडला के एक निजी स्कूल से की। इसके बाद आगरा के एक कॉलेज से बीटेक और एनआईटी जालंधर से एमटेक किया। उनकी बहन दीपिका ने एमटेक पूरा कर लिया है और उनके भाई उपेंद्र सिविल्स की तैयारी कर रहे हैं। उनके भाई उपेन्द्र ने बताया, “मेरे भाई का स्कूल गाँव से 15 किमी दूर था। वह साइकिल लेकर स्कूल जाता या हमारे पिता जी तांगे पर स्कूल छोडकर आते थे।” उनके पिता शंभू दयाल यादव ने कहा, “मैं केवल हाई स्कूल तक ही पढ़ाई कर सका। लेकिन मैंने सुनिश्चित किया कि मेरे सभी बच्चे उच्च शिक्षा के लिए जाएं और अपने क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करें।” आज सारे देश को धरवेन्द्र पर गर्व है।
